-शु़क्रवार को लालपुल से लेकर पथरीबाग चौक तक निगम की कार्रवाई रही जारी

-कई ठेलियां, खोखे कर दिए गए जमींदोज, निगम कार्मिकों को होना पड़ा गुस्से का शिकार

देहरादून, ठेली-रेहड़ी चलाने वाले हाथ जोड़कर गिड़गिड़ा रहे थे। लेकिन नगर निगम की जेसीबी बिना परवाह के एक-एक करके ठेलियों को ध्वस्त करते आगे बढ़ रही थी। बीच बचाव के लिए कुछ लोग आगे भी बढ़े, लेकिन, नगर निगम के कर्मचारियों ने उनको भी नहीं बख्शा। ये नजारा दोपहर करीब एक बजे का है। लाल पुल से लेकर पथरीबाग चौक नगर निगम ने अतिक्रमण के नाम पर कई ठेली-रेहड़ी संचालकों कहर बरपाया। यहां तक कि कई खोखों को तो जेसीबी ने जमींदोज कर डाला। निगम की इस कार्रवाई के कारण अब इन व्यापारियों के सामने आजीविका तक का संकट खड़ा हो गया है। कईयों का हजारों रुपए के खोखे, ठेलियां व सामान भी बर्बाद हो गए।

आतंक जैसा माहौल नजर आया

कोरोना में बेरोजगार हो चुके युवाओं को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी स्वरोजगार से जोड़ने की बात कर रहे हैं। गुरुवार को ही उन्होंने तमाम विभागों को इसके लिए टारगेट भी दिए हैं। लेकिन, राजधानी में तो नगर निगम इसके उलट काम कर रही है। जो व्यापारी खुद अपनी आजीविका चलाने के लिए स्वरोजगार से जुड़े हैं, निगम उन्हीं को उजाड़ने पर जुटा हुआ है। शुक्रवार को अतिक्रमण हटाने के नाम पर पटेलनगर में नगर निगम की टीम ने जो आतंक मचाया, उससे हर कोई हैरान है। जेसीबी और लाठी-डंडों से लैस नगर निगम कर्मियों ने पटेलनगर लालपुल से पथरीबाग तक लाइसेंसधारी गरीब फड़-ठेली वालों पर जमकर कार्रवाई की। लोग गिड़गिड़ाते रहे और रोजी-रोटी बचाने की गुहार लगाते रहे, लेकिन निगम कर्मचारी नहीं मानें। जेसीबी के जरिए निगम ने फूडवैन व खोखों को ध्वस्त कर डाला। बीच-बचाव करने पहुंचे आमजन के साथ निगम कर्मियों ने जमकर बदसलूकी भी कर दी। इधर, दोपहर में हंगामे के दौरान जब निगम के भूमि कर अधीक्षक विनय प्रताप सिंह मौके पर पहुंचे तो उन्हें गुस्साए नागरिकों का विरोध झेलना पड़ा। इधर, मेयर सुनील उनियाल गामा ने घटना की जांच के आदेश दे दिए हैं।

माननीयों के आने पर हटाए गए

शुक्रवार को नगर निगम की कार्रवाई का सच दरअसल सीएम के दस अगस्त के आगमन से जुड़ा बताया जा रहा। सूत्र बताते हैं कि जिला उद्योग केंद्र के आउटलेट का उद्घाटन करने 10 अगस्त को सीएम पटेलनगर पहुंच रहे हैं।

शुल्क चाहिए, वेंडिंग जोन नहीं

निगम लाइसेंस धारक फड़ व ठेली वालों से सालाना शुल्क वसूल रहा है, लेकिन वेंडिंग जोन अभी तक नहीं बना पाया। ऐसे में फड़-ठेली वाले कहां अपना ठिया लगाएं यह उन्हें भी नहीं पता।

बाजारों में हिम्मत नहीं जुटा पाना निगम

पूरे शहर में अतिक्रमण पसरा हुआ है। मुख्य बाजार में व्यापारियों ने फुटपाथ और सड़क तक कब्जाए हुए हैं, लेकिन निगम टीमों की वहां जाने की हिम्मत नहीं होती।

उजाड़ना था तो लोन क्या

गरीब फड़ वालों ने केंद्र सरकार, राज्य सरकार व नगर निगम पर उनकी रोजी-रोटी छीनने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि जब उजाड़ना ही है तो उन्हें ऋण क्यों दिया जा रहा। सुरेंद्र कुमार के अनुसार कोरोनाकाल में उनके घर में खाने के लाले पड़ गए थे, तब पिछले साल और इस साल उन्हें दो बार पीएम स्वरोजगार योजना के तहत 10-10 हजार रुपये का लोन नगर निगम ने दिया। उसने निगम से लाइसेंस भी लिया व सालाना शुल्क भी दे रहा। संजीव ने कहा कि उन्होंने भी लोन लेकर फूडवैन बनाई। लेकिन, जेसीबी से फूडवैन तोड़ दी गई।

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निगम टीम ने गरीब जन पर ऐसा अत्याचार किया है तो यह वाकई शर्मनाक है। यह घटना मेरे संज्ञान में नहीं आई और न ही मैनें कोई टीम कार्रवाई को भेजी थी। घटना की पूरी रिपोर्ट तलब की है और जो भी दोषी होंगे, उनके खिलाफ निश्चित कार्रवाई की जाएगी।

सुनील उनियाल गामा, मेयर, नगर निगम देहरादून,

Posted By: Inextlive