रनवीर ने रची थी अपहरण की साजिश, पुलिस ने भेजा जेल
-एत्माद्दौला के तिहरे हत्याकांड में वादी का भाई हुआ था लापता
-पूर्व फौजी को नामजद करके वसूलना चाहते थे पांच लाख रुपये जासं, आगरा: एत्माद्दौला के नगला किशनलाल से पांच दिन पहले लापता हुए रनवीर का अपहरण नहीं हुआ था । उसने भाइयों के कहने पर अपहरण की साजिश रची थी । वह पूर्व फौजी से पांच लाख रुपये वसूलना चाहते थे । पुलिस ने जांच के बाद अपहरण की साजिश रचने वाले रनवीर को रविवार को जेल भेज दिया .वह तिहरे हत्याकांड के मुकदमे में वादी भूरी सिंह का भाई है ।नगला किशनलाल में 30 अगस्त की रात को रामवीर उनकी पत्नी मीरा और बबलू की हत्या कर दी गयी थी । मृतक और हत्यारोपित दोनों ही अनुसूचित जाति के थे । इसके चलते मुकदमा सिर्फ हत्या और लूट में दर्ज हुआ था । जबकि मृतक के स्वजन इसमें पूर्व फौजी नर सिंह पाल को भी आरोपित बनाना चाहते थे । इससे कि मुकदमे में एससीएसटी एक्ट बढ़ जाए । पुलिस ने अपनी जांच में पूर्व फौजी को इस घटना में शामिल नहीं पाने पर उसे आरोपित नहीं बनाया । पूर्व फौजी ने मृतक बबलू की रेलवे में नौकरी लगवाने का ठेका लिया था । रनवीर सिंह और उसके भाइयों को शक था कि पूर्व फौजी ने मृतक रनवीर से नौकरी लगवाने के नाम पर रकम ली है ।
एसएसपी बबलू कुमार ने बताया, रनवीर 13 अक्टूबर को रहस्मय तरीके से लापता हो गया था । उसके भाई चंद्रभान ने अपहरण मुकदमा दर्ज कराया था । इसमें पूर्व फौजी को आरोपित बनाया था । दोनों भाइयों ने पुलिस पर पूर्व फौजी को जेल नहीं भेजने पर आत्मदाह करने का दबाव बनाया था । पुलिस पर उनका यह दबाव काम नहीं आया । रनवीर 16 अक्टूबर को शमसाबाद में मिल गया । उसने पुलिस को अपहरण की कहानी बताई जो जांच में फर्जी निकली । पुलिस ने उसे रविवार को जेल भेज दिया .उसके परिवार के चंद्रभान, रघुवीर आदि के खिलाफ साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं । ऐसे रची साजिश, पुलिस को इस तरह मिले सुराग13 अक्टूबर: पुलिस ने जांच की शुरूआत सुबह से की । इसमें पता चला कि रनवीर सादाबाद निवासी बलुआ के साथ खंदौली गया था । वहां खेत से मूली खरीदी । शाम चार बजे वह मूली लेकर जलेसर रोड पर आया और ठेल पर उसे बेचा । रनवीर ने बलुआ को बताया था कि भाइयों के कहने पर वह गायब होने वाला है । वह उसके बारे में किसी को न बताए ।
-13 अक्टूबर की रात को अपनी ससुराल गोपालपुरा चला गया । वहां उसके साले गौतम को पता चला तो उसने इसका विरोध भी किया । 14 अक्टूबर: सुबह रनवीर के भाई उसकी ससुराल पहुंचे । रघुवीर और चंद्रभान ने उससे कहा कि वह छिपकर रहे । पुलिस दबाव में आ गयी है । -14 अक्टूबर: भाइयों के जाने के बाद रनवीर शमसाबाद के गांव हरि नगर निवासी दीपक के घर चला गया । वहां पर दो दिन छिपकर रहा । जब दीपक को उसकी साजिश का पता चला तो उसने भी विरोध किया । -16 अक्टूबर: सुबह पांच बजे दीपक ने बाइक से रनवीर को शमसाबाद रेलवे पुल के नीचे छोड़ दिया । रनवीर ने अपने कपड़े फाड़ने के बाद चोट के निशान बना लिए । -पुलिस के रनवीर द्वारा बनाई गयी अपहरण की कहानी में जितने भी लोगों के नाम सामने आए थे । इन सबके बयान लिए गए । सीसीटीवी फुटेज और मोबाइल की लोकेशन रनवीर की कहानी से मिलती हुई पायी गयी ।