जीवनीमंडी स्थित चैैंबर भवन में मंगलवार को चैैंबर प्रेसिडेंट राजेश गोयल की अध्यक्षता में रीयल एस्टेट कारोबारियों से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई. चैैंबर प्रेसिडेंट ने कहा कि प्रदेश में स्टांप की कमी के लाखों वाद विभिन्न न्यायालयों में कई साल से लंबित हैं. इस कारण रीयल एस्टेट कारोबारियों में अनिश्चिता का माहौल बना हुआ है.


आगरा(ब्यूरो)। इससे एक ओर तो रीयल एस्टेट व्यापार प्रभावित हो रहा है वहीं दूसरी ओर सरकार को राजस्व की उचित प्राप्ति भी नहीं हो पा रही है। उन्होंने बताया कि इस प्रकरण के निराकरण के लिए सीएम योगी को भी पत्र लिखा गया है। इसमें एक सीमित समयावधि के लिए स्टांप वादों के निपटान के लिए एक मुश्त समाधान योजना (ओटीएस) पूरे प्रदेश में लागू करने की अपील की है।

समय और लागत दक्षता
रियल एस्टेट प्रकोष्ठ के समन्वयक राहुल जैन ने कहा कि इस ओटीएस योजना में करदाता द्वारा सरकार को देय स्टांप कमी की मूल धनराशि जमा कराने पर स्टांप अधिनियम में प्रभावी चार गुना पेनल्टी और डेढ़ परसेंट मासिक ब्याज की राशि की शत प्रतिशत पूर्ण रूप से माफी प्रदान करने की व्यवस्था होनी चाहिए। ऐसी योजना से प्रदेश के राजस्व में वृद्धि, प्रदेश के कर प्रशासन प्रणाली पर बोझ कम होगा। समय और लागत दक्षता, करदाताओं का आर्थिक प्रोत्साहन एवं सरकार और करदाताओं के बीच विश्वास और सकारात्मक संबंध बढ़ाने आदि अनेकों लाभ होंगे। इस दौरान चैैंबर उपाध्यक्ष मनोज बंसल,कोषाध्यक्ष योगेश जिंदल, रियल एस्टेट प्रकोष्ठ के समन्वयक राहुल जैन, नगर निगम प्रकोष्ठ के समन्वयक विनय मित्तल, पूर्व अध्यक्ष सीताराम अग्रवाल, शलभ शर्मा, मनोज कुमार गुप्ता, मयंक मित्तल आदि मौजूद रहे।

Posted By: Inextlive