-एमजी रोड पर नई ट्रैफिक व्यवस्था से परेशान वाहन चालक

-एक रूट पर दो अलग-अलग सिग्नल की व्यवस्था से असमंजस

आगरा। शहर में ट्रैफिक जाम से निपटने के लिए नए-नए रुल्स लागू किए जा रहे हैं। इस बार लागू किया गया नियम वाहन चालकों के लिए समस्या बन गया है, इससे जाम के हालात पैदा हो रहे हैं। वहीं दुर्घटना की संभावना भी बढ़ रही है। वर्तमान में एमजी रोड पर ट्रैफिक के भार को कम करने और जाम से छुटकारा दिलाने के लिए एक ही ओर से आने वाले वाहनों को दो भागों में बांटा गया है।

ये बनाया नया नियम

एमजी रोड पर वाहनों का भार कम करने के लिए हरीपर्वत चौराहे पर नया रूल बनाया गया है। इसमें एक ही ओर जाने वाले वाहनों को दो सिग्नलों से निकाला जा रहा है। जैसे- सेंट जॉन्स से आने वाले वाहनों को हरीपर्वत चौराहा पर रोका जा रहा है। इसमें पहला सिग्नल होने पर भगवान टाकीज जाने वाले वाहनों को निकाला जा रहा है, जबकि दूसरा सिग्नल होने पर चौराहे से घटिया की ओर मुड़ने वाले वाहनों को निकाला जा रहा है। इसी तरह भगवान टाकीज से आने वाले वाहनों को हरीपर्वत चौराहे से पहना सिग्नल होने पर सेंट जॉन्स निकाला जा रहा है तो वहीं दूसरा सिग्नल होने पर उन्हें देहली गेट के लिए पास किया जा रहा है।

रफतार पर ब्रेक से लग रहा जाम

नया नियम तो लागू कर दिया गया है, लेकिन इससे उल्टा जाम के हालात पैदा हो रहे हैं। हरीपर्वत चौराहे से जिन वाहनों को घटिया की ओर जाना है वे आगे अपना वाहन खड़ा कर लेते हैं, जबकि भगवान टाकीज की ओर जाने वाले वाहन सिग्नल होने पर इनके कारण फंस जा रहे हैं। इसके कारण जाम के हालात पैदा हो रहे हैं। वहीं दुर्घटना की संभावना भी बढ़ रही है। ऐसे में अगर कोई वाहन चालक पुरानी ट्रैफिक व्यवस्था के अनुसार यू टर्न करने की कोशिश करेगा तो एमजी रोड से गुजरने वाले वाहनों की चपेट में आ सकता है। इससे हादसे की संभावना और बढ़ जाती है।

कोन डिवाइडर की व्यवस्था रही फेल

ट्रैफिक की गति को दो भागों में बांटने के लिए दो वर्ष पहले कोन डिवाइडर की व्यवस्था की थी, कोन डिवाइडर को एक रस्सी में बंधकर एक रोड के दो भाग किए जाते थे। शहर के अन्य स्थानों पर भी धाíमक आयोजन या जुलूस को ध्यान में रखते हुए कोन डिवाइडर का इस्तेमाल किया जाता था, लेकिन अक्सर देखा जाता कि कोन डिवाइडर दो पहिया या चौपहिया वाहनों में अटक कर काफी दूर तक घिसटते जाते थे, वहीं कई बार व्यवस्थित करने के बार फिर से रोड पर इधर-उधर पड़े देखे जाते थे। यह व्यवस्था फेल रही है।

स्थाई डिवाइडर से चालकों को राहत

हालांकि कोन व्यवस्था फेल होने के बाद स्थाई डिवाइडर का निर्माण कराया गया, जिसमें दिल्ली गेट की ओर से आने वाले वाहनों को भगवान टॉकिज और घटिया की ओर बांटा जाता है, इससे एमजी रोड पर लगने वाले जाम से राहत मिली है। वहीं बीच में छोटे-मोटे कटों को भी पूरी तरह बंद कर दिया गया है। संजय प्लेस के लिए हरीपर्वत, स्पीड कलर लैब, सूरसदन से कट लिया जा सकता है। वहीं शाह मार्केट की ओर जाने वाले कट को बंद कर दिया गया, ऐसे में शाहमार्केट के लिए दीवानी चौराहे से यूटर्न लेना पड़ता है।

एमजी रोड पर वाहनों की संख्या अधिक है। रोड कई दशक पुराने हैं। जाम का मुख्य कारण एमजी रोड का चौड़ीकरण नहीं होना है। एमजी रोड पर वाहनों की संख्या को ध्यान में रखते हुए रोड को और चौड़ा करना होगा।

हितेश कुमार, दो पहिया वाहन चालक

शहर के लोगों के लिए जाम बड़ी समस्या है। इमरजेंसी में आने जाने के लिए वाहन चालकों को जाम से गुजरना पड़ता है। ऐसे में प्रशासन को स्थाई हल खोजना होगा। जाम से निजात के लिए पब्लिक का अवेयर होना भी जरूरी है।

मोनू कुमार, वाहन चालक

कार से शहर में एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने के लिए घंटो लग जाते हैं। वहीं एमजी रोड के लिंक रोड लोहामंडी और घटिया, सदर भट्टी, मंटोला, बिजलीघर पर कार से जाना बहुत मुश्किल है।

शैलेन्द्र वशिष्ट, चौपहिया वाहन चालक

भगवान टॉकीज की ओर से जाने वाले वाहन जब दयालबाग की ओर जाते हैं तो जाम के हालात बन जाते हैं। दयालबाग की ओर से आने वाले वाहन और जाने वाले वाहन आपस में टकराते हैं, डिवाइडर की व्यवस्था होनी चाहिए।

मनोज कुमार, दो पहिया वाहन चालक

यातायात सप्ताह का शुभारंभ वाहन चालकों को जागरूक करने के लिए किया गया है। वहीं ट्रैफिक रुल्स की जानकारी दी जाती है, जिससे सभी वाहन चालक बनाए गए नियमों का पूरी तरह पालन करें। इसके साथ ही जाम से निजात मिल सके।

प्रशांत कुमार, एसपी ट्रैफिक

Posted By: Inextlive