-एमजी रोड पर सिटी बसों में सफर करना किसी चुनौती से कम नहीं

-ठूस-ठूस कर भर लिये जाते हैं मुसाफिर

आगरा। किसी भी शहर में पब्लिक ट्रांसपोर्ट इसलिए होता है कि पब्लिक को सहूलियत हो। उन्हें आने-जाने में कोई प्रॉब्लम न हो। लेकिन, ठीक इसके उलट आगरा में चल रही सिटी बसों में सफर करना किसी परेशानी से कम नहीं है। इन खटारा बसों में लोगों को बेतरतीब तरीके से भर दिया जाता है। आलम ये होता है कि ठीक से खड़े होने की भी जगह नहीं होती है। ये कहा जा सकता है कि सिटी बसों में लोग सफर नहीं सफ्फर करते हैं।

ओवरलोड हो जाती हैं बस

एमजी रोड पर आलम ये है कि भगवान टॉकिज से सवारी बस में चढ़ती हैं और सूरसदन तक पहुंचते-पहुंचते बस ओवरलोड हो जाती है। दूसरा कोई ऑप्शन न होने के कारण पब्लिक को इन बसों में सफर करना मजबूरी है। यदि वे इन बसों में न बैठें तो उन्हें लेट हो जाएगा। बसों में लोग रिस्क लेते हुए लटककर भी जाते हैं। फिर चाहे उनके साथ कोई हादसा क्यों न हो जाए।

बसों की हालत है खस्ता

सिटी में चल रही यात्री बसों की हालत खस्ता है। इनकी सीट के कवर फट चुके हैं। कई सीटें तो टूट भी गई हैं। खड़े यात्रियों के लिए पकड़ने वाले हैंडल भी गायब हो चुके हैं। यदि महिलाओं की बात करें तो इन बसों में यात्रा करना उनके लिए बिल्कुल भी सेफ नहीं है। बसों में महिलाओं और सीनियर सिटीजंस को सीट नहीं मिल पाती है। पुरुष तो जैसे-तैसे बस में चढ़ जाते हैं, लेकिन महिलाओं का इतनी भीड़ में चढ़ना मुश्किल हो जाता है।

नहीं है कोई ऑप्शन बी

एमजी रोड पर यदि आपके पास अपना व्हीकल नहीं है, तो आपके लिए अपने डेस्टिनेशन तक पहुंचना किसी मुश्किल टास्क से कम नहीं होगा। क्योंकि, एमजी रोड पर न तो ऑटो चलने की अनुमति है और न ही मयूरी रिक्शा। इसलिए यात्रियों के लिए कोई ऑप्शन बी अवेलेबल नहीं है। लोगों को मजबूरी में बसों में धक्के खाते और जोखिमभरा सफर करना पड़ता है।

ट्रैफिक पुलिस की नहीं है नजर

ट्रैफिक को लेकर रूल्स काफी सख्त हो गए हैं। स्मार्ट सिटी के तहत चौराहों पर कैमरे लगा दिए गए हैं। बाइक पर हेलमेट न पहनने, पीयूसी सर्टिफिकेट न होने पर मोटा चालान किया जा रहा है। लेकिन, इन ओवरलोड बसों पर ट्रैफिक पुलिस की भी कोई नजर नहीं पड़ती है।

Posted By: Inextlive