मटमैले गंगाजल ने जल संस्थान की बढ़ाई परेशानी
आगरा: शहर को चौथे दिन पेयजल संकट से थोड़ी राहत मिली। पालड़ा फाल बुलंदशहर से भरपूर गंगाजल मिला, लेकिन मटमैले पानी के शोधन ने जल संस्थान की दिक्कतों को बढ़ा दिया। कई क्षेत्रों में गंदे पानी की आपूर्ति से लोगों को परेशान होना पड़ा।
दोनों वाटरवर्क्स से इतनी सप्लाई जीवनी मंडी वाटरवर्क्स से 135 और सिकंदरा स्थित गंगाजल प्लांट से 144 एमएलडी गंगाजल की आपूर्ति हुई। एमबीबीआर प्लांट को आधी क्षमता से चलाया गया। प्लांट की क्षमता 144 एमएलडी की है। फिलहाल मिली राहत लेकिन खतरा बरकरार शहर को 350 एमएलडी गंगाजल मिलना शुरू हो गया है, लेकिन खतरा बरकरार है। जिस तरीके से उत्तराखंड में बारिश हो रही है। पानी के साथ मिट्टी आ रही है। उसे देखते हुए जल्द ही यह समस्या दोबारा आ सकती है। जैसे ही गंगाजल में मिट्टी की मात्रा में बढ़ोतरी होगी, पालड़ा फाल से जलापूर्ति को बंद कर दिया जाएगा।सिकंदरा और जीवनी मंडी वाटरवर्क्स को गंगाजल की सप्लाई मिलना शुरू हो गया। शहर में ाी सप्लाई शुरू हो चुकी है। अब पानी का कोई संकट नहीं है।
आरएस यादव, जीएम, जलकल महिलाओं ने अफसरों के खिलाफ नारेबाजीदयालबाग में तीन साल पूर्व पानी की लाइन बिछी थी लेकिन अभी तक जलापूर्ति शुरू नहीं हुई है। शुक्रवार को बड़ी संया में महिलाएं जल संस्थान कार्यालय पहुंची। जलापूर्ति न होने पर अफसरों के खिलाफ नारेबाजी की। मटके फोड़ अपना विरोध जताया। सोमवार से 34 कालोनियों के लोग कमिश्नरी में गंगाजल की मांग को लेकर भूख हड़ताल में बैठेंगे। क्षेत्रीय निवासी सौरभ चौधरी ने कहा कि लोगों को पानी की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। यह हाल तब है जब शहर में भरपूर गंगाजल उपलध है। जल्द ही जलापूर्ति शुरू न होने पर नलों की टोंटियां और पाइप लाइन को उखाड़कर जल निगम कार्यालय में डंप किया जाएगा। डॉ। संजय बंसल, सत्यवीर चौधरी, चौधरी रामवीर सिंह, सुनीता आदि मौजूद रहीं।