- बच्चों को कोल्ड वेव से हो सकती है निमोनिया की परेशानी

- बच्चों में पसलियों के चलने की समस्या, कोविड का भी खतरा

आगरा। सíदयां बढ़ गई हैं। तीन दिन से बर्फीली हवाएं चल रही हैं। ऐसे में इस सर्दी में हम सभी को बचने की जरूरत है। लेकिन, बच्चों को इस मौसम में ज्यादा बचाव करना होगा। बच्चों में सर्दी के मौसम में निमोनिया का खतरा बढ़ जाता है। बच्चों की पसलियां चलने, सर्दी-जुकाम आदि की समस्या होने लगी है। इसलिए बच्चों के सर्दी के मौसम से बचाव करने की जरूरत है।

बच्चे हो रही एलर्जी के शिकार

ठंडी हवाएं चलने से नेसल कंजेशन होता है। इससे सर्दी-जुकाम बनता है और तेजी से निमोनिया में तब्दील हो सकता है। सरोजनी नायडू मेडिकल कॉलेज के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ। नीरज यादव बताते हैं कि सर्दी बढ़ने से एयर पॉल्यूशन भी बढ़ रहा है। इससे बच्चों को एलर्जी भी हो रही है। इसके साथ ही इस मौसम में इंफ्लूएंजा भी एक्टिव हो जाता है। बच्चों में रेस्पिरेटरी इंफेक्शन होने के चांस भी होते हैं। इसलिए बच्चों को इस मौसम में बच्चों का विशेष ख्याल रखने की जरूरत है।

कोविड से बचाव भी जरूरी

सर्द मौसम के साथ कोविड-19 से बचाव करना भी जरूरी है। क्योंकि जब बच्चे बीमार होंगे तो उनकी इम्युनिटी कमजोर होगी। ऐसे में कोविड-19 का संक्रमण होने का खतरा भी बढ़ जाता है। कोविड-19 के संक्रमणकाल में निमोनिया ज्यादा खतरनाक साबित हो सकता है। डॉ। नीरज यादव बताते हैं कि इस वक्त कोविड-19 का संक्रमण काफी तेज है। इसलिए कोविड-19 का खतरा होने का खतरा हमेशा है। कोशिश करें कि घर में कोई भी कोविड-19 से संक्रमित न हो। क्योंकि कोविड-19 का संक्रमण यदि घर में आ गया तो घर के बच्चों में भी ये इंफेक्शन तेजी से हो सकता है। इसलिए कोविड-19 से बचाव के उपायों का पालन जरूर करें। कोविड-19 के संक्रमण से खुद को बचाने के लिए हाथों को नियमित रूप से धोएं या अल्कोहल आधारित हैंड सेनेटाइजर का उपयोग करें।

बच्चों में लक्षण पहचानकर डॉक्टर से करें संपर्क

सांस तेज लेना, घरघराहट आदि भी निमोनिया का संकेत हो सकते हैं। निमोनिया के आम लक्षणों में खांसी, सीने में दर्द, बुखार और सांस लेने में मुश्किल आदि होते हैं। उल्टी होना, पेट या सीने के निचले हिस्से में दर्द होना, कंपकंपी, शरीर में दर्द, मांसपेशियों में दर्द भी निमोनिया के लक्षण है। 5 साल से कम उम्र के ज्यादातर बच्चों में निमोनिया होने पर उन्हें सांस लेने तथा दूध पीने में भी दिक्कत होती है। वह सुस्त हो जाते हैं। बच्चों की इम्यूनिटी मजबूत बनी रहे इसलिए जन्म के तुरंत बाद बच्चे को मां का पहला गाढ़ा दूध जिसे कोलेस्ट्रम कहते हैं अवश्य पिलाना चाहिए।

निमोनिया के लक्षण

-सांस लेने या खांसने पर सीने में दर्द

- खांसी जो कफ पैदा कर सकती है

- बुखार, पसीना और कंपकंपी ठंड लगना

- मतली उल्टी या दस्त

- सांस लेने में परेशानी

- सामान्य शरीर के तापमान से कम

बच्चों को सर्दी से बचाने के लिए ये करें उपाय

- गर्म कपड़े पहनाएं

- बच्चों को खुद से एक लेयर ज्यादा कपड़े पहनाएं

- कान जरूर बांधें

- पैरों में जूते और मौजे अवश्य पहनाएं

- बच्चों को सीधी हवा से बचाएं

- बच्चों को खुली गाड़ी पर सफर न कराएं

- रात में बच्चों को कंबल उड़ाते रहें, उनके चेहरे को न ढकें

वर्जन

सर्दी में बच्चों में नेसल कंजेशन, एलर्जी, निमोनिया, इंफ्लुएंजा की समस्या हो सकती है। ऐसे मौसम में बच्चों में रेस्पिरेटरी इंफेक्शन होने का भी खतरा है। इसलिए बच्चों को सर्दी से बचाएं। उन्हें गर्म कपड़े पहनाकर रखें। उन्हें सीधी हवा न लगने दें।

-डॉ। नीरज यादव, बाल रोग विशेषज्ञ, एसएनएमसी

Posted By: Inextlive