-फ्रेंड्स ऑनली सिलेक्ट कर अपलोड करें पर्सनल फोटो और वीडियो

-मैसेज, सवालों के जवाब ले जाएंगे आपके यूजर नेम और पासवर्ड तक

आगरा। एडीजी जोन राजीव कृष्ण और साइबरपीस फांउडेंशन के सहयोग से साइबर अवेयर के लाइव सेशन में यू-टयूब चैनल के जरिए जानकारी शेयर की गई। लाइव सेशन में सोशल मीडिया पर फ्री के लालच में फंसकर यूजर साइबर क्राइम का शिकार हो रहे हैं। अगर आप भी कोई कंटेन या मैसेज फॉरवर्ड कर रहे हैं तो मुसीबत में फंस सकते हैं। ऐसे में आपके लिए भी फैक्ट चेकिंग के तरीकों को जानना बेहद जरूरी है।

सोशल मीडिया पर फेंक कंटेंट की भरमार

सोशल मीडिया पर इन दिनों फेंक मैसेज की भरमार है। इनका उद्देश्य साधारण हंसी-मजाक करने से लेकर बड़ी हिंसा फैलाने तक कुछ भी हो सकता है। ये मैसेज केवल सरकार के लिए ही नहीं, बल्कि आम लोगों के लिए भी बड़ी समस्या बन सकते है। इस तरह के मैसेज सुरक्षा के लिए भी बड़ा खतरा हैं.मंगलवार को साइबर जागरुकता को लेकर लाइव सेशन में एक्सपर्ट द्वारा अवेयर करने का कार्य किया गया।

जानें मैसेज की सच्चाई

सोशल मीडिया पर लुभावने मैसेज में फ्री रिचार्ज या कोई अन्य जानकारी दी जाती है। मैसेज पढ़ने वाले बिना किसी जानकारी के उसके संपर्क में आ जाते हैं, इस प्रोसेस को फॉलो करने में लिंक शेयर किया जाता है, जिसके जरिए साइबर क्रिमिनल्स यूजर नेम और पासवर्ड तक पहुंच जाते हैं। जिसके जरिए एकाउंट हैक जैसी घटनाएं सामने आती हैं। यही वजह है कि सोशल मीडिया पर वायरल या फेक पोस्ट पर पुलिस समेत अन्य सुरक्षा एजेंसियां हमेशा नजर रखती हैं। कुछ एक संस्थान फर्जी कंटेट का नियमित वायरल टेस्ट या फैक्ट चेक करते रहते हैं। पर पूर्व में वायरल हुए कई फोटो, वीडियो व सोशल मीडिया पोस्ट को सच्चाई की कसौटी पर परखा जाता है। इसके अलावा खुद भी सतर्कता से ऐसे मैसेज की सच्चाई पता कर सकते हैं।

क्रिटीकल थिंकिंग, सेफ शेयरिंग

लाइव सेशन में एक्सपर्ट द्वारा सेफ शेयरिंग के टिप्स यू-टयूब चैनल पर दिए गए। जिसमें क्रिटीकल थिंकिंग, सेफ शेयरिंग, जब भी हम सोशल मीडिया का इस्तेमाल करते हैं, या जब भी हम सोशल मीडिया पर कुछ लिखते हैं या कुछ पोस्ट करने से पहले एक बार जानकारी जरुरी है। क्योंकि जो हमको बुरा लगता है वो दूसरों को भी बुरा लग लग सकता है।

प्रोटेक्टिंग डाटा

अपना सोशल एकाउंट की सेटिंग में जाकर अलग-अलग प्राइवेसी सेटिंग्स को ऑन रखना चाहिए, जब भी कोई पोस्ट किया जाए तो वह पब्लिक या फ्रेंड्स के बीच हो रहा है यह देखना चाहिए।

मजबूत पासवर्ड में आठ डिजिट

एफबी, ट्वीटर, व्हाट्सएप, यू-टयूब, इंस्टाग्राम पर ट्रू फैक्टर ऑथेंटिकेशन लगाकर रखना चाहिए। जिससे किसी को आपका यूजर आईडी और पासवर्ड का पता न चल सके। एक मजबूत पासवर्ड में आठ डिजिट होते हैं।

फ्री रिचार्ज के मैसेज को ना करें स्वीकार

जब भी हमें व्हाट्सएप, ईमेल टैक्स्ट, मैसेज या अन्य किसी माध्यम के जरिए लुभावने ऑफर आते हैं तो जैसे सस्ता सामान, लॉटरी, फ्री रिचार्ज, प्राप्त हो तो उसको अस्वीकार करना चाहिए।

इन बातों का रखें ध्यान

-सोशल मीडिया पर मिलने वाले संदेश या वेबसाइट के लिंक में स्पेलिंग मिस्टेक है, तो उसके फर्जी होने की संभावना बहुत ज्यादा होती है।

-किसी भी चौंकाने वाले संदेश को बिना सोचे-समझे या उसकी वास्तविकता चेक किए बिना फॉरवर्ड न करें। ऐसा करने पर आपके खिलाफ भी अफवाह फैलाने के लिए कार्रवाई हो सकती है।

-फेक मैसेज को ज्यादा फरोसेमंद बनाने के लिए उसके फोटो या वीडियो का प्रयोग किया जाता है, जैसा कि वर्तमान माहौल में फेंक जानकारी प्रसारित करने के लिए कर रहा है। इन पर बिना सोचे-समझे भरोसा न करें।

-गूगल रिवर्स इमेज से भी फोटो की वास्तविकता पता की जा सकती है। यहां से आपको ये मालूम चल जाएगा कि दिखाई जा रही फोटो कहां की और कब की है।

-अगर किसी मैसेज कंटेंट पर संदेह है और उसकी सच्चाई आप पता नहीं लगा पा रहे हैं, तो उसके बारे में इंटरनेट पर सर्च करें और देखें कि क्या किसी भरोसेमंद वेबसाइट पर उस बारे में कोई जानकारी है या नही।

-धाíमक या किसी क्षेत्र विशेष या समहू की भावनाएं भड़काने या उनके प्रति घृणा फैलाने वाले मैसेज फर्जी होते हैं, ऐसे मैसेज किसी व्यक्ति विशेष या समूह द्वारा हिंसा फैलाने के लिए साजिश के तहत वायरल किये जाते हैं।

-झूठी खबरें फैलाने के लिए अक्सर किसी न्यूज में प्रकाशित खबर की फर्जी कटिंग का भी प्रयोग किया जाता है। मैसेज में दिखाई जा रही खबर फर्जी हो सकती है, जिसे कम्प्यूटर की मदद से एडिट किया गया हो।

-कोई संदेहास्पद मैसेज प्राप्त होने पर आप उसे भेजने वाले से भी पूछ सकते हैं कि उसे वह जानकारी कहां से और कैसे मिली, क्या मैसेज भेजने वाले को इसके बारे में जानकारी है।

-अगर किसी मैसेज को फॉरवर्ड करने से पहले आप थोड़ी-सी भी सतर्कता बरतते हैं तो आप किसी फर्जी मैसेज को वायरल न करें।

मंगलवार को प्रसारित होने वाले लाइव सेशन को जोन पुलिस के यू-ट़यूब चैनल पर अपलोड किया गया है। कोई भी व्यक्ति अपनी सुविधा के अनुसार देखकर साइबर क्राइम के तरीकों व बचाव के बारे में जानकारी हासिल कर सकता है।

राजीव कृष्ण, एडीजी जोन

Posted By: Inextlive