एक हफ्ते में दर्जनों यात्रियों को कर चुके हैं घायल खाने-पीने तक का सामान छीन ले जा रहे बंदरलेटफार्म के अंदर लाइट सीसीटीवी कैमरा और गमलों के पौधे तक को पहुंचा चुके नुकसानहर दो दिन में प्रयागराज संगम स्टेशन अधीक्षक डीएफओ को पत्र भेजकर कर रहे शिकायतसिटी के प्रयागराज संगम रेलवे स्टेशन पर बंदरों के उत्पात से यात्री परेशान हैं. प्लेटफार्म से लेकर अधिकारियों के ऑफिस तक बंदरों का कब्जा है. बंदरों के झुंड प्लेटफार्म पर यात्रियों पर हमला कर खाने-पीने का सामान छीनकर भाग जाते हैं. एक हफ्ते के भीतर दर्जनों यात्री घायल भी हो चुके हैं. वहीं स्टेशन अधीक्षक एएम पाठक हर दो दिन में एक लेटर भेजकर डीएफओ से इस समस्या निजात दिलाने की गुहार लगा रहे हैं. डीएफओ का कहना है कि बंदरों को भगाने के लिए बजट नहीं है. इसी को लेकर जब शनिवार को दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट ने स्टेशन का मौजूदा स्थिति देखने के लिए जायजा लिया तो कही गई बात सच साबित हुई.

प्रयागराज (ब्‍यूरो)। दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट रिपोर्टर दोपहर करीब दो बजे प्रयागराज संगम रेलवे स्टेशन पहुंचा। प्लेटफार्म के अंदर छोडि़ए बाहर चारों ओर उधम मचा रहे थे। स्टेशन पर आने-जाने वाले यात्रियों पर बंदर हमला बोल दे रहे थे। प्लेटफार्म चार पर ट्रेन का इंतजार कर रही एक महिला के बैग को बंदर छीन ले गया और फाड़ दिया। कुछ दूरी पर एक बच्चा केला खा रहा था। उसका केला छीनने के लिए जैसे ही बंदरों झुंड आगे बढ़ा तो रेलवे एक स्टाफ ने देख लिया। फिर क्या हाथों में गुलेल लेकर घूम रहे स्टाफ ने गुलेल से निशाना लगाया। जैसे ही पत्थर लगा तो बंदरों के झुंड ने देख लिया। सब के सब भाग खड़े हुये। यहीं नही रोजाना सफर करने वाले लोग तो हाथों में डंडा व ईट लेकर सफर करते मिले।
प्लेटफार्म से बाहर निकलते वक्त एक बुजुर्ग किसी के इंतजार में बैठा था। अपने बगल सामान व खाने का थैला लिया था। पहले कुछ बंदर सामान लेकर भागे। जब वहां मौजूद लोगों ने बंदर को दौड़ाया तो कुछ दूरी पर बैग छोड़कर भाग गए। लोगों को लगा बंदरों का झुंड चला गया है। उतने में एक बंदरों का झुंड ऊपर सीढ़ी की तरफ से उतरा और खाने वाला सामान जबरन छीनकर ले गए।

नहीं सुनते डीएफओ और नगर निगम
बंदरों से परेशानी के संबंध में प्रयागराज संगम उत्तर रेलवे स्टेशन अधीक्षक ए.एम पाठक द्वारा कई एप्लीकेशन डीएफओ को दिया गया। उनकी टीम आई और देखकर चली गई। इस समस्या का हल न होने पर जब स्टेशन अधीक्षक ने पूछा तो बजट न होने की बात कही। उनका कहना है कि इन बंदरों को पकडऩे के लिए बकायदा एक लोहे की जाल बनाया जाएगा। जिसमें इनको पकडऩा होगा। वहीं इस समस्या को लेकर नगर निगम के जिम्मेदार अधिकारियों ने भी पल्ला झाड़ लिया है।

बंदरों से यात्री ही नहीं बल्कि पूरा स्टाफ परेशान है। समय-समय पर रेलवे स्टेशन से बंदरों को भगाया जाता है। डीएफओ और नगर निगम को पत्र भेजकर बंदरों को पकडऩे को कहा गया है।
ए.एम पाठक, प्रयागराज संगम उत्तर रेलवे स्टेशन अधीक्षक

शिकायत प्राप्त हुई है। काफी संख्या में बंदर स्टेशन परिसर के बाहर व अंदर हो गए हैं। सोरांव तरफ बंदर पकडऩे वाला टार्जन है। उससे संपर्क किया जा रहा है। इनको हर कोई नहीं पकड़ सकता है। एक्सपर्ट ही पकड़ सकते हैं।
आरएन दुबे, डीएफओ वन विभाग मिंटोपार्क

बंदर तो इतने हो गए है कि गिना नहीं जा सकता है। रोज डयूटी करने अब डर लगने लगा है। कब कहां से आकर झपट्टा मार दें कोई भरोसा नहीं। कई स्टाफ को घायल तक कर चुके हैं।
राहुल यादव, रेलवे स्टाफ

दिन में कई बार सफाई करना पड़ता है। कूड़े के डब्बे तक को पलट देते हैं। बंदरों ने बहुत परेशान कर रखा है। इनके डर से कोई यात्री यहां खाना तक नहीं खाते हैं।
जावेद, सफाईकर्मी

बैग रखकर हमारी पत्नी खड़ी थी। उनका बैग छीनकर लेकर चले गए। यहीं नही उनका बैग तक फाड़ दिए। दूसरे बैग में अब सामान को एडजस्ट करना पड़ रहा है। बैग का सारा सामान बिखरा दिए थे।
अरुण जायसवाल, यात्री

गुलेल व डंडा लेकर चलना पड़ता है। अगर हाथ में गुलेल देख लिए तो पास नहीं आते है। अक्सर कई बार यात्रियों का सामान लेकर भाग जाते है तो दौड़ाना पड़ता है। हर दिन दो-तीन लोगों को चोट पहुंचा ही देते हैं।
दिव्यांशु शुक्ला, स्टाफ

यह कार्य वन विभाग का है। अगर स्ट्रीट डॉग का मामला होता तो नगर निगम देखता। फिर भी वन विभाग को जो मदद चाहिए होगा। उनकी मदद की जाएगी। यात्रियों से जुड़ा मामला है।
मुशीर अहमद, अपर नगर आयुक्त नगर निगम

03 बार तोड़ चुके है मेन दीवार पर लगे बड़े शीशे
05 से छह गमला रोज टूटना तय है जबकि स्टाफ बराबर देखते रहते हैं
40 से 45 के बीच गमले लगे थे एक हफ्ते में बीस भी नहीं बचे
14 से अधिक लोगों को एक हफ्ते में कर चुके हंै घायल
02 बार मेन गेट व सीढी के कैमरे तक तोड़ चुके हैं

Posted By: Inextlive