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AGRA : किराए के मकान में रहना बदमाशों के लिए बचने का आसान तरीका है। बदमाश वारदात कर मकान में आ जाते हैं और पुलिस चेकिंग करती रहती है। इसका खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ता है। इस बार भी पकड़ा गया सरगना किराए के मकान में रह रहा था। इसके बाद भी पुलिस किराएदार सत्यापन के नाम पर खानापूर्ति कर रही है।

किराए पर रहता था शातिर
पुलिस पड़ताल में पता चला कि शातिर पिछले एक महीने से टेढ़ी बगिया में किराए के मकान में रह रहा था। इससे पहले वह जगदीशपुरा एरिया में किराए के मकान में रहा था। 2016 में वह अलीगढ़ से जेल गया था। 6-7 महीने पहले ही जेल से छूट कर आया था। पुलिस को उसके किराए पर रहने की जानकारी नहीं थी।

पुलिस नहीं करती सत्यापन
किराएदारों का सत्यापन अनिवार्य है। इसमें पुलिस की भी जिम्मेदारी है। लेकिन पुलिस ने अपनी जिम्मेदारी से मुंह मोड़ कर सारा जिम्मा मकान मालिक के सिर पर मड़ दिया है। पुलिस का कहना होता है कि मकान मालिक खुद नहीं आता जबकि पुलिस को भी जाना चाहिए। मकान मालिक रुपयों के लालच में अपराधी को भी अपने यहां किराए पर रख लेता है। पहले भी कई बाद किराए पर रह रहे बदमाश पकड़े गए हैं। लेकिन इसकी जानकारी उसके पकड़े जाने के बाद ही होती है।

कई राज्यों में किया हाथ साफ
पुलिस के मुताबिक शातिर महिलाओं और बुजुर्गो को अपना शिकार बनाते हैं। गैंग ने आगरा के अलावा, मथुरा, फीरोजाबाद, अलीगढ़, गाजियाबाद, नोयडा, दिल्ली, हरियाणा, मध्य प्रदेश समेत कई राज्यों में सैकड़ों घटनाओं को अंजाम दिया है। शातिर निशांत के साथ एक लड़की भी रहती है।

इस टीम ने पकड़े शातिर
शातिरों को पकड़ने वाली टीम में इंस्पेक्टर अनुज कुमार, प्रभारी क्राइम ब्रांच सिटी, एसआई सोनू कुमार, प्रभारी सर्विलांस, एसआई संजय कुमार शर्मा, हैड कॉस्टेबल आशीष शाक्य, कॉस्टेबल अमन कुमार, आशीष कुमार, परमेश कुमार, आशुतोष त्रिपाठी, नेत्रपाल सिंह, तहसीन, प्रदीप यादव, विनय कुमार, विपिन तोमर, गिर्राज यादव, चालक औसान सिंह हैं।

Posted By: Inextlive