पैसेंजर्स न मिलने से 20 से ज्यादा बसें रोडवेज ने की सरेंडर
फिलहाल बसों को 90 दिनों के लिए किया गया सरेंडर
आगरा। कोरोना वायरस महामारी सरकारी और निजी सेवाएं भी प्रभावित हुई हैं। पिछले छह महीने से घाटा झेल रहे रोडवेज में बसों को सरेंडर किया जा रहा है। आगरा रीजन से पैसेंजर्स की कमी से जूझ रहे विभाग ने 20 से ज्यादा बसों को तीन महीने के लिए सरेंडर कर दिया गया है। सरेंडर की गई बसों को फिलहाल वर्कशॉप में खड़ा कर दिया गया है। इसमें एसी, पिंक स्कैनिया और जनरथ बसें शामिल हैं। विभाग के वरिष्ठ अफसरों का मानना है। कि पैसेंजर्स न होने की वजह से इन बसों को 90 दिन के लिए सरेंडर किया गया है। जरूरत पड़ने पर इनको फिर से चालू कर दिया जाएगा। अभी फिलहाल पैसेंजर्स नहीं हैं। खर्च भी नहीं निकल पा रहा है। पैसेंजर्स के लिए की गई कवायदउत्तर प्रदेश परिवहन विभाग की ओर से लॉकडाउन के बाद अनलॉक में पैसेंजर्स बढ़ाने के लिए कई कवायदें की गई, लेकिन कोई लाभ नहीं मिल सका।
पैसेंजर्स की सुविधा के लिए थर्मल स्क्रीनिंग की गई। रजिस्टर में पूरी डिटेल नोट की गई। बेरीकेटिंग कर व्यवस्था की गई। लॉकडाउन के शुरुआत में पैसेंजर्स के लिए स्टेशन पर खाने की व्यवस्था की गई। टिकट देने की व्यवस्था बस की सीट पर ही की।रक्षाबंधन पर फेरों की संख्या बढ़ाई गई।
किराए में किसी भी प्रकार का इजाफा नहीं किया गया। ऑनलाइन टिकट बुकिंग की दी सुविधा आठ वेबसाइट्स को किया गया कनेक्ट एसी स्लीपर, जनरथ, शताब्दी, वोल्वो, स्कैनिया और पिंक बसों में ऑनलाइन टिकट बुकिंग की सुविधा दी गई। आईएसबीटी जनरथ बसें: 16 पिंक बसें: 9 वोल्वो बसें: 4 स्कैनिया बसें: 4 शताब्दी बसें: 3 साधारण बसें: 487 बसें निगम की बसें अनुबंधित बसें: 91 आगरा मंडल पर एक नजर कुल कर्मचारी: 1877 ये हैं डिपो आगरा फोर्ट, ताज डिपो, ईदगाह डिपो, फाउंड्री नगर डिपो, मथुरा डिपो, बाह डिपो पैसेंजर्स न मिल पाने के कारण डिपो की बसों को 90 दिन के लिए सरेंडर किया गया है। इसमें एसी बसें भी शामिल हैं। जरूरत पड़ने पर फिर से चालू की जाएंगी। जयकरन सिंह एआरएम रोडवेज आगरा रीजन