इस बार स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 में वेस्ट टू-वेल्थ इसका बेस होगा. अर्थात् कूड़े से समृद्धि की ओर कूड़े से खाद बनाकर उसे बेचना. अधिक से अधिक डलावघरों को समाप्त कर डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन को फोकस किया जाएगा. बुधवार को स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 का कार्यक्रम जारी कर दिया गया है. इस बार 9500 माक्र्स का पूरा स्वच्छ सर्वेक्षण होगा. इसे पांच कैटेगरी में बांटा गया है. इन पांच पैरामीटर के माक्र्स भी निर्धारित कर दिए गए हंै. इस बारे में स्वच्छ भारत मिशन के प्रोजेक्ट मैनेजर केके पांडे ने बताया कि इस बार वाटर प्लस पर फोकस होगा. नगर निगम ने 2023 में टॉप -टेन में आने के लिए तैयारियां शुरु कर दी हैं. ये अप्रैल से अक्टूबर तक चार चरणों में पूरा होगा.

आगरा। इस बार स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 के पांच पैरामीटर निर्धारित किए गए हैं। इसमें सर्विस लेवल, सर्टिफिकेशन, सिटीजन वॉयस, सेग्रीगेट कलेक्शन, प्रोसेसिंग डिस्पोजल पर सर्वे किया जाएगा।

ओडीएफ की तरह वाटर प्लस पर होगा फोकस
इस बारे में स्वच्छ भारत मिशन के प्रोजेक्ट मैनेजर ने बताया कि जिस प्रकार से ताजनगरी को ओडीएफ डबल प्लस का तमगा हासिल हुआ है। उसी तर्ज पर वाटर प्लस का भी तमगा हासिल करने की कोशिश की जा रही है। इसमें वेस्ट वाटर को ट्रीट कर रीयूज के लायक बनाया जाएगा।

2023 के स्वच्छ सर्वेक्षण में एव्यूलेशन का पैरामीटर 9500 माक्र्स का होगा। जबकि 2022 में 7500 माक्र्स का था।

सर्विस लेवल- 4525
सर्टिफिकेशन- 2500
सिटीजन वॉयस- 2475
सेग्रीगेट कलेक्शन- 1,750
प्रोसेसिंग डिस्पोजल- 1,830

ऐसे बढ़ाए गए माक्र्स
- 10 से 13 प्रतिशत माक्र्स सेग्रीगेट डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन
- 2-10 प्रतिशत प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट
- 1- 13 प्रतिशत माक्र्स सिटीजन वॉयस
- 2 प्रतिशत वेस्ट वंडर पार्क
- 1-18 प्रतिशत स्लो स्पॉट स्वच्छता एप
- 1-5 प्रतिशत जीरो वेस्ट ईवेंट मूव्ड
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इन बिन्दुओं पर भी होगा परीक्षण
- जनसुविधाओं की क्या स्थिति है।
- पब्लिक की समस्या का स्तर क्या है
- सुविधाओं से पब्लिक का जुड़ाव कैसा है
- सफाई की व्यवस्था का स्तर
- यमुना प्रदूषण रोकने को क्या उपाय किए गए
- टॉयलेट, सार्वजनिक टॉयलेट सुविधा का स्तर
- पेयजल आपूर्ति और गुणवत्ता का स्तर
- सीवर मैनेजमेंट

कूड़े से बनाई जा रही खाद
सेंटर मात्रा
कुबेरपुर 100 एमटी
जूता मंडी फूलों से खाद 2 एमटी
जूता मंडी राजनगर 3 एमटी
कुबेरपुर 5 एमटी
धांधूपुरा 4 एमटी
कुबेरपुर 300 एमटी
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नोट: जिले में 334 एमटी गीले कचरे से खाद बनाई जा रही है। इसके बाद इसको बेचा जा रहा है।

सूखे कूड़े का ऐसे किया जा रहा निस्तारण
सूखे कूड़े के निस्तारण के लिए 120 एमटी की क्षमता का मैटेरियल रिकवरी फैसेलिटी सेंटर एमएच-93 टेड़ी बगिया पर संचालित किया जा रहा है। सिटी में 6 स्थानों से सूखे कूड़े का कलेक्शन किया जा रहा है। इसको लेकर प्रोसेसिंग प्लांट तक भेजा रहा है। इस प्लांट का संचालन एक निजी एजेंसी द्वारा किया जा रहा है। इस प्लांट को स्थापित करने में 3.97 करोड़ की लागत आयी है।

Posted By: Inextlive