- मथुरा नगर में 30 नलकूपों का हुआ आटोमाइजेशन

- जलकल अभियंता के मोबाइल पर दिखेगा मोटर का एरर

मथुरा: गरमी के इस सीजन में पानी की डिमांड बढ़ने के साथ किल्लत शायद ही बढ़े। पूरे नगर में तीस ऐसे नलकूपों को आटोमाइज्ड कर दिया गया है, जिनकी मोटरें गरमी के मौसम में बार-बार फुंक जाया करती थीं। तेरहवें वित्त की धनराशि से प्रस्तावित नलकूपों का आटोमाइजेशन बुधवार को पूरा हो गया।

गरमी के मौसम में विद्युत वोल्टेज स्थिर नहीं रहते। बार-बार ज्यादा-कम होने वाले वोल्टेज नलकूपों की मोटरों का दम निकाल देते हैं। तमाम ऐसे नलकूप हैं, जिनकी मोटरें हर महीने एक-दो बार तो फुंक ही जाती हैं, जबकि कई तीन और चार बार भी फुंकती रही हैं। इनकी मरम्मत आदि पर पालिका परिषद को हर साल अतिरिक्त पैसा व्यय करना पड़ रहा था।

मार्च माह के दूसरे पखवाड़े से ही शुरू हो रही गरमी के इस सीजन में अब ऐसा कतई नहीं होगा। धौली प्याऊ, ठेक नारनौल, छत्ता बाजार, गांधी पार्क, बंगाली घाट, श्मशान घाट, पालिका कार्यालय आदि समेत नगर के तीस नलकूपों को आटोमाइज्ड करने का काम बुधवार को पूरा हो गया। इस पर 13 वें वित्त की 29 लाख की धनराशि व्यय हुई है। आटोमाइजेशन होने के बाद अब उक्त सभी नलकूपों की पल-पल की खबर जलकल अभियंता को मिला करेगी। जलकल अभियंता के मोबाइल से सभी नलकूपों को कनेक्ट किया गया है। कौन सा नलकूप कितना चला, कब बंद हुआ, क्यों बंद हुआ और मशीन क्या एरर दे रही है, यह सब जानकारियां उन्हें मिला करेंगी। वोल्टेज हाई और लो होने के साथ ही मोटरें स्वत: ही बंद हो जाया करेंगी। इससे वे खराब होने से बचेंगी।

जलकल अभियंता दयाशंकर वाजपेयी बताया है कि गरमी के सीजन में इन क्षेत्रों की जनता को पेयजल किल्लत से नहीं जूझना पड़ेगा। इससे स्टाफ की भागदौड़, पैसे का अपव्यय तो रुकेगा ही, लोगों को समय से पूरा पेयजल भी मिल सकेगा। नलकूपों के आटोमाइजेशन कार्य का लोकार्पण शीघ्र ही जिलाधिकारी से कराया जाएगा।

Posted By: Inextlive