पैसे न देने पर स्वास्थ्य केन्द्र से निकाला और महिला ने सड़क पर ही बच्चे को देना पड़ा जन्म।

AGRA: जच्चा और बच्चा दोनों स्वस्थ रहें। उन्हें प्रॉपर इलाज मिल सके। इसके लिए केन्द्र सरकार कई स्कीमें चला रही है। गांव एवं शहरी क्षेत्रों में स्वास्थ्य केन्द्रों के साथ ही वैलनेस सेंटर भी खोले जा रहे है लेकिन यह सुविधाएं धरातल स्तर पर नहीं दिख रही। दिल को झकझोर देने वाली घटना ने एक बार फिर स्वास्थ्य विभाग की पोल खोल दी। रुनकता स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर पैसे न होने के कारण गर्भवती महिला को भर्ती करने से इनकार कर दिया गया। प्रसव पीड़ा से बिलख रही महिला ने सड़क पर ही नाली के किनारे बच्चे को जन्म दिया। जिसने भी इस घटना को देखा उसका दिल दहल गया। वहीं सामुदायिक केन्द्र का स्टाफ एक दूसरे के ऊपर मामले को टालने का प्रयास कर रहा है।

अछनेरा सीएचसी की है घटना
रुनकता निवासी श्याम रिक्शा चलाने का काम करता है। श्याम ने बताया कि सुबह छह बजे पत्नी नैना को प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में लेकर पहुंचा था। जहां नर्स सरिता सिंह ने पैसे की मांग करते हुए पत्नी को भर्ती करने से इनकार कर दिया था। पत्नी को बाहर ले जाकर मैनें उसे सामुदायिक केन्द्र से करीब 50 मीटर की दूरी पर बैठा दिया। इसी बीच में पत्नी को प्रसव पीड़ा हुई। उसकी गंभीर हालत को देखकर आसपास की महिलाएं आ गई और पत्नी को सड़क पर ही बच्चे को जन्म देना पड़ा।

रिक्शा और जेवर गिरवी रख लेने गया था पैसे
श्याम गरीब परिवार से है। श्याम रिक्शा चलाने का काम करता है। श्याम ने बताया कि सामुदायिक केन्द्र में पैसे मांगे जाने के बाद वह अपना रिक्शा और जेवर गिरवी रखकर पैसे की व्यवस्था करने गया था। उतने में ही पत्नी की डिलीवरी हो गई। वहीं रुनकता के पीएचसी की प्रभारी डॉ। सुप्रिया को जैसे ही इस घटना की जानकारी मिली उन्होंने नैना की हालत देखकर उसे तत्काल एसएन भेजा। रुनकता स्वास्थ्य केन्द्र अछनेरा केन्द्र से संबद्ध है। वहां के अधिकारी डॉ। नंदन सिंह ने सुप्रिया से बात की। सुप्रिया ने बताया कि यह महिला दो दिन पहले अस्पताल आई थी। मैनें इसको दवा दी थी। आज जब दोबारा स्वास्थ्य केन्द्र पर आई तो उस समय मैं मौजूद नहीं थी। वहां नर्स सरिता मौजूद थी। जबकि सरिता ने कहा कि मैंने किसी तरह पैसे की डिमांड नहीं की थी। सिर्फ सरकारी खर्चे की बात कही थी।

Posted By: Inextlive