-लखनऊ यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो। राय को अंबेडकर यूनिवर्सिटी की अतिरिक्त जिम्मेदारी

-प्राप्त शिकायतों की जांच के लिए तीन सदस्यों की कमेटी का किया गया गठन

आगरा। डॉ। भीमराव अंबेडकर यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो। अशोक मित्तल के खिलाफ प्राप्त वित्तीय अनियमितताओं व भ्रष्टाचार की कंप्लेन पर उनको राजभवन से मिले आदेश पर कार्य से विरत कर दिया गया है। लखनऊ यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो। आलोक राय को अंबेडकर यूनिवर्सिटी के कुलपति की अतिरिक्त जिम्मेदारी दी गई है। वहीं मिली कंप्लेंन की जांच के लिए तीन सदस्यों की कमेटी का गठन किया गया है। इसकी अध्यक्षता सेवानिवृत्त न्यायाधीश करेंगे।

कुलपति के खिलाफ कंप्लेन को लिया संज्ञान

कुलाधिपति आनंदी बेन पटेल के अपर मुख्य सचिव महेश कुमार गुप्ता की सूचनानुसार कुलपति प्रो। अशोक कुमार मित्तल के खिलाफ राजभवन को भ्रष्टाचार, प्रशासनिक एवं वित्तीय अनियमितताओं सहित अन्य गंभीर कंप्लेन प्राप्त हुईं थी।

राज्य यूनिवर्सिटीज की समीक्षा में की थी शिरकत

कुलपति प्रो। अशोक मित्तल ने राज्य यूनिवर्सिटीज की समीक्षा बैठक में भाग लिया था। इसके साथ ही 31 मई से दो जुलाई तक कुलाधिपति की अध्यक्षता में राजभवन में हुई राज्य यूनिवर्सिटीज की समीक्षा बैठक में भी पाया गया कि कुलपति द्वारा राजभवन से भेजे गए बिंदुओं पर कोई भी तैयारी नहीं की गई। जिसको संज्ञान लेते हुए कुलपति प्रो। अशोक मित्तल को कार्य से विरत रखने के आदेश जारी किए हैं।

इन कंप्लेन को लिया गया संज्ञान

1-डॉ। भीमराव अंबेडकर यूनिवर्सिटी में वर्ष 2021 में करीब सौ अतिथि प्रवक्ताओं की नियुक्ति की थी, जिसमें 90 पुरानी, वहीं 10 दस नई नियुक्तियां की गई थीं।

2-यूनिवर्सिटी में ऑडिट आपत्तियों का अनुपालन पूरा नहीं करना, जिसमें यूनिवर्सिटी पर सíवस टैक्स का 70 लाख से अधिक जुर्माना

3-उच्च नयायालय व अन्य लंबित मामलों पर यूनिवर्सिटी पर आवश्यक पैरवी या कार्यवाही नहीं किए जाने पर संज्ञान लिया गया।

4-यूनिवर्सिटी आने वाले स्टूडेंटस को समय से डिग्री की समस्या का निराकरण नहीं करना। इस मामले में स्टूडेंट्स कोर्ट की शरण में भी गए है। उनके डिग्री न प्रदान करना।

5-यूनिवर्सिटी कर्मचारियों को अनावश्यक रूप से ओवरटाइम भत्ता दिए जाने पर मामले को संज्ञान लिया गया।

6-प्रो। अशोक मित्तल द्वारा यूनिवर्सिटी में की गई नियुक्तियों के संबंध में आवश्यक रोस्टर नहीं तैयार करना।

-कॉलेजों की संबद्धता में धांधली की कंप्लेन की गई थीं।

ये हैं गठित कमेटी के तीन मेंबर्स

-रिाटायर्ड जज रंजना पंडया की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच कमेटी का गठन किया गया है।

2-छत्रपति शाहूजी महाराज यूनिवर्सिटी, कानपुर के कुलपति प्रो। विनय कुमार पाठक

3-सिद्धार्थ यूनिवर्सिटी कपिलवस्तु, सिद्धार्थनगर के पूर्व कुलपति प्रो। सुरेन्द्र दुबे को सदस्य बनाया गया है।

एक महीने में कमेटी सौंपेगी जांच

डॉ। भीमराव अंबेडकर यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो। अशोक मित्तल के खिलाफ मिली कंप्लेन की जांच तीन मेंबर्स की कमेटी को सौंपी गई है, इसके साथ ही कमेटी को जांच के लिए एक महीने का समय दिया गया है। इसकी जांच रिपोर्ट कुलाधिपति को सौंपी जाएगी।

पूर्व अधिवक्ता ने की थी कंप्लेंन

यूनिवर्सिटी के पूर्व अधिवक्ता डॉ। अरुण दीक्षित ने राजभवन को कुलपति प्रो। अशोक मित्तल के खिलाफ 15 बिंदुओं का शिकायत पत्र सौंपा था। इनमें अतिथि प्रवक्ताओं की नियुक्ति से लेकर अपने नजदीकियों को प्रमुख पदों पर बैठाने तक की कंप्लेन थी।

लखनऊ कुलपति को जिम्मेदारी

उत्तर प्रदेश की राज्यपाल एवं कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने डॉ। भीमराव अंबेडकर यूनिवर्सिटी आगरा के कुलपति प्रो। अशोक मित्तल को कार्य विरत रखने के आदेश जारी किए हैं। वहीं लखनऊ यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार राय को अतिरिक्त कार्यभार.सौंपा गया।

एंटी करेप्शन और विजीलेंस में भी कंप्लेन

एडवोकेट अरुण दीक्षित ने बताया कि राजभवन के अलावा कुलपति के खिलाफ एंटीकरेप्शन और विजीलेंस से भी करेप्शन की कंप्लेंन की है। वहीं उत्तर प्रदेश सेक्रेटरी को भी इस संबंध में पत्र लिखा है।

वर्जन

यूनिवर्सिटी में नियम विरुद्ध नियुक्तियां करना, ऑडिट संपत्तियों का अनुपालन पूर्ण न करना, उच्च न्यायालय, अन्य लंबित प्रकरणों पर यूनिवर्सिटी द्वारा आवश्यक पैरवी ना करना, वहीं नियुक्तियों के संबंध में रोस्टर तैयार न करना सहित कई मामलों में कंप्लेंन की है।

अरुण दीक्षित, एडवोके ट

वर्जन

मुझ पर लगाए गए आरोप निराधार हैं, मेरे खिलाफ मिली कंप्लेन पर मेरा पक्ष नहीं जाना गया, मैनें कम बजट ज्यादा काम कराया। यह एक चुनौती की तरह है। मेरे द्वारा यूनिवर्सिटी की व्यवस्थाओं को कम खर्च में बेहतर करने का कार्य किया गया है।

प्रो। अशोक मित्तल, कुलपति

Posted By: Inextlive