-कई दिनों बाद नये बच्चों से मिलने से एक्सपोज हो सकता है कोरोना वायरस

-स्कूल में सेनेटाइजेशन का रखना होगा ध्यान, डॉक्टर्स ने जताई चिंता

आगरा। कोरोना की दूसरी लहर के बाद स्कूल खुलने जा रहे हैं। ऐसे में पैरेंट्स को बच्चों को स्कूल में व्यवहार की ट्रेनिंग देनी होगी। वे कैसे दोस्तों से मिलें, अपने टिफिन को कैसे खाएं, दोस्तों से कैसे मिलें इत्यादि। इसके साथ ही वे स्टडी के साथ-साथ कोरोना से बचाव के नियमों में कोई ढील न दें। चिकित्सकों ने इस पर आशंका जताई है कि जब बच्चे नए ग्रुप्स से मिलेंगे तो कोरोनावायरस संक्रमण का एक्सपोज हो सकता है।

इम्यून हो गए हैं बच्चे

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के निवर्तमान अध्यक्ष और बाल रोग विशेष डॉ। ओपी यादव ने बताया कि कोरोनावायरस के संक्रमण के बाद अब हम सब में हर्ड इम्युनिटी डेवलेप हो गई है। हम लोग जिनके आसपास रह रहे हैं, उनके प्रति हमारी और हमारे बच्चों के प्रति इम्युन हो गए हैं। लेकिन जब बच्चे जब स्कूल जाएंगे तो दूसरे बच्चों से मिलेंगे, ऐसे में कोरोना वायरस का एक्सपोज हो सकता है। इसलिए स्कूल में बच्चों को सावधान रहना होगा। पैरेंट्स को बच्चों को स्कूल कोरोना से बचाव के बारे में ट्रेनिंग देनी होगी।

बच्चों को बढ़ानी होगी इम्युनिटी

डॉ। यादव ने बताया कि ज्यादातर बच्चे साल में 7-8 बार सर्दी-जुकाम के शिकार होते हैं जबकि बड़े सिर्फ 2-3 बार ही सर्दी-जुकाम से ग्रसित होते हैं। बच्चों का इम्यून सिस्टम उतना स्ट्रॉन्ग नहीं होता जिस कारण वह जल्दी वायरस या अन्य बीमारियों के शिकार बन सकते हैं। ऐसे में उनकी इम्युनिटी को बढ़ाना होगा।

बच्चों को अच्छी आदतों के बारे में बताए

कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए बच्चों को अच्छी आदतों के बारे में बताना बेहद जरूरी है। उन्हें कोविड-19 संक्रमण से बचाने के लिए हाथों को अच्छी तरह से धोना की जरूरत को समझाना जरूरी है। उन्हें यह समझाए कि हाथों को 20 सेकेंड तक अच्छी तरह से धोएं और उसके बाद ही कुछ खाए पिएं। उन्हें अपनी हाथों में खांसने छींकने के बजाए किसी टिश्यू की मदद लेनी चाहिए। वैसे तो हम बच्चों को हर चीज शेयर करना सिखाते हैं लेकिन, कोरोना महामारी में हमें उन्हें शेयर नहीं करना सिखाना होगा जिससे संक्रमण ना फैल सके।

बच्चों का रेगुलर चेकअप करें

बच्चों का स्कूल खुल रहा है तो माता-पिता को ज्यादा सजग रहने की जरूरत है। आप हमेशा अपने बच्चों के स्वास्थ्य को हमेशा प्राथमिकता पर रखें और डॉक्टर से रेगुलर चेकअप कराते रहें। इस बात का भी खास ख्याल रखें कि बच्चे को कई अन्य बीमारियों से लड़ने की वैक्सीन जरूर लगवाएं। यह उनके इम्यून सिस्टम को मजबूत करेगा। अक्टूबर के महीने तक बच्चे को इंफ्लुएंजा वायरस की वैक्सीन जरूर लगवाएं। बच्चे की जरा भी तबियत खराब होने पर उसके डॉक्टर से संपर्क करें।

प्रोबायोटिक और हेल्दी फूड खिलाएं

बच्चों के काफी समय के बाद स्कूल लौटने पर उसे कई नई चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। इसलिए उसे ऐसे प्रोबायोटिक युक्त भोजन दें जो उसकी इम्यूनिटी को मजबूत करें। आपको बता दें कि प्रोबायोटिक युक्त भोजन हमारे शरीर में गुड बैक्टीरिया की संख्या को बढ़ाकर हमारे पाचन क्रिया को मजबूत करता है। बच्चों के लिए विटामिन-डी 3 युक्त प्रोबायोटिक बहुत अच्छा माना जाता है। बच्चों को ज्यादा से ज्यादा हेल्दी खाना खिलाएं जिससे उसका इम्यून सिस्टम स्ट्रांग बन सके और वह बीमारियों से लड़ सके।

स्कूल में रखा जाए सेनेटाइजेशन का ध्यान

डॉ। यादव ने बताया कि स्कूल में किसी भी प्रकार की लापरवाही न हो। स्कूल में क्लासरूम सहित अन्य जगहों पर समय से सेनेटाइजेशन किया जाए। ताकि कोरोना का वायरस न फैले। इसके साथ ही स्कूल में टीचर्स भी ध्यान रखें कि वे बच्चों की एक्टिविटी पर स्वयं ध्यान दें। उन्हें कोविड नियमों का पालन कराएं।

ये बातें बच्चे को अवश्य समझाएं

-सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ख्याल रखने के लिए कहें।

-दोस्तों से मिलते वक्त उनसे हाथ न मिलाएं, गले न लगें।

-बार-बार चेहरे पर हाथ लगाने के लिए मना करें।

-बेंच या कुíसयों को हाथ लगाने के बाद हाथों को सैनिटाइज करें।

-छींकते या खांसते समय मुंह पर टिशू रखें और इसका इस्तेमाल करने के बाद इसे डस्टबिन में डालें।

-जुकाम या खांसी से पीडि़त साथी से करीब 2 मीटर की दूरी रखें।

-वॉशरूम का इस्तेमाल करने पर गेट को खोलने का तरीका सिखाएं। सीधे हाथों से न खोलते हुए कोहनी का सहारा लें।

अभी हम सभी जिन ग्रुप्स या परिवार के साथ रह रहे हैं, उनके प्रति हम इम्युन हो गए हैं, लेकिन जब बच्चे स्कूल जाएंगे तो वे नए ग्रुप्स से मिलेंगे। ऐसे में संक्रमण फैलने का खतरा हो सकता है। इसलिए ये जरूरी है कि बच्चे स्कूल में कोरोना से बचाव के नियमों का पालन करें। इसके लिए पैरेंट्स बच्चों को इसके बारे में बताएं।

-डॉ। ओपी यादव, बाल रोग विशेषज्ञ

Posted By: Inextlive