- कार्रवाई के नाम पर महज होती है औपचारिकता पूरी

आगरा। आगरा में भी प्राइवेट बसें मौत बनकर दौड़ रही हैं। बसों की स्थिति देखते ही आपको पता चल जाएगा कि उनकी हालत कैसी है। बावजूद इसके सवारियों को क्षमता से अधिक भरकर चलते हैं। इनपर न तो प्रवर्तन दल की नजर पड़ती है और न ही इसके लिए जिम्मेदार अधिकारी कभी इनके विरुद्ध कार्रवाई करते हैं।

प्राइवेट बसों पर नहीं है अंकुश

प्राइवेट बस संचालक मनमानी पर उतारू हैं। उनपर किसी का कोई अंकुश नहीं है। उनकी फिटनेस के नाम पर महज औपचारिकता निभाई जाती है। क्षमता से अधिक सवारियां भर ली जाती हैं। सुरक्षा के नाम पर कोई इंतजाम नहीं हैं।

कार्रवाई के लिए चला था अभियान

भगवान टाकीज से लेकर आईएसबीटी तक डग्गेमार प्राइवेट बसों के विरुद्ध रोडवेज और आरटीओ विभाग का संयुक्त अभियान चला था। इस दौरान कार्रवाई के नाम पर महज औपचारिकता भर निभाई गई। जिनके विरुद्ध कार्रवाई होनी थी, उन्हें बचाया गया। उनके विरुद्ध कार्रवाई नहीं हो सकी। डग्गेमार वाहन अक्सर ओवर स्पीड से चलते हैं। इनके विरुद्ध कोई कार्रवाई भी नहीं होती है। आरटीओ का प्रवर्तन दल इनके विरुद्ध कार्रवाई न कर केवल ट्रकों को ही निशाना बनाते हैं।

कन्नौज में 20 से ज्यादा जिंदा जले

फर्रुखाबाद से जयपुर जा रही स्लीपर बस कन्नौज के जीटी रोड पर ट्रक से भिड़ गई। हादसा इतना भीषण था कि ट्रक का डीजल टैंक फट गया। ट्रक और बस दोनों में आग लग गई। कई यात्रियों ने बस से कूदकर जान बचाई। हादसे में 20 से ज्यादा लोगों के जिंदा जलने की आशंका जताई गई।

Posted By: Inextlive