आगरा: प्रतापपुरा स्थित बोन हॉस्पिटल, प्रतापपुरा में जटिल ऑपरेशन किया गया। ढाई माह के बच्चे के जन्मजात तीन पैर (टेराटोमा) थे, एक पैर ऑपरेशन कर हटाया गया। बच्चा अब ठीक है। मेडिकल लिटरेचर में इस तरह के नौ केस ही रिपोर्ट हैं।

मैनपुरी, भोगांव के नगला जासमई निवासी प्रदीप सिंह के ढाई माह के बेटे श्रेयांश चौहान के जन्मजात मल द्वार के पास तीसरा पैर था। इसमें छह अंगुली और ¨लग भी था। कई हॉस्पिटलों में दिखाया, उनसे एस, दिल्ली या एसजीपीजीआई, लखनऊ ले जाने के लिए कहा गया। बोन हास्पिटल में वरिष्ठ अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉ। डीवी शर्मा के निर्देशन में डॉ। विक्रांत अग्रवाल, डॉ। सचिन नजारा और डॉ। दिव्य प्रकाश शर्मा ने बच्चे का ऑपरेशन किया। दो घंटे के ऑपरेशन के बाद तीसरे पैर को हटा दिया गया। मल द्वार को बनाया गया। टीम में मनोज शर्मा, नेकराम और देवेंद्र भी शामिल रहे।

पूरे प्रदेश से आगरा में डॉक्टर्स से मरीज इलाज कराने आते हैं। जटिल और दुर्लभ ऑपरेशन यहां के डॉक्टर कर रहे हैं।

डॉ। डीवी शर्मा, पूर्व अध्यक्ष आइएमए

टेराटोमा के नौ केस ही रिपोर्ट हैं। यह दुर्लभ होता है। ऑपरेशन में खतरा रहता है।

डॉ। विक्रांत अग्रवाल, पिडियाट्रिक सर्जन

पैर मलद्वार पर था, ढाई महीने की उम्र होने के कारण ऑपरेशन को चुनौती के रूप में लिया गया।

डॉ। दिव्य प्रकाश शर्मा, अस्थि रोग विभाग

Posted By: Inextlive