श्रद्धालुओं ने कोरोना महामारी के विनाश की कामना की

दो साल बाद आराध्य के दर्शन पाकर निहाल हुए श्रद्धालु

मंदिरों में लाखों की संया में श्रद्धालु बने जन्मोत्सव के साक्षी

अखिल कुमार

मथुरा: आध्यात्मिक नगरी मथुरा में सोमवार को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर जन्मभूमि समेत मंदिरों में श्रद्धालुओं को हुजूम उमड़ पड़ा। श्रद्धा के सैलाब में कोरोना महामारी का खौफ और ऐहतियात दोनों कमजोर पड़ते नजर आए। श्रद्धालुओं का सैलाब राधाकृष्ण के जयकारे लगाते हुए मंदिरों में आराध्य के दर्शन के लिए घंटों लाइन में लगा रहे। गत 1 सप्ताह से जन्माष्टमी पर आराध्य के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं का जमावड़ा मथुरा-वृंदावन में है। महामारी के चलते दो साल से फीके श्रीकृष्ण जन्मोत्सव की रौनक सोमवार देखते बन रही थी। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर मथुरा-वृंदावन के मंदिरों से दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की विशेष रिपोर्ट

आस्था के सैलाब में सराबोर कान्हा की नगरी

दो साल हमने कान्हा के बिना कैसे गुजारे ये हम ही जानते हैं। कोरोना महामारी ने दुनियाभर में जिस कदर कहर बरपाया है। उसके बाद बिहारी जी की कृपा से ही आज देश में हालात सामान्य हो रहे हैं। इस बार कान्हा के दरबार में हाजिरी अपने लिए या अपने परिजनों के लिए नहीं बल्कि देश और दुनिया को कोरोना महामारी से निजात दिलाने के लिए लगाने आया हूं। गुजरात से आए श्रद्धालु रमेश जायसवाल ने बताया कि परिवार को साथ लेकर नहीं आया। किंतु श्रीकृष्ण के दर्शन से मैं, मेरा परिवार और मेरे ईष्ट मित्र स्वस्थ रहेंगे ऐसी मेरी कामना है। उड़ीसा से मथुरा पहुंचे दीनदयाल महतो ने बताया कि दो साल से आराध्य से दूर हूं, कोरोना की दोनों लहर ने देश और दुनिया में मानवता का बड़ा नुकसान किया है। अब राधारानी ही इस सृष्टि को महामारी से निजात दिलाएंगी। कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करने की बात कहते हुए दीनदयाल परिवार के साथ कतार में आगे बढ़ते हुए आस्था के सैलाब में शामिल हो गए।

मंदिरों में उमड़े श्रद्धालु

श्रीकृष्ण जन्मभूमि, मथुरा

जन्मोत्सव की धूम श्रीकृष्ण जन्मभूमि परिसर में दिनभर देखने को मिली। मंदिर की सजावट और रंगबिरंगी लाइटिंग बता रही थी तैयारी पूरी है। शाम होते-होते मंदिर के बाहर दूर तक श्रद्धालुओं की लाइन लगी थी। आस्था के सैलाब में सराबोर श्रद्धालुओं के चेहरों पर मास्क तो था किंतु कोरोना का खौफ नहीं। रात 8 बजे के बाद परिसर में प्रवेश को लेकर गहमागहमी शुरू हो गई तो वहीं श्रद्धालुओं के राधा-कृष्ण के जयकारों से आसमान गूंजता रहा। विग्रह के दर्शन के लिए हर कोई मुय परिसर की ओर दौड़ रहा था, वहीं सिक्योरिटी के चेकिंग बड़ी चुनौती बन रही थी। लाखों की संया में श्रद्धालुओं ने जन्माष्टमी पर राधाकृष्ण के विग्रह के दर्शन किए और देश-दुनिया को कोरोना महामारी से मुक्ति दिलाने की लिए प्रार्थना की।

बांके विहारी मंदिर, वृंद्वावन

ऐतिहासिक बांके विहारी मंदिर पर सुबह से ही श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। जयकारों के बीच लाखों की संया में श्रद्धालु दिनभर कतार में लगे रहे, तब कहीं जाकर कान्हा के दीदार हुए। दिल्ली से आई रेणुका अग्रवाल ने बताया के दो साल से बिहारी जी के दर्शन को तरस गए। आज जाकर मन की मुराद पूरी हुई है। सेवायत श्रद्धालुओं को कोरोना प्रोटोकॉल के पालन के निर्देश देते रहे। आस्था और विश्वास से भरे श्रद्धालु ईष्ट के दर्शन के लिए भीषण गर्मी में डटे रहे।

इस्कॉन मंदिर, वृंदावन

इस्कॉन मंदिर पर इस बार राधाकृष्ण के विग्रह की छटा निराली थी। यहां खुशबूदार फूलबंगला के बीच रोशनी में विग्रह को श्रद्धालु भावविभोर होकर निहार रहे थे। कोरोना प्रोटोकॉल के पालन के साथ श्रद्धालुओं को मंदिर में प्रवेश मिल रहा था। जयकारों के बीच श्रद्धालुओं ने महामारी से पार पाने की गुहार राधाकृष्ण से की। नीदरलैंड के श्रद्धालु अलबर्ट जॉन्सन परिवार के साथ राधाकृष्ण की सेवा में हैं। बातचीत में उन्होंने बताया कि अब बिहारी जी सब ठीक कर देंगे। प्रेम मंदिर में भी श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जयकारा लगाते हुए विग्रह के दर्शन के लिए आगे बढ़ रही थी। रात्रि के 12 बजते ही मंदिरों में घंटे-घडि़याल और श्रद्धालुओं के जयकारों की गूंज से माहौल आस्थामय हो गया।

द्वारिकाधीश मंदिर, मथुरा

द्वारिकाधीश मंदिर में भगवान श्रीकृष्ण के स्वरूप के दर्शन के लिए दिनभर श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ता रहा। जन्मोत्सव से पूर्व श्रीकृष्ण को यमुना जल से स्नान कराय गया। यहां श्रद्धालुओं ने मंगलगीत गाकर जन्मोत्सव के साथ ही एक-दूसरे को बधाई दी। लाखों की संया में श्रद्धालुओं ने जन्मोत्सव पर ठाकुर जी के दर्शन का लाभ लिया।

जाग उठी कान्हा की नगरी

दो साल से कोरोना महामारी का दंश झेल रही कान्हा की नगरी श्रीकृष्ण जन्मोत्सव के साथ ही जाग उठी। हर गली में मंगलगीत, हर मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ के बीच घंटों-घडि़यालों की गूंज। ऐसा लग रहा है कि जैसे एक सदी के बाद मथुरा-वृंदावन की गलियों में फिर से राग जाग गया हो। दुष्यंत पाराशर की दुकान श्रीकृष्ण जन्मभूमि के सामने स्थित है और उनकी कई पीढ़यिां यहां श्रद्धालुओं की सेवा जीवन गुजार गईं। बातचीत में उन्होंने बताया कि ऐसा उनकी याद में कभी नहीं हुआ जब कान्हा का जन्मोत्सव फीका करा है। एक बार फिर रौनक लौट आई है और अब कान्हा से प्रार्थना की है देश-दुनिया को कोरोना जैसी महामारी से निजात मिले।

Posted By: Inextlive