AGRA। सिटी में अब शायद ही आपको अतिक्रमण हटाते हुए निगम के महाबली की दहाड़ सुनने को मिले। इस अभियान को राजनीतिक नुमाइंदों की नजर लग गई है। इसी के चलते अभियान का नेतृत्व कर रहे अधिकारियों को तितर-बितर कर दिया गया। नतीजतन मंगलवार को निगम अपने पूरे अमले के साथ स्पॉट पर पहुंच गया, लेकिन बिना कोई कार्रवाई किए ही लौट आया। आगे भी इसी तरह अभियान के अधर में लटकने की आशंका है। हालांकि सिटी मजिस्ट्रेट ने बुधवार को अभियान चलाने की बात कही है।

आनन-फानन में रिलीव

सिटी मजिस्ट्रेट रेखा एस। चौहान के साथ अभियान की कमान संभाल रहे नगर निगम के पर्यावरण अभियंता राजीव राठी को आनन-फानन में रिलीव कर दिया गया। इससे उन लोगों में खुशी की लहर दौड़ गई, जो राजनीतिक नुमाइंदे इस अभियान को कुचलने में जुटे थे, वहीं सिटी की अफसरशाही में मायूसी छा गई।

सिटी मजिस्ट्रेट भी दिखीं मायूस

पर्यावरण अभियंता के रिलीव की खबर मिलते ही सिटी मजिस्ट्रेट रेखा एस। चौहान मायूस हो गई। कार्यालय में बैठी सिटी मजिस्ट्रेट किसी से नहीं मिलीं। दोपहर में उन्हें डीएम पंकज कुमार के यहां से एसएन में हुई बच्चों की मौत की जांच के निर्देश प्राप्त हो गए। इसके बाद वे जांच के लिए एसएन हॉस्पिटल निकल गई।

सीएम ने भी की थी प्रशंसा

ताजनगरी में चल रहे अतिक्रमण हटाओ अभियान की प्रशंसा खुद प्रदेश के सीएम अखिलेश यादव ने की थी। कमिश्नर प्रदीप भटनागर ने अभियान के लिए सिटी मजिस्ट्रेट और पर्यावरण अभियन्ता की तारीफ की थी। बावजूद इसके अभियान के दौरान राजनेताओं के खिलाफ कार्रवाई का दंश पर्यावरण अभियंता को झेलना पड़ा।

ऐसे आए रडार पर

पिछले दिनों राजपुर चुंगी में अभियान चलाया गया था। यहां राजेश्वर मंदिर के पास एक मकान से अतिक्रमण हटाने को लेकर अधिकारियों की सपा नेता से कहासुनी हो गई थी। अभद्रता करने पर अधिकारियों ने सपा नेता को पुलिस के हवाले कर दिया था, हालांकि बाद में चेतावनी देकर उसे थाने से छोड़ दिया गया था।

लखनऊ में डाले रखा था डेरा

सपा नेता की एक पूर्व राज्यमंत्री से करीबी बताई जाती है। इसी को पूर्व राज्यमंत्री ने अपनी प्रतिष्ठा बना लिया। 10 दिन में अभियान का नेतृत्व कर रहे अधिकारियों को हटवाने की कसम ली। अभियान को कुचलने के उद्देश्य से यह माननीय पिछले कई दिनों से लखनऊ में डेरा डाले हुए थे। अभियान की कमान संभालने वाले एक अधिकारी के ट्रांसफर के बाद ही उन्होंने राहत की सांस ली।

हुआ है बड़ा खेल

पर्यावरण अभियंता का ट्रांसफर करीब पांच महीने पहले ही हो चुका था, लेकिन उन्हें रिलीव नहीं किया था। इसे लेकर पूर्व राज्यमंत्री ने कमिश्नर से लेकर नगर आयुक्त पर तक दबाव बनाया कि राजीव राठी को रिलीव किया जाए, लेकिन वे दबाव में नहीं आए। बताया जा रहा है कि जब लखनऊ से डंडा चला तो नगर आयुक्त को राजीव राठी को रिलीव करना ही पड़ा। जानकारों के मुताबिक रिलीव कराए जाने में बड़ा लेन-देन भी किया गया है।

मंगलवार को नहीं चला अभियान

मंगलवार को आवास विकास कॉलोनी में अभियान चलाया जाना था, लेकिन पर्यावरण अभियंता राजीव राठी को नगर आयुक्त द्वारा तत्काल प्रभाव से रिलीव कर दिया गया। इसका असर अभियान पर भी देखने को मिला। निगम का अमला जेसीबी आदि लेकर पूरी तैयारी के साथ स्पॉट पर पहुंच गया था, लेकिन कोई भी प्रशासनिक अधिकारी नहीं पहुंचा, इससे निगम कर्मचारी बेरंग लौट गए।

Posted By: Inextlive