लगता है वर्दी वाले बड़े साहब को और सब भी 'वर्दी वाले' ही लगते हैं. तभी तो वर्दी पहनना अनिवार्य होने के बाद भी सभी ऑटो चालक धड़ल्ले से सादा कपड़ों में राइडिंग कर रहे हैं. अनदेखी का आलम यह है कि पुलिस प्रशासन को दस सालों में एक भी ऑटो चालक बिना वर्दी के नहीं दिखा है जबकि देखा जाए तो स्थितियां इसके विपरीत हैं.


आगरा(ब्यूरो)। ऑटो चालक बिना वर्दी के ऑटो चलाते देखे जा सकते हैं, हर चौराहे पर एक या दो दर्जन से अधिक ऑटो चालक देखे जा सकते हैं। उससे भी अधिक ऑटो रोड पर दौड़ते नजर आते हैं, जिन्हें बिना वर्दी के चालक चलाते हैं। लेकिन ट्रैफिक पुलिस को यह नजर नहीं आता, क्योंकि पिछले दस साल में एक भी चालान बिना वर्दी के नहीं किया गया है। क्योंकि नियमानुसार चालक , परिचालकों को वर्दी पहनना अनिवार्य है।

बिना वर्दी के चालक पर 500 का चालान
मोटर व्हीकल एक्ट के अनुसार वर्दी नहीं पहनने पर चालक और परिचालकों के चालान काटे जाते हैं। बिना वर्दी के ऑटो चलाने पर पांच सौ रुपए का चालान काटा जाता है। इसके साथ ही दस हजार से लेकर पच्चीस हजार रुपए तक जुर्माना वसूला जा सकता है। बिना वर्दी के ऑटो चलाना नियमों का उलंघन है, ये ट्रैफिक पुलिस को नजर नहीं आता।

दस साल में नहीं एक भी चालान
ट्रैफिक पुलिस और परिवहन विभाग की ओर से पिछले दस साल में बिना वर्दी के ऑटो नजर आने पर एक भी चालान नहीं किया गया है। इस संबंध में एसीपी ट्रैफिक सैय्यद अरीब अहम ने बताया है कि ऑटो चालकों का वर्दी पहनना अनिवार्य है, नहीं पहनना ट्रैफिक रूल्स उल्लंघन की श्रेणी में आता है, ड्रैस कोड फिर से लागू करने की पहल की जाएगी। इस संबंध में दो दिन के भीतर आलाधिकारियों के साथ बैठक की जाएगी। ऑटो चालक ड्रस कोड को अमल में लाने का कार्य किया जाएगा।

अलग से पहचान में आएंगे चालक
अक्सर देखा गया है कि ऑटो चालक की पार्किंग व चौराहों पर बने ऑटो स्टैंड पर संदिग्ध लोगों का जमावड़ा रहता है। ऐसे में ये पहचानना बहुत मुश्किल है कि कौन चालक है और कौन नहीं, अगर ऑटो चालकों का ड्रेस कोड लागू किया जाता है तो उनकी पहचान अलग से की जाएगी। इतना ही नहीं क्राइम और असमाजिक गतिविधियों पर भी अंकुश लगाया जा सकेगा।


रात में अनट्रेंड चलाते हैं ऑटो
जिले में इन दिनों ऑटो चालकों की मनमानी बढ़ गई है, खासतौर से रात के समय में अधिक रहती है। मानक से अधिक सवारियों को बैठाते हैं, साथ ही रास्ते में किराया भी अधिक वसूलते हैं। दिन में ऑटो का मालिक चलाता है, जबकि रात में अनट्रेंड लड़कों को थमा दिया जाता है। इनमें से कइयों की मिली भगत अपराधियों से भी सामने आई है। कभी-कभी सवारियों के साथ जहरखुरानी की घटना सामने आई है, कई बार छेडख़ानी की घटनाएं भी सामने आईं हैं, बावजूद आरोपी चालकों की पहचान नहीं हो पाई। इन तमाम बातों को ध्यान में रखते हुए सभी चालक नियम के तहत सवारी बैठाकर चलेंगे।


ऑटो चालकों को गाड़ी चलाते समय ड्रेस पहनना अनिवार्य है, अगर ऑटो चालक ड्रेस नहीं पहनता तो इस पर चालान के साथ जुर्माना वसूला जाता है। इस संबंध में दो दिन के भीतर इस मामले में बैठक आयोजित की जाएगी।
- सैय्यद अरीब अहमद, एसीपी ट्रैफिक


अधिकतर लोग शहर में आने जाने के लिए ऑटो का ही इस्तेमाल करते हैं, ऐसे में उनको एक विश्वास भी होता है कि वे सुरक्षित सफर कर रहे हैं।
डॉ। गौरव शर्मा


ऑटो चालकों को ड्रेस और बैच होना चाहिए। जिससे उनकी पहचान बनी रहे, अगर कोई क्राइम होता है तो उनकी पहचान आसानी से की जा सके।
मोनू वर्मा

ट्रैफि क पर एक नजर.
शहर में दौड़ रहे ऑटो की संख्या
20 हजार के करीब
-परमिट के साथ चल रहे ऑटो
7000
ड्रेस पहनने वाले चालक की संख्या
00

Posted By: Inextlive