तहसील में कंट्रोल रूम के स्थान पर चल रहा है मतदाता पंजीकरण सेंटर

आने वाले फरियादी भी हो रहे परेशान, नहीं हो रहीं समस्याएं सॉल्व

आगरा। कोविड-19 में पब्लिक को किसी तरह की कोई परेशानी न हो इसके लिए प्रशासन की ओर से कंट्रोल रूम स्थापित किए गए हैं। सदर तहसील में भी कंट्रोल रूम है लेकिन वह सिर्फ कागजों में ही संचालित हो रहा है। अफसरों का दावा है कि कोविड-19 के लिए शुरू किया गया कंट्रोल रूम काम कर रहा है। लेकिन, बुधवार को दैनिक जागरण-आईनेक्स्ट के रियलिटी चेक जानकारी मिली कि ये कंट्रोल रूम एक महीने पहले ही बंद कर दिया गया है। इसके स्थान पर मतदाता पंजीकरण सेंटर काम कर रहा है। सदर तहसील में आने वाले फरियादियों को जानकारी देने के लिए न तो कोई पटल बनाया गया है। न ही कोई नोटिस बोर्ड चस्पा किया गया है।

हेलो कोविड-19 के कंट्रोल रुम से

बुधवार को दैनिक जागरण-आईनेक्स्ट की टीम ने कोविड-19 के कंट्रोल रूम की हकीकत जानने के लिए सदर तहसील के कंट्रोल रूम नं 0562-2210298 पर फोन लगाया। पूछा कि सदर तहसील के कोविड-19 के कंट्रोल रूम से बात कर रहे हैं तो जवाब मिला कि नहीं, बीआरसी केंद्र से बात हो रही है। ये कोविड-19 का कंट्रोल रूम नहीं है। इसके बाद कंट्रोल रूम के दूसरे नंबर 0562-2210289 पर फोन लगाया, तो बताया कि ये कंट्रोल रूम एक महीने से बंद है। पहले अमीन देख रहे थे। शिफ्ट में ड्यूटी की जाती थी। अब यहां वोटर आईडी का काम होता है। यहां कोई कंट्रोल रूम नहीं है। पूछा गया कि कहीं और तो शिफ्ट नहीं कर दिया गया है। जवाब मिला कि कहीं शिफ्ट नहीं किया गया है। इसे अब बंद कर दिया गया है।

गेट पर बिना मास्क के बैठे ही नजर आए

मौजूदा समय में कोविड-19 का संक्रमण जोर पकड़ रहा है। डीएम आगरा बार-बार लोगों से सावधानी बरतने की अपील कर रहे हैं। लेकिन, डीएम प्रभु। एन सिंह की इस अपील का उनके मातहत ही मखौल उड़ा रहे हैं। सदर तहसील में बुधवार को ये नजारा देखने को मिला। एक ओर से सदर तहसील के रास्ते को टिनशेड लगाकर बंद कर दिया गया है। दूसरी ओर गेट पर दो-तीन कर्मचारी सेनेटाइजर, रजिस्टर और थर्मल स्क्रीनिंग मशीन लेकर बैठे नजर आए। इनमें एक कर्मचारी बिना मास्क लगाए बैठा था। यहां न तो रजिस्टर मेटेंन किया जा रहा था और न ही थर्मल स्क्रीनिंग की जा रही थी।

राशन कार्ड के आवेदन रद्दी में

सदर तहसील में राशन कार्ड के आवेदन रद्दी में फेंक दिए जाते हैं। लोग महीनों से चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन अभी तक उनके राशन कार्ड नहीं बन सके हैं। राशन कार्ड कार्यालय में प्रभारी अजय सिंह नदारद थे। एक पटल कर्मचारी राधा को छोड़कर अन्य कोई कर्मचारी मौजूद नहीं था। बताया कि किसी जरूरी काम से गए हैं। कर्मचारी न होने से तमाम फरियादी लौट गए। बड़ा सवाल ये है कि जब कर्मचारी, अधिकारी ही नहीं बैठेंगे तो आम लोगों की समस्या का समाधान कैसे हो पाएगा। वे ये जानकारी नहीं दे पाए कि जिले में ऑनलाइन और ऑफलाइन कितने आवेदन आए हैं। कितने राशन कार्ड बन चुके हैं। कमोवेश अन्य कार्यालय की यही तस्वीर नजर आयी।

फैमिली वेनीफिट के आवेदन के बारे में जानकारी जमा करवाना था। कोई नहीं बता रहा कहां जमा करना है। काफी देर से परेशान हूॅं। अभी अंदर बैठे बाबूजी से पूछी, तो उन्होंने बाहर जाने को कह दिया। यहां कोई सुनने वाला नहीं है।

रोहित फरियादी

लॉकडाउन से पहले का आवेदन किया था, लेकिन अभी तक राशन कार्ड नहीं बन पाया है। हर बार वापस कर दिया जाता है। मैं पांच महीने में कई चक्कर लगा चुका हूं। कहते हैं यहां से रिपोर्ट लगवा कर लाओ, कभी कहते हैं फिर से फॉर्म भरो। मैंने ऑनलाइन और ऑफलाइन आवेदन किया था। यहां तो अधिकारी भी ऐसे ही हैं, किससे कहें।

रविंद्र, फरियादी

मैं बहुत परेशान हूं। मेरी पत्नी की तबियत बहुत खराब है। मैं वहां देखूं कि यहां चक्कर लगाऊं। 29 फरवरी को सदर तहसील से चपरासी के पद से रिटायर्ड हुआ था। अभी तक पेंशन शुरू नहीं हो सकी है। पहले बता दिया, कि लॉकडाउन है, लेकिन अब भी कोई काम नहीं कर रहा है। अधिकारी सिग्नेचर नहीं कर रहे हैं। मैं इतना पढ़ा लिखा नहीं हूं। क्या करुं।

मुरारी लाल

ऐसा नहीं है। कोंविड-19 का कंट्रोल रूम संचालित हैं। जो भी कंप्लेन आती हैं, उनको सॉल्व किया जा रहा है। उसे बंद नहीं नहीं किया गया है।

एम। अरुन्मोली, एसडीएम सदर

Posted By: Inextlive