हालत गंभीर होने पर दिल्ली में चल रहा इलाज, दी गई टेमीफ्लू

जवान के परिजन, बैरक में रहने वाले साथी जवान सहित 51 के लिए सैंपल

आगरा। कोरोनावायरस के अलर्ट के बीच मेरठ के बाद आगरा में भी स्वाइन फ्लू ने दस्तक दे दी है। 15 वीं वाहिनी पीएसी में तैनात जवान में स्वाइन फ्लू पॉजिटिव पाया गया है। उन्हें दिल्ली के एम्स में रेफर कर दिया है। एहतियात बरतते हुए रविवार को जवान के फैमिली मेंबर्स सहित बैरक में साथ रहे लोगों की स्क्रीनिंग की गई है। यहां से 51 संदिग्ध पेशेंट्स के सैंपल एसएन मेडिकल कॉलेज भेज दिए गए हैं। इनकी रिपोर्ट मंडे को आएगी। इससे पहले संदिग्ध पेशेंट्स को टेमीफ्लू दवा खिला दी गई है।

जवान को कई दिनों से था बुखार

15वीं वाहिनी पीएसी में कार्यरत 40 वर्षीय जवान को कई दिनों से बुखार और सर्दी-जुकाम था। उन्होंने 26 फरवरी को पीएसी हॉस्पिटल में डॉक्टर से परामर्श लिया। यहां डॉक्टर्स ने उन्हें दिल्ली रेफर कर दिया, लेकिन फैमिली मेंबर्स ने जवान को आगरा के प्राइवेट हॉस्पिटल में एडमिट करा दिया। यहां पर डॉक्टर्स ने जांच में एच1एन1 की पुष्टि की और इसके बाद उन्हें दिल्ली में एम्स रेफर कर दिया गया। इसके बाद जवान के फैमिली मेंबर्स और बैरक में साथ रह रहे जवानों की स्क्रीनिंग की गई। इसमें 51 संदिग्ध पेशेंट्स के मुंह और नाक से स्वैब लेकर एसएन के माइक्रोबायोलॉजी विभाग में जांच के लिए भेजे गए हैं। इनको प्रिकॉशन के तौर पर टेमीफ्लू टेबलेट दी गई है।

मेरठ में भी पीएसी में आया था ऐसा मामला

आगरा में स्वाइन फ्लू का पहला केस 15वीं पीएसी वाहिनी में सामने आया है। इससे पहले मेरठ में भी पीएसी में ये मामला सामने आया है। मेरठ में छठी पीएसी वाहिनी में 27 जवानों की जांच की गई थी, जिनमें 20 जवानों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। इस मामले की लखनऊ तक गूंज पहुंच गई है। इसके लिए लखनऊ से एक स्पेशल टीम मेरठ पहुंच रही है।

पीएसी में ट्रेनिंग के लिए आए हैं कई जिलों के जवान

पीएसी में इस वक्त कॉन्स्टेबल्स की ट्रेनिंग चल रही है। यहां कई जिलों के कॉन्स्टेबल ट्रेनिंग के लिए आए हुए हैं। इनसे भी इंफेक्शन फैलने की आशंका है। वहीं, इन सभी को भी इंफेक्शन फैलने का खतरा है।

बाहर न निकलें संदिग्ध

पीएसी वाहिनी में 51 संदिग्ध लोगों सहित जवानों से बाहर निकलने के लिए मना किया गया है। संदिग्ध लोगों को मुंह पर मास्क लगाकर अलग कमरे में रहने के लिए कहा गया है।

आइसोलेशन वार्ड में नहीं है स्टाफ

इस सीजन आगरा में स्वाइन फ्लू का यह पहला मामला सामने आया है। लेकिन, हेल्थ डिपार्टमेंट इसको लेकर अलर्ट नहीं हुआ है। जिला अस्पताल और एसएन में आइसोलेशन वार्ड तो पहले से बने हुए हैं। लेकिन यहां स्टाफ तैनात नहीं है।

कोरोना से खतरनाक है स्वाइन फ्लू

एच1एन1 वायरस का प्रसार कोरोनावायरस से ज्यादा है। अपने यहां पर कोरोनावायरस के मामले नहीं हैं इसलिए इसके फैलने का खतरा कम है। जबकि, एच1 एन1 अपने यहां पर मौजूद है। इंफेक्टेड व्यक्ति के मुंह और नाक से निकलने वाले ड्रॉपलेट से स्वस्थ्य लोगों में फैलता है। संक्रमित मरीज से छह फीट तक बीमारी फैलने का खतरा है। बच्चों को खतरा बना हुआ है, इससे बचने के लिए बच्चों को भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में ना भेजें।

स्वाइन फ्लू के केस

2017 - 172 केस

2018 - 5 केस

2019 - 227

स्वाइन फ्लू के लक्षण

ए - मामूली खांसी-जुकाम, बुखार

बी 1 - तेज बुखार, सर्दी जुकाम

बी 2 - खांसी जुकाम और तेज बुखार

सी - सांस लेने में तकलीफ, तेज बुखार, लिवर में समस्या, बॉडी के अन्य पा‌र्ट्स भी ठीक से काम नहीं करते।

पीएसी के जवान में स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई है। उसे दिल्ली के एम्स में रेफर कर दिया गया है। 51 संदिग्ध के सैंपल एसएन मेडिकल कॉलेज भेज दिए गए हैं। इनकी रिपोर्ट सोमवार को आ जाएगी। एहतियात के तौर पर उन्हें टेमीफ्लू दवा खिला दी गई है।

डॉ। मुकेश वत्स, सीएमओ

Posted By: Inextlive