- मंटोला के ढोलीखार की घटना, दहशत के चलते घरों से बाहर भागे लोग

- नौ घंटे रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद मलबे से निकाले जा सके तीनों के शव

जासं, आगरा। मंटोला के ढोलीखार में बुधवार सुबह बारिश से तीन मंजिला जर्जर मकान ढह गया। जूता कारीगर उनकी पत्नी और 10 महीने की बेटी मलबे में दब गए। पुलिस और नगर निगम की टीम ने नौ घंटे रेस्क्यू के बाद मलबे में दबे तीनों लोगों को बाहर निकाला, लेकिन तब तक उनकी सांसें थम चुकी थीं।

करीब 100 साल पुराना था भवन

ढोलीखार में घनी आबादी के बीच सईद का तीन मंजिला मकान है। सईद के पांच बेटे शकील, अकील, भोलू, शरीफ और वकील हैं। सबसे छोटा बेटा वकील (38 वर्ष) अपनी पत्नी समाताज और 10 महीने की बेटी आयत के साथ मकान के फ‌र्स्ट फ्लोर पर रहते थे। वकील जूता कारीगर था। बाकी चारों बेटे अलग मकानों में रहते हैं। बड़े बेटे शकील ने घर में जूता कारखाना खोल रखा है। लगभग 100 साल पुराना मकान बारिश के चलते पूरी तरह से जर्जर हो चुका था। बुधवार की सुबह करीब पौने सात बजे तीन मंजिला मकान तेज आवाज के साथ ढह गया। पूरी गली धूल के गुबार से अट गयी। दहशत के चलते पड़ोस और सामने मकान में रहने वाले लोग दहशत के चलते घरों से बाहर निकल आए।

लोगों ने मोहम्मद वकील उनकी पत्नी और बेटी को खोजने का प्रयास किया। उनके दिखाई नहीं देने पर बस्ती के लोग नाई की मंडी वकील की ससुराल पहुंचे। वहां पता चला कि समाताज और वकील मंगलवार की देर शाम को घर लौट गए थे। दंपत्ति और अबोध के के मलबे में दबे होने की आशंका पर लोगों ने कंट्रोल रूम को फोन कर दिया। सीओ छत्ता उदयराज और थाने का फोर्स मौके पर आ गया। दंपत्ति और उनकी बेटी को तलाशने के लिए नगर निगम की टीम और जेसीबी को मलबा हटाने के लिए बुला लिया।

नौ घंटे चले रेस्क्यू के बाद तीनों के शव मलबे से निकाल लिए।

उदयराज सिंह, सीओ छत्ता

Posted By: Inextlive