जल ही जीवन है. लेकिन जिस जल के बिना मनुष्य का जीवन अधूरा है. मनुष्य उसी जल का दोहन करने में लगा हुआ है. चाहे वह सिस्टम हो या फिर पब्लिक सभी लोग जल की बर्बादी कर रहे हैैं और जल का दोहन भी कर रहे हैैं. दैनिक जागरण-आईनेक्स्ट ने बीते दिनों बढ़ते जलसंकट को लेकर पानी-पानी-रे कैंपेन चलाया.

आगरा(ब्यूरो)। इसमें ताजनगरी में जलसंकट को लेकर विभिन्न मुद्दों को उठाया गया। अभियान के दौरान सर्वे भी किया गया। इसमें जलसंकट को लेकर आगराइट्स ने अपनी राय दी। गूगल सर्वे के माध्यम से किए गए इस सर्वे में 288 लोगों ने प्रतिभाग किया। सर्वे में लोगों ने कहा कि बढ़ते जलसंकट के लिए सभी जिम्मेदार है। चाहे सिस्टम हो या फिर पब्लिक सभी लोग पानी की बर्बादी में सभी भागीदार हैैं। सर्वे में आगराइट्स ने कहा कि नदियों की दुर्गति और तालाबों की कम होती संख्या जलसंकट को बढ़ा रही है। आने वाले समय में यह और ज्यादा दुखदायी साबित होगा। लोगों ने माना कि नदियों और तालाबों की स्थिति को ठीक किया जाए तो जलसंकट की आपदा को दूर किया जा सकता है।

दूषित पानी पीने से बढ़ रही बीमारी
सर्वे में लोगों ने माना कि शहर में लोग दूषित पानी पीने को मजबूर हैैं। सप्लाई में दूषित पानी आता है, वहीं ग्राउंड वाटर भी फ्लोराइड युक्त है। ऐसा पानी पीने से आगराइट्स की तबियत भी खराब हो रही है। किसी को पेट की समस्या है तो किसी को फ्लोरोसिस की। डॉक्टरों का भी कहना है कि दूषित पानी पीने से बॉडी में परेशानियां हो सकती है। वहीं सर्वे में आगराइट्स ने माना कि शहर में बढ़ा आरओ प्लांट का कारोबार भी पानी की बर्बाद कर रहा है। आरओ प्लांट में पानी के शोधन में 60 परसेंट तक पानी बर्बाद हो जाता है। जिसे यूं ही बहा दिया जाता है। सर्वे में लोगों ने यह भी कहा कि शहर में गंगाजल की पाइपलाइन से सभी घरों तक पानी नहीं पहुंच पा रहा है। शहर में अभी कई लोग गंगाजल की सप्लाई से वंचित हैैं।


पानी है तो ही जीवन है। धरती से पानी ही खत्म हो गया तो जीवन ही खत्म हो जाएगा। हमें समझना होगा और पानी को बचाने पर काम करना होगा।
- मयंक, पब्लिक

आगरा में पानी का संकट दो दशक से भी अधिक पुराना है। इसे दूर करने के लिए गंभीर प्रयास होने चाहिए। लोगों को भी समझना चाहिए कि वह पानी बचाएं।
- अमित, पब्लिक

हमें जरूरत के अनुसार ही पानी का उपयोग करना चाहिए। अनावश्यक पानी का इस्तेमाल करना पानी की बर्बादी है। पहले तो लोगों को दूर जाकर पानी लाना पड़ता था।
- कुनाल, पब्लिक


सोशल मीडिया से आए कमेंट्स
कुछ लोग पानी को बर्बाद करते हैैं। उन्हें सोचना चाहिए कि पानी को बर्बाद करने का असर आने वाली पीढिय़ों पर पड़ेगा।
- देवेश

जैसे हम फूड को वेस्ट न करने के लिए लोगों को जागरुक करते हैैं ठीक वैसे ही हमें पानी को बचाने के लिए जागरुकता बढ़ानी होगी।
- गौरव

हमें आगरा में यमुना नदी और तालाबों को बचाना चाहिए। इससे ही पानी के संकट को दूर किया जा सकता है।
- राघवेंद्र

Posted By: Inextlive