आगरा। बारिश के मौसम में वायरल का प्रकोप बढ़ गया है। बच्चे इससे सबसे ज्यादा पीडि़त हैं। ांसी, जुकाम और बुार के शिकार हो रहे हैं। विशेषज्ञों की मानें तो बदलते मौसम में पेरेंट्स को अधिक सतर्क रहने की जरूरत है।

अपने आसपास साफ-सफाई का रखें ध्यान

बारिश के मौसम में नमी की वजह से मच्छर, बैक्टीरिया सबसे ज्यादा पनपते हैं। ये मच्छर और बैक्टीरिया गंदगी और आसपास जलभराव के कारण होते हैं, इसलिए घर और अपने घर से आसपास साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें। घर में फर्श की सफाई फिनाइल से जरूर करें। कीचड़ की वजह से भी मच्छर पनपते हैं, इसलिए घर के अंदर जूते-चप्पल न रखें। कीचड़ से सने जूते चप्पलों को अच्छी तरह साफ करें क्योंकि इनसे बैक्टीरिया और मच्छर घर में प्रवेश करते हैं। घर में ऐसे स्थान जहां पानी भरा रहता है, जैसे कूलर, गमले आदि की भी सफाई जरूर करें।

विटामिन सी का भरपूर करें सेवन

बच्चों की इयुनिटी मजबूत करने के लिए उन्हें विटामिन 'सी' से भरपूर चीजें खिलाते रहें। इससे बच्चे मौसमी बीमारियों के प्रकोप से आसानी से बच सकते हैं। जिन बच्चों को सर्दी जुकाम की समस्या हर मौसम में होती है, उन्हें तो विटामिन 'सी' का सेवन नियमित रूप से करवाना चाहिए।

बच्चों को घर का खाना ही खिलाएं

बारिश के मौसम में संक्रमण से बचाने के लिए बच्चों को घर का खाना ही खिलाएं। बच्चों को बाहर के जंक फूड ज्यादा पसंद आते हैं, लेकिन यही जंक फूड बारिश के मौसम में नुकसानदायक हो सकते हैं। इसके अलावा बाहरी खाने में ज्यादा साफ-सफाई का भी ध्यान नहीं रखा जाता है। ऐसे में बच्चे बीमार पड़ सकते हैं। घर में बहुत देर का रखा हुआ बासी खाना बच्चों को नहीं खिलाना चाहिए क्योंकि इसमें बैक्टीरिया हो सकते हैं।

बच्चों को सूती कपड़े पहनाएं

मानसून के मौसम में कभी धूप, कभी बारिश का आना-जाना लगा रहता है। ऐसे मौसम में बच्चों को सूती कपड़े पहनाने से उन्हें आराम मिलता है। कपड़े ऐसे हों कि उनके पूरे शरीर को कवर करते हों। सूती कपड़े पसीने के रूप में निकलने वाले शरीर के टॉक्सिन को आसानी से सोख लेते हैं और शरीर से गंदगी को आसानी से दूर कर देते हैं। सूती या खादी के वस्त्र पहने में भी बच्चों को सहज लगते हैं।

डॉक्टर से चर्चा कर जरूरी दवाएं घर में रखें

बारिश के मौसम में कई बार बच्चों की अचानक तबीयत खराब हो सकती है। ऐसे में मौसमी बीमारियों से बचने के लिए अपने डॉक्टर से चर्चा कर जरूरी दवाएं घर में अवश्य रखें। आपात स्थिति में ये दवाएं उपयोगी होती हैं।

बच्चे की साफ-सफाई का रखें ध्यान

बच्चे को बारिश में जमा हुए पानी में नहीं खेलने दें। बच्चे को हर बार खाना खाने से पहले और खाना खाने के बाद साबुन से हाथ धोने की आदत डालें। बच्चो की स्किन बहुत ही सेंसिटिव होती है लिहाजा उन्हें नहलाने के लिए एंटीसेप्टिक साबुन का प्रयोग करें ऐसा करने से वो फंगल इन्फेक्शन और एलर्जी से बचेंगे।

बच्चे के बेडरूम की सफाई का रों ध्यान

बच्चों के बेडरूम को सीलन मुक्त रखें। वहां की साफ-सफाई का ध्यान रखें। बेडरूम की खिड़कियां खोलकर रखें, जिससे पर्याप्त ताजा हवा पास हो और रात को बच्चे के बेडरूम का तापमान सामान्य रखें।

मौसम में बदलाव के चलते बच्चों को दिक्कत हो रही है। वायरल फीवर होता है, तो प्रॉपर ट्रीटमेंट लेते हुए आइसोलेट करें। मास्क लगाकर रों। क्योंकि वायरल फीवर ड्रॉपलेट इंफेक्शन से फैलता है। हैंड हाईजीन के साथ नॉर्मल हाईजीन ाी बहुत इंपोर्टेट है। घर में बना हुआ ाना ाएं। प्रॉपर डाइट लें। इससे इयुनिटी डेवलप होगी।

डॉ। अरुण जैन, वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ

Posted By: Inextlive