आगरा. ब्यूरो आए दिन हो रहे सड़क हादसों से न तो जिम्मेदार सबक लेने को तैयार हैं न ही राहगीर लोग भी जान जोखिम में डालकर ट्रैफिक रूल्स को ठेंगा दिखते हुए जान हथेली पर रखकर रोड क्रॉस करते देखे जा सकते हैं. जबकि ऐ दिन पहले ही हाईवे स्थित आईएसबीटी पर बस और ट्रक की भिडंत में 15 लोग गंभीर रुप से घायल हो गए थे. आलम यह है कि सिकंदरा से रामबाग तक का सफर हादसों का सफर कहा जाने लगा है. यहां पिछले साल भर मे 50 से अधिक राहगीर जान गंवा चुके हैं. रविवार को दैनिक जागरण-आईनेक्स्ट की टीम ने आईएसबीटी पर स्थिति का जायजा लिया.

बेतरतीब बसों व अवैध कट हादसों की वजह
दैनिक जागरण-आईनेक्स्ट की टीम को आईएसबीटी पर बेतरतीब ढंग से खड़ी बसें और अवैध कट हादसों की वजह बन रहे हैं। इस दौरान लोग जान जोखिम में डाल कर सड़क पार करते दिखे। अवैध कट पर खड़े ऑटो बेतरबीन ढंग से खड़ी रोडवेज बसें स्ट्रीट लाइट के पोल से सड़क पार करते नजर आए।

-जिस जगह हुआ हादसा उसी जगह खड़ी मिली बसें।

-शुक्रवार को आईएसबीटी पर जिस जगह सड़क हादसा हुआ उस जगह पर रोडवेज बसों के चालक बड़े ही बेतरतीब ढंग से हाईवे पर बसों को रोककर सवारियां लेते और उतारते हैं। यही हादसों की वजह भी बनती है। जब आईनेक्सट की टीम आईएसबीटी के उसी जगह पहुंची जहां हादसा हुआ था। ठीक उसी जगह उसी कट पर उस जगह तीन चार बसें बेतरतीब ढंग से खड़ी हुई थीं। यानी कि एक दिन पहले हुए सड़क हादसे से किसी ने कोई सबक नहीं लिया हालत जस के तस थे।


स्ट्रीट लाइट के पोल को बनाया अवैध कट।

-लगातार हो रहे हादसों के बाद संबंधित विभाग ने आईएसबीटी की तरफ डिवाइडर पर दीवार लगा कर दोनों तरफ से अवैध कट को बंद कर दिया था, जिस जगह स्ट्रीट लाइट लगाई जानी थी उसी जगह पोल की जगह छोड़ दी थी। जब डीजे आईनेक्स्ट की टीम वहां पहुंची तो बस स्टैंड से भगवान टाकीज की तरफ जाने वाले राहगीर स्ट्रीट लाइट के पोल के लिए छोड़ी गई जगह से ही हाईवे पार कर रहे थे। बड़ी संख्या में महिलाएं भी उसी पोल की जगह से सड़क पार करती दिखीं। जबकि हाइवे पर दोनों तरफ तेज रफ़्तार वाहन दौड़ रहे थे। यानि कि जऱा सी लापरवाही से ही हादसा हो सकता था।

-हादसे की जगह पर फिर सज गया अवैध स्टैंड.

-शुक्रवार को जिस जगह सड़क हादसा हुआ उस जगह पर दिन भर वाहनों का जमावड़ा रहता है। ऑटो और बस चालक वहां सवारियां उतारते बिठाते हैं। हादसे के अभी तक निशान भी सड़क से नहीं मिटे थे। उसी जगह फिर से अवैध स्टैंड सज गया। ऑटो चालक यहां ऑटो खड़े कर आराम कर रहे थे। वहीं कई बस भी यहां खड़ी हुई थीं। हादसों से न तो विभाग कोई सुध ले रहा न राहगीर कहने को तो यहां यातायात पुलिसकर्मी भी तैनात थे लेकिन वह भी सिर्फ खड़े हो कर तमाशा देख रहे थे।


-ये हैं सवाल।

-जब दो दिन पहले ही हादसा हुआ तब भी वहां पुलिस तैनात क्यों नहीं थी।
-इतने सड़क हादसों के बाद भी ग्रिल क्यों नहीं लगाई गई।
-जब हाइवे पर कोई भी स्टैंड ही नहीं है तो जगह जगह ऑटो और बसों का जमावड़ा क्यों रहता है।
-हादसों के बाद भी हाइवे पर पुलिस बल तैनात क्यों नहीं है।
-राहगीरों के लिए फुटओवर ब्रिज आईएसबीटी पर क्यों नहीं है।
-डिवाडर को पूरी तरह बंद क्यों नहीं किया गया।

-हाइवे पर सभी प्रमुख जगहों पर पुलिसकर्मियों की तैनाती कर दी गई है। कट पर डिवाइडर बनाने को संबंधित विभाग को पत्र जारी कर दिया गया है। नियमित रूप से अभियान चला कर अवैध खड़े ऑटो और बस के खिलाफ अभियान चलाया जाएगा।

-सैयद अरीब अहमद सहायक पुलिस आयुक्त यातायात।


-पता नहीं जिम्मेदार लोग कब जागेंगे। लोग हाइवे पर छोटी सी जगह में से सड़क पार करते हैं। यही हादसों की जड़ बनता है। सरकार के साथ स्थानीय प्रशासन को इस पर ध्यान देना होगा।

-विकास तिवारी।

-गुरुद्वारा पर बना हुआ फुट ओवर ब्रिज बंद पड़ा है। पता नहीं क्यों लोग उसको उपयोग नहीं करते अक्सर लोग जान पर खेल कर सड़क पार करते हैं लेकिन इनका उपयोग नहीं करते पता नहीं क्यों

-दीपक दक्ष।


-आईएसबीटी पर ऊंची ग्रिल लगाकर इसको पूरी तरह बंद कर यहां फुट ओवर ब्रिज बना दिया जाए। तो शायद यात्री फिर इस तरह से जान पर खेल कर सड़क पार न करें। पुलिस को भी अभियान चलाना चाहिए।

-दीपक दुबे।

-पता नहीं क्यों लोग जान पर खेल कर सड़क पार कर रहे हैं। इस पर सरकार को नियम बना कर पालन कराना चाहिए। पुलिस भी ऐसे लोगों पर कार्यवाई करे तो हालात सुधर सकते हैं।

-ब्रजेश शर्मा।

Posted By: Inextlive