आगरा। डॉ। भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो। अशोक मित्तल की शिकायतों की जांच के ¨बदु राजभवन से प्रेषित किए जा चुके हैं। संभावना जताई जा रही है कि एक-दो दिन में जांच समिति आगरा आएगी।

प्रो। अशोक मित्तल को विगत पांच जुलाई को भ्रष्टाचार, प्रशासनिक व वित्तीय अनियमितताओं सहित अन्य गंभीर शिकायतों के बाद राज्यपाल आनंदी बेन पटेल के आदेश के बाद कार्य विरत कर दिया गया था। लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो। आलोक राय को अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। जांच के लिए सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति रंजना पंडया की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच कमेटी का गठन किया गया है। जांच समिति में छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर के कुलपति प्रो। विनय कुमार पाठक, सिद्धार्थ विश्वविद्यालय कपिलवस्तु, सिद्धार्थनगर के पूर्व कुलपति प्रो। सुरेंद्र दुबे को सदस्य बनाया गया है। समिति को एक माह में कुलाधिपति को अपनी जांच रिपोर्ट सौंपनी है।

राजभवन ने जांच के लिए भेजे ¨बदु

- बिल पास कराने के लिए हरगो¨वद अग्रवाल के माध्यम से 20 फीसद सुविधा शुल्क मांगना।

- 103 अतिथि प्रवक्ताओं की गैर कानूनी नियुक्ति।

- पदों पर सजातीय लोगों को बैठाना।

- परिनियमावली में घोर अनियमितताएं।

- जिन प्रोफेसरों के खिलाफ मुकदमे दर्ज हैं, उनकी नियुक्ति की जांच।

- कोविड 19 महामारी फैलाना।

- सेल्फ फाइनेंस कालेजों में शिक्षकों की नियुक्ति व अन्य अनियमितताएं।

- मनचाहा पैनल बनाना।

- शिक्षक माफियाओं से संबंध।

- वर्तमान में संबद्धता विभाग में अपनों को रखकर घालमेल कराना।

- राजभवन में समीक्षा बैठक में संतोषजनक जवाब न देना।

- लेखा आडिट में अनियमितताएं।

- आंबेडकर चेयर धांधली।

Posted By: Inextlive