आगरा। दिन में 3 से 4 बार दुकान की सफाई करनी पड़ती है। रास्ता इतना खराब है कि ग्राहक भी दुकान पर आने से डरते हैं। अकेले बैठे हुए भी मास्क लगाना पड़ता है कोरोना के डर से नहीं, बल्कि यहां टू-व्हीलर के गुजरने पर ही धूल का गुबार उड़ता है। न जाने अब तक कितनी धूल तो हमारी बॉडी में जा चुकी होगी। ये व्यथा सिर्फ बोदला-पश्चिमपुरी रोड पर पेंट व्यापारी सौंरभ सिंह की ही नहीं है, बल्कि शहर के अधिकतर एरियाज में इस समय कमोवेश ऐसी ही स्थिति है। दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट ने मंगलवार को शहर के विभिन्न एरियाज का जायजा लिया तो चौंकाने वाली तस्वीर सामने आई। महीनों से सड़क पर डामर गायब है। कच्चा रास्ता नजर आता है। लेकिन, उनकी सुनने वाला कोई नहीं है।

आए दिन हो रहे हादसे

बोदला-सिकंदरा रोड पर ईट मंडी के पास से एक रास्ता पश्चिमपुरी चौराहे के लिए जाता है। क्षेत्रीय लोगों ने बताया कि करीब छह महीने पहले रोड पर खुदाई का कार्य शुरू हुआ। क्षेत्र में विकास कार्य होने पर खुशी भी हुई लगा कि कुछ दिनों में सबकुछ पहले जैसा हो जाएगा। लेकिन, कार्य की गति इतनी धीमी थी कि महीनों लग गए। अब सीवर लाइन बन चुकी है बावजूद इसके सड़क का निर्माण नहीं हुआ है। रोड के बीचोंबीच गड्ढा है। आए दिन यहां हादसे होते हैं। व्यापारी सौरभ बताते हैं कि मेरे सामने ही पिछले कुछ दिनों में यहां 7-8 दुकानदारों का व्यापार चौपट हो चुका है। इसके पीछे वजह सिर्फ ये सड़क है। यहां रहने वालों की तो मजबूरी है इस रास्ते से गुजरना। अपनी जान जोखिम में डालकर ग्राहक थोड़ा ही न आएगा यहां।

कई बार करनी होती है शोरूम की सफाई

कारगिल से सिकंदरा आरओबी की ओर बढ़ने पर लेफ्ट साइड में करीब 80 फुट चौड़ा रास्ता कटता है। शशि नगर की ओर जाने वाले इस मार्ग की एक लेन बंद है। यहां ऑटोमोबाइल शोरूम के ओनर विनोद बताते हैं कि नवंबर में काम शुरू हुआ था। तब से यह ऐसा ही खुदा पड़ा है। डिवाइडर के एक ओर की सड़क तो पूरी तरह बंद है। इसी के साइड में हमारा शोरूम है। दिन में चार बार शोरूम की सफाई करनी पड़ती है। दिनभर धूल के चलते दम घुटता है वो अलग। जब काम शुरू हुआ था तो ठेकेदार ने कहा था कि 15 दिन में काम पूरा हो जाएगा, लेकिन महीनों बीत जाने के बाद भी स्थिति जस की तस है। रोड खराब होने के चलते आए दिन हादसे होते हैं। वाहन दुर्घटनाग्रस्त होने के साथ ही लोग घायल हो रहे हैं।

ऐसा लगता है मिट्टी के ढेर पर चल रहे हों

बोदला से लोहामंडी के लिए तो ट्रैफिक महीनों से बंद है। यहां सीवर लाइन डाली जा रही है। कई जगह अब भी चैंबर बनाने का काम चल रहा है। ऐसे में यहां रहने वाले नारकीय जीवन जीने को मजबूर है। रोज धूल के गुबार के बीच रहने को मजबूर हैं। यहां रहने वाले विकास शर्मा बताते हैं कि पूरा घर धूल से भरा रहता है। रात में रास्ते से गुजरने में डर लगता है। सड़क तो गायब ही हो चुकी है। ऐसा लगता है कि जैसे मिट्टी के ढेर पर चल रहे हों।

यहां भी मुसीबत

चाणक्यपुरी कॉलोनी, प्रतापपुरा-किशोरपुरा रोड, बोदला चौराहा-मारुति एस्टेट रोड पर भी सड़क खोदाई का कार्य हुआ है। लेकिन इसके बाद सड़कों की मरम्मत नहीं की गई है। इसके चलते यहां रहने वालों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

इस ओर जिम्मेदार नहीं दे रहे ध्यान

- काम की समयसीमा को फॉलो कराने में फेल

- मिट्टी पर पानी का नहीं हो रहा छिड़काव

- लोगों की समस्याओं को किया नजरअंदाज

- गड्ढे को समतल तक भी नहीं कराया गया

- बैरीकेडिंग भी नहीं की गई

दो संस्थाओं को सौंपा गया कार्य

शहर में सीवर लाइन का काम जल निगम की ओर से दो प्राइवेट संस्थाओं को सौंपा गया है। इसमें फर्म मनीषा और एसएसजी इंफ्राटेक की ओर से इस कार्य को पूरा किया जा रहा है। दोनों संस्थाएं इस कार्य को पूरा करने में लगी हैं। इन दोनों संस्थाओं को ही सीवर लाइन की खोदाई से लेकर दोबारा सड़क का निर्माण करना है।

कार्य करने के दौरान लेवल और डिफिकलिटी काफी डिपेंड करती है। कई बार कार्य करने के दौरान पाइपलाइन या अन्य बिजली के तार आ जाते हैं। इसके चलते कई बार कार्य में देरी हो जाती है। साथ ही जब भी गहराई में लाइन डाली जाती है, तो मिट्टी के दबने का इंतजार किया जाता है। ये एक नैचुरल प्रोसेस है। इसमें रोलर का भी इस्तेमाल होता है। जहां भी कार्य चल रहा है वहां पानी के लिए छिड़काव के लिए बोला गया है, जिससे आम लोगों को कोई दिक्कत न हो। फिर अगर कहीं कोई दिक्कत है तो इसे दूर कराया जाएगा।

यदुनाथ सिंह, एक्सईएन, जल निगम

दो निजी संस्थाओं के बीच को-ऑर्डिनेशन में कमी होने के चलते ये दिक्कत हो रही है। काम धीरे हो रहा है। लोहामंडी-बोदला रोड पर ही कार्य को दो हिस्सों में बांट दिया गया है। लोगों को दिक्कत तो हो रही है।

अर्पित सारस्वत, पार्षद, वार्ड 82

बहुत समस्या होती है। दिनभर धूल उड़ती है। दुकान पर ग्राहक आना भी बंद हो गए हैं। वहीं खोदाई के चलते सड़क भी बंद है।

नरेश, मिठाई विक्रेता, मारुति एस्टेट-बोदला रोड

मेरी तबियत खराब है। दिनभर यहां धूल में बैठने को मजबूर हैं। पानी का छिड़काव तक नहीं हो पाता है। सांस लेने तक में दिक्कत होती है।

महावीर सिंह, दुकानदार, ईट की मंडी तिराहा

दिन में कई बार दुकान में सफाई करानी होती है। जब काम शुरू हुआ तो ठेकेदार ने कहा था कि 15 दिन में काम पूरा हो जाएगा, लेकिन चार महीने बाद भी काम अधूरा है। आए दिन हादसे होते हैं।

विनोद, शोरूम ओनर, शशि नगर

व्यापार करना मुश्किल हो गया है। सड़क की यह स्थिति है कि ग्राहक आता ही नहीं है। इसके चलते काफी नुकसान हो रहा है।

सुनील, कारोबारी, ईट की मंडी-पश्चिमपुरी रोड

कई दुकानदाराें का तो मेरे सामने व्यापार चौपट हो गया, सिर्फ इस सड़क की वजह से। जो यहां आसपास रहते हैं, वहीं निकलते हैं। आए दिन लोग हादसे का शिकार हो रहे हैं।

सौरभ सिंह, कारोबारी, ईट की मंडी-पश्चिमपुरी रोड

मिट्टी दब गई है। मेनहोल बाहर निकल आए हैं। कल ही यहां एक बाइक सवार हादसे का शिकार हो गया था। काफी चोट आई उसे।

मनोज, दुकानदार, ईट की मंडी-पश्चिमपुरी रोड

Posted By: Inextlive