कोविड ठीक होने के आठ हते बाद भी आलस और थकान

-दस परसेंट से ज्यादा पेशेंट्स में हो रही लॉन्ग कोविड की समस्या

-पिछले सीजन के पेशेंट्स में हो रही परेशानी दूर

केस-1

40 वर्षीय अरुण को दूसरी लहर के दौरान अप्रैल में कोविड हो गया था। इसके बाद वे स्वस्थ हो गए। लेकिन तीन महीने बाद भी उनको आलस, काम में ध्यान न लगना, जल्दी थक जाना जैसी समस्या हो रही है। जब वे डॉक्टर के पास गए तो उन्हें बताया गया कि ये लॉन्ग कोविड है।

केस-2

43 वर्षीय सीमा को मई माह में कोविड का संक्रमण हुआ था, लेकिन अब भी उन्हें चलने में सांस लेने की परेशानी, याददाश्त कमजोर होना, बार-बार नींद टूटना जैसी समस्याएं हैं। उन्हें डॉक्टर ने बताया कि ये लॉन्ग कोविड सिंड्रोम है।

आगरा। जिन लोगों को पहले कोविड-19 का संक्रमण हो चुका है, उनमें से कई लोगों को ठीक होने के आठ हते बाद भी थकान रहना काम में मन न लगना, तनाव रहना, पैरों में दर्द, अंगुली में दर्द, इत्यादि की परेशानी जैसे लक्षण हैं तो सावधान हो जाएं, इस स्थिति में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। ये लॉन्ग कोविड सिंड्रोम हो सकता है।

ये है लॉन्ग कोविड सिंड्रोम

सरोजनी नायडू मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन डिपार्टमेंट के प्रोफेसर डॉ। प्रभात अग्रवाल बताते हैं कि कोविड-19 संक्रमण के दौरान मरीज़ को कई तरह के लक्षणों का अनुभव होता है। इतना ही नहीं कोविड से रिकवरी के बाद कुछ ऐसे लक्षण हैं, जो लंबे समय तक परेशान करते रहते हैं। इसे लॉन्ग कोविड कहा जाता है। जिन लोगों को कोविड का हल्का या मध्यम संक्रमण होता है, उन्हें रिकवरी के बाद दो सप्ताह या फिर उससे भी कम समय तक लक्षण परेशान करते हैं। वहीं, कुछ ऐसे भी मरीज़ हैं, जिन्हें 12 हतों तक लक्षणों का अनुभव होता रहता है, इसे ही लॉन्ग कोविड यानी लंबा कोविड कहा जाता है।

हॉस्पिटल में एडमिट मरीजों को ज्यादा परेशानी

डॉ। अग्रवाल बताते हैं कि लॉन्ग कोविड की समस्या ऐसे लोगों को सामने आ रही है, जो हॉस्पिटल में एडमिट रहे हैं या जिन्हें कोविड संक्रमण के दौरान गंभीर लक्षण थे। उन्होंने बताया कि ऐसे दस परसेंट मरीजों में लॉन्ग कोविड सिंड्रोम के लक्षण दिख रहे हैं। डॉ। अग्रवाल ने बताया कि ऐसे मरीजों को तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। वे किसी भी फिजिशियन के संपर्क में रहकर अपना रुटीन चेक-अप कराएं।

कई मरीजों में न्यूरो संबधी परेशानी

डॉ। अग्रवाल ने बताया कि कोविड से ठीक होने के आठ हते बाद भी कई लोगों में फटिग, सांस लेने में तकलीफ, धड़कन बढ़ना जैसी समस्याएं आ रही हैं। इसके साथ ही कुछ मरीजों में न्यूरोलॉजिकल सिंपटस भी सामने आ रहे हैं। ऐसे मरीजों को पैरों में दर्द, मांसपेशी में दर्द या अंगुली या पैर में दर्द जैसी समस्याएं भी आ रही हैं। ये समस्याएं आगे चलकर गंभीर हो सकती हैं, इसलिए ऐसे मरीजों को तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

भूलने की भी हो रही समस्या

डॉ। अग्रवाल ने बताया कि गंभीर थकावट या कमज़ोरी कोविड-19 का एक सामान्य लक्षण रहा है। कोविड-19 संक्रमण होने पर शरीर का इयून सिस्टम थक जाता है, जिसकी वजह से लंबे समय तक थकान महसूस होती रहती है। कई रोगियों को लॉन्ग कोविड में ब्रेन फॉग यानी भ्रम एक ऐसा लक्षण है जो कोविड संक्रमण में बेहद आम है। ब्रेन फॉग लोगों के लिए ध्यान केंद्गित करना बेहद मुश्किल बना रहा है।

ये हैं कोविड की तीन स्टेज

एक्यूट कोविड 4-6 वीक

लॉन्ग कोविड 8-12 वीक

परसिस्टेंट कोविड 12-24 वीक

ये हैं लॉन्ग कोविड के लक्षण

फटिग

धड़कन बढ़ना

ध्यान लगाने में दिक्कत

मांसपेशी में दर्द

सांस फूलना

पैरों दर्द

घबराहट

इन लक्षणों के दिखने पर करें डॉक्टर से संपर्क

बार-बार फीवर आने पर

बैचेनी रहती है

नींद टूटना या नींद न आना

मांसपेशियों में दर्द रहना

याददाश्त कमजोर होना

कोविड संक्रमण के दौरान जिन मरीजों में गंभीर लक्षण थे। इनमें से दस परसेंट मरीजों में लॉन्ग कोविड प्रभाव देखे जा रहे हैं। यदि आठ हते बाद भी थकान रहना, बैचेनी रहना, सांस लेने में तकलीफ होना जैसी परेशानी हैं तो डॉक्टर से संपर्क करें।

-डॉ। प्रभात अग्रवाल, प्रोफेसर, मेडिसिन डिपार्टमेंट, एसएनएमसी

Posted By: Inextlive