आगरा: उल्टी और दस्त के साथ सांस लेने में परेशानी होने पर भर्ती मरीज की कोरोना की रिपोर्ट पाजिटिव बताई गई। चार दिन बाद मौत हो गई। कोरोना की आरटी-पीसीआर (रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन पालिमरेस चेन रिएक्शन) रिपोर्ट निगेटिव बताते हुए शव सौंप दिया, इसे लेकर मंगलवार को परिजनों ने हंगामा किया। पुलिस ने समझा-बुझाकर उन्हें शांत करा दिया।

शुक्रवार को किया था भर्ती

बल्केश्वर निवासी सुमित कुमार गोयल ने बताया कि उनके ससुर अवध बिहारी मित्तल को उल्टी-दस्त और सांस लेने में परेशानी होने पर शुक्रवार को रश्मि मेडिकेयर में भर्ती कराया गया। यहां से प्रभा ट्रॉमा सेंटर रेफर कर दिया, वहां एंटीजन टेस्ट किया गया। कोरोना की रिपोर्ट पॉजिटिव बताते हुए इलाज शुरू कर दिया गया। आरोप है कि हास्पिटल प्रशासन ने कोरोना की आरटी-पीसीआर जांच दो दिन बाद कराई। साथ ही तबीयत खराब बताते हुए दिल्ली और गुरुग्राम ले जाने के लिए कह दिया गया।

मौत के बाद नहंी दिया शव

सोमवार शाम को अवध बिहारी मित्तल की मौत हो गई। तब तक आरटी-पीसीआर की रिपोर्ट नहीं आई थी। ऐसे में शव नहीं दिया गया। मंगलवार सुबह रिपोर्ट निगेटिव बताते हुए शव ले जाने के लिए कह दिया। भर्ती करते समय पाजिटिव रिपोर्ट और मौत के बाद निगेटिव रिपोर्ट बताने पर परिजनों ने हंगामा किया। चार दिन में हास्पिटल के बिल और दवाओं पर खर्च किए गए 2.50 लाख रुपये वापस करने की मांग की गई, इसे लेकर काफी देर तक हंगामा चलता रहा। पुलिस ने मामला शांत कराया, परिजनों ने थाना सिकंदरा में प्रभा हास्पिटल के संचालक पर कार्रवाई के लिए तहरीर दी है।

आरटी-पीसीआर की रिपोर्ट सबसे सटीक होती है। मरीज की मौत हृदय गति रुकने से हुई है, हास्पिटल के चार्ज निर्धारित हैं, अधिक चार्ज लिए गए हैं तो जांच कराई जाएगी।

डा। आरसी पांडे, सीएमओ

Posted By: Inextlive