जी-20 के कल्चरल कोर ग्रुप की बैठक की मेजबानी मिलने के बाद आगरा को संवारने की कवायद शुरू हो गई है. हाल ही में डीएम ने स्मारकों दौरा करने के साथ संबंधित विभागों के साथ भी बैठक की थी. अव्यवस्थाओं को दूर करने के निर्देश दिए थे. ऐसे में पिछले तीन वर्षों से चुनौतियों से जूझ रही टूरिज्म इंडस्ट्री को भी जी-20 से राहत मिलने की उम्मीद है.

आगरा(ब्यूरो) । देश को एक दिसंबर 2022 से 30 नवंबर 2023 तक के लिए जी-20 की अध्यक्षता मिली है। अगले वर्ष नौ व 10 सितंबर को दिल्ली में शिखर सम्मेलन होगा। छह व सात फरवरी को जी-20 देशों के प्रतिनिधिमंडल द्वारा ताजमहल, आगरा किला, फतेहपुर सीकरी समेत अन्य स्मारकों की विजिट प्रस्तावित है। इसके लिए शहर को दुल्हन की तरह संवारा जाने की तैयारी है। विश्व पटल पर पहचान रखने वाली ताजनगरी में कोरोना काल के बाद पहली बार कोई बड़ी इंटरनेशनल एक्टिविटीज होने जा रही है।


देश और शहर को जी-20 से लाभ होगा। खासतौर से ताजनगरी की टूरिज्म इंडस्ट्री को। कोरोनाकाल के बाद से ही शहर में टूरिज्म इंडस्ट्री बहुत प्रभावित हुई है। इस तरह के आयोजन की मेजबानी से विदेशी डेलीगेशन का आगमन होगा, तो विश्व पटल पर ताजनगरी की ब्रांडिंग होगी। हैंडीक्राफ्ट प्रोडक्ट्स को भी पहचान मिलेगी। उम्मीद है कि टूरिज्म के लिए कोरोनाकाल से पहले का समय लौटेगा। विदेशी पर्यटकों की संख्या में इजाफा होगा।
प्रह्लाद अग्रवाल, प्रेसीडेंट, आगरा टूरिस्ट वेलफेयर चैंबर

विदेशी हस्तियां शहर में आएंगी तो शहर के टूरिज्म में इजाफा होना तय है। पर्यटन के लिए वैसे भी ताजनगरी दुनियाभर में पहचान रखती है। अब कोरोनाकाल के बाद जी-20 के डेलीगेशन से विश्व पटल पर पहचान मिलेगी। इससे पहले शहर में कुछ बुनियादी सुविधाओं की ओर भी विभागों को ध्यान देना चाहिए। जैसे ताजमहल और किला के बाहर टिकट के लिए लगने वाली कतार को दूर किया जाना चाहिए। शहर में एयरपोर्ट का निर्माण भी होना चाहिए।
राजीव अग्रवाल, पूर्व प्रेसीडेंट, नेशनल चैंबर ऑफ इंडस्ट्री एंड कॉमर्स


डीएम के निरीक्षण में मिली थी कमियां
- आगरा किला के पास नाले से उठ रही थी दुर्गंध
- पार्किंग से उड़ थी धूल
- स्मारकों में टिकट के लिए लगी थी लाइन

Posted By: Inextlive