आगरा। महिलाओं के लिए सिर्फ टॉयलेट निर्माण करने से कुछ नहीं होगा, बल्कि उनकी देखभाल करना भी बेहद जरूरी है। इसके लिए सबसे पहले यहां स्टाफ की तैनाती करनी होगी। उन्हें टॉयलेट के रखरखाव की ट्रेनिंग देनी होगी। बिना इसके टॉयलेट कितने भी बना दिए जाएं, लेकिन वह यूजलेस ही रहेंगे। लेडीज टॉयलेट की समस्या से जूझ रहीं महिलाओं ने कुछ ऐसे ही सुझाव मंगलवार को दिए। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की ओर से आयोजित वेबिनार में कई महिलाओं ने पार्टिसिपेट किया। टॉयलेट न होने के साथ पब्लिक टॉयलेट यूज करने में आने वाली प्रॉब्लम्स को शेयर किया। साथ ही कई अन्य महत्वपूर्ण सुझाव भी शेयर किए।

सिर्फ टॉयलेट निर्माण न हो मिशन

वेबिनार की शुरूआत में मैथ्यू मार्गेट ने विस्तार से अपनी बात कही। उन्होंने कहा कि सिर्फ टॉयलेट निर्माण नहीं होना, बल्कि उसके मेंटीनेंस का भी ध्यान रखा जाना जरूरी है। जब तक टॉयलेट साफ-सुथरा नहीं रहेगा। वह हाईजीन नहीं होगा, जब तक उसका इस्तेमाल शायद ही कोई महिला करे। अंदर गंदे टॉयलेट का मजबूरी में महिला इस्तेमाल करती भी है, तो उनके बीमार होने का खतरा रहता है। उन्हें यूटीआई इंफेक्शन हो सकता है। ऐसे में जरूरी है कि टॉयलेट हाईजीन हो। तभी महिलाएं उन टॉयलेट का इस्तेमाल कर सकेंगी।

सबसे बड़ी समस्या

निधि बेदी ने कहा कि आज शहर में महिला टॉयलेट की बहुत बड़ी दिक्कत है। सिर्फ पिंक टॉयलेट का निर्माण कर दिया गया है। लेकिन इसकी साफ-सफाई की ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा। जब तक टॉयलेट साफ नहीं होंगे, तब तक इनका इस्तेमाल नहीं हो सकेगा। ऐसे में जरूरी है कि जिस तरह सरकारी विभाग टॉयलेट निर्माण को लेकर गंभीरता दिखा रहे हैं, उसी तरह इनके मेंटीनेंस भी ध्यान दें। उसकी साफ-सफाई को लेकर भी अवेयर हों।

माइंडसेट बदलना बहुत जरूरी

एक सरकारी स्कूल में हेड ब्रजेश नंदिनी शर्मा कहती हैं कि फीमेल के साथ टॉयलेट की बहुत बड़ी दिक्कत है। पब्लिक टॉयलेट की स्थिति को लेकर तो महिलाओं का माइंड सेट तय है। महिलाएं जानती हैं कि पब्लिक टॉयलेट गंदे पड़े हैं, इसी के चलते वह पब्लिक टॉयलेट से दूरी बनाए रखती हैं। वहां जाने से कतराती हैं। योगिता शर्मा ने भी महिला टॉयलेट की समस्या को लेकर अपनी राय रखी। पब्लिक टॉयलेट के प्रॉपर मेंटीनेंस के लिए कहा।

महिलाओं के सुझाव

- पब्लिक टॉयलेट की प्रॉपर साफ-सफाई हो

- हाईजीन का विशेष ध्यान रखा जाए

- स्टाफ की तैनाती की जाए

- स्टाफ को ट्रेनिंग भी दी जाए

- स्टाफ की मॉनिटरिंग के लिए सुपरवाइजर भी तैनात हो

व्यापारियों के सुझाव

- टॉयलेट का मेंटीनेंस उठाने को एसोसिएशन तैयार

- बाजारों में हो टॉयलेट का निर्माण

- एसोसिएशन की राय का भी रखा जाए ध्यान

- अधिकतर बाजारों में नहीं टॉयलेट

वर्जन

जहां भी टॉयलेट की जरूरत है, वहां टॉयलेट का निर्माण कराया जाएगा। इसके लिए जगह को चिह्नित कर लिया गया है। जल्द ही इस पर काम शुरू होगा। पहले से बने टॉयलेट के मेंटीनेंस पर भी विशेष जोर दिया जा रहा है।

आशीष शुक्ला, प्रभारी, स्वच्छ भारत मिशन

अगर सरकारी विभाग टॉयलेट का निर्माण करा दें, बाजार एसोसिएशन उन टॉयलेट का मेंटीनेंस कराने को तैयार है। लेकिन टॉयलेट निर्माण के लिए पहले तो संबंधित विभाग करे।

रामनिवास राठौर, अध्यक्ष, राजामंडी मुख्य बाजार कमेटी

Posted By: Inextlive