- तहसील सदर की टीम ने शुरू किया सर्वे, तीस बीघा है राज्य सरकार की जमीन, 300 करोड़ रुपए है कीमत

- 120 साल पुराने दस्तावेजों की चल रही है जांच, जमीन पर फर्जीवाड़ा से नहीं है इन्कार

आगरा। जोंस मिल की तरह ही कोठी मीना बाजार मैदान की जमीन पर भी फर्जीवाड़ा हुआ है। राज्य सरकार की जमीन को गुपचुप तरीके से बेच लिया गया। इसमें तहसील सदर के अफसरों और कर्मचारियों की मिलीभगत रही। राजस्व परिषद के आदेश पर जमीन की जांच शुरू हो गई है। तहसील सदर की टीम ने मंगलवार से टोटल स्टेशन सर्वे शुरू कर दिया। यह सर्वे दो से तीन दिनों तक चलेगा। इसमें मैदान की जमीन पर किस-किस का कितना कब्जा है, यह सब सामने आ जाएगा। वहीं, एक अन्य टीम 120 साल पुराने दस्तावेजों की जांच कर रही है। अब तक 50 से अधिक पुराने दस्तावेजों की फोटो कॉपी कराई जा चुकी है। कोठी मीना बाजार मैदान में राज्य सरकार की 30 बीघा जमीन की कीमत 300 करोड़ रुपए है। राज्य सरकार की जमीन निष्क्रांत संपत्ति की श्रेणी में आती है।

जांच में 58 बीघा मिली जमीन

डीएम प्रभु एन सिंह के आदेश पर एडीएम वित्त एवं राजस्व योगेंद्र कुमार पूरे मामले की जांच कर रहे हैं। अब तक जांच में 58 बीघा जमीन मिली है। जांच में पाया गया कि वर्ष 1892 में राजा जय किशन दास ने राजस्व परिषद से कोठी सहित अन्य की खरीद की थी। बाउंड्रीवाल के भीतर 14 बीघा जमीन मिली है। वहीं एक जुलाई 1961 से पांच लोगों के नाम पर 42 बीघा जमीन दर्ज है। यह जमीन कैसे दर्ज हुई। इसके दस्तावेजों की जांच की जा रही है। दो जुलाई 1976 को एक चेरिटेबल ट्रस्ट के नाम जमीन दर्ज हुई है। इसकी भी जांच चल रही है।

कोर्ट में चल रहा है विवाद

कोठी मीना बाजार मैदान की जमीन का विवाद राजस्व परिषद और इलाहाबाद हाईकोर्ट में लंबित है।

- कोठी मीना बाजार मैदान में राज्य सरकार की जमीन की जांच की जा रही है। जमीन बेशकीमती है। इसका विवाद इलाहाबाद हाईकोर्ट में लंबित है। पूरे मामले की जांच के लिए एडीएम वित्त एवं राजस्व योगेंद्र कुमार कर रहे हैं।

प्रभु एन सिंह, डीएम

Posted By: Inextlive