क्राफ्ट क्यूजिन और कल्चर के संगम हुनर हाट का ताजनगरी में गुरुवार को औपचारिक उद्घाटन हो गया. आगरा में ये पहला और देश का 41वां आयोजन है. मुख्य अतिथि केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि इस छोटे से कैंपस में पूरे भारत की झलक दिख रही है. उन्होंने कहा कि हुनर हाट देश की सदियों पुरानी कला-कौशल की विरासत के संरक्षण संवर्धन का सार्थक प्रकल्प बन गया है.

आगरा: 29 मई तक शिल्पग्राम में आयोजित इस हुनर हाट में देश के कोने-कोने से 800 दस्तकार-शिल्पकार आए हैं। गुरुवार को शिल्पग्राम में केंद्रीय मंत्री नकवी, प्रो। एस पी सिंह बघेल और उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने दीप प्रज्ज्वलन कर हुनर हाट का औपचारिक उद्घाटन किया। नकवी ने कहा कि लकवाग्रस्त नीतियों की बीमारी से देश को बाहर निकाल कर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सुशासन का इंस्टीट््यूशन और समावेशी विकास का मिशन बन गए हैं। वोकल फॉर लोकल, स्वदेशी, आत्मनिर्भर भारत, एक भारत श्रेष्ठ भारत के दर्शन का प्रांगण है हुनर हाट। देश की सदियों पुरानी कला-कौशल की विरासत के संरक्षण, संवर्धन का सार्थक प्रकल्प बन गया है हुनर हाट। लगभग दस लाख दस्तकारों, शिल्पकारों को रोजगार और स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराए गए हैं। देश की विलुप्त हो रही कला को हुनर हाट से नई पहचान मिली है। केंद्रीय राज्यमंत्री प्रो। एसपी बघेल ने कहा कि हुनर हाट भारत की सभ्यता, संस्कृति, धर्म, आध्यात्म कला, संगीत, साहित्य को अक्षुण्ण करने का काम कर रहा है। कला-संस्कृति के प्रदर्शन का ये समृद्धशाली मंच है।

डिप्टी सीएम ने की सराहना
उपमुख्यमंत्री पाठक ने अपने संबोधन में कहा कि देश के सभी राज्यों की कला-संस्कृति को एक जगह एकत्र करना साधारण काम नहीं है। अल्पसंख्यक मंत्रालय ने हुनर हाट आयोजित कर सराहनीय कार्य किया है। इस हाट में शिल्पकार, दस्तकार, कलाकारों के हुनर को देखने का मौका मिलेगा। इसके माध्यम से देश की सांस्कृतिक विरासत को भी आगे बढ़ाया जा रहा है। इस हाट में देश के कोने-कोने के स्वदेशी उत्पाद उपलब्ध हैं। देश के हर क्षेत्र के परंपरागत पकवानों का यहां भी लुल्फ लिया जा सकता है।

लिट्टी-चोखा खाया
उद्घाटन समारोह के बाद अतिथियों ने हुनर हाट का अवलोकन किया। विभिन्न राज्यों से आए दस्तकारों और शिल्पकारों की स्टाल पर जाकर उत्पादों के बारे में जानकारी ली। अतिथियों ने लिट्टी-चोखा का स्वाद भी चखा।

ये है हुनर हाट
- 18 से 29 मई तक है आयोजन
- 32 राज्यों (कुछ केंद्र शासित प्रदेश मिलाकर) से आए हैं हुनरमंद

ये उत्पाद कर रहे आकर्षित
मिट्टी, कांच, लकड़ी, बांस, बेंत, पीतल, तांबे, चंदन आदि से बने हस्तनिर्मित उत्पाद। विभिन्न प्रदेशों के हैंडलूम भी।
-मेरा गांव, मेरा देश (फूड कोर्ट) में एक ही जगह पूरे देश के ल•ाी•ा व्यंजन

Posted By: Inextlive