व्यापारियों को 40 प्रतिशत का झटका दे गया फाइनेंशियल इयर 2017-18
एफएमसीजी से लेकर, किराना, ज्वैलरी हर ट्रेड को हुआ नुकसान
जीएसटी की उलझनों से राहत चाहते हैं व्यापारी, बोले, नियम सरल होंगे तो बढ़ेगी राजस्व वसूली ALLAHABAD: जीएसटी और नोटबंदी ने संगम नगरी में व्यापार को फाइनेंशियल इयर 2017-18 में 40 फीसदी तक का झटका दे दिया है। कई व्यापारियों की दुकान सिमट गयी है। नए फाइनेंशियल इयर से व्यापारियों को काफी उम्मीदें हैं। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने परिचर्चा आयोजित कर नए फाइनेंशियल ईयर में व्यापारियों की अपेक्षाएं जानी। बिजनेस छोड़कर भर रहे हैं फारमउत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार कल्याण समिति के संयोजक संतोष पनामा ने कहा कि जीएसटी लागू करने से पहले कहा गया कि इसके बाद 17 विभागों का शोषण बंद हो जाएगा। केवल एक रिटर्न भरना होगा। हो उल्टा गया है। चार रिटर्न का बोझ व्यापारी पर डाला गया। ट्रान-1, ट्रान-2 समेत करीब 80 फार्म जीएसटी में हैं। व्यापारी अब बिजनेस छोड़कर फारम ही भरने में लगा है।
जीएसटी ने व्यापारी को क्लर्क बना दिया है। हर ट्रेड का बिजनेस इस वर्ष 30 से 40 परसेंट लॉस में रहा। पोर्टल जब तक काम नहीं करेगा, जीएसटी सफल नहीं होगा। व्यापारी खुल कर व्यापार कर सके, सरकार को कुछ ऐसे नियम बनाने चाहिए। संतोष पनामा व्यापारी नेताशहर में टोटल मार्केटिंग का 35 प्रतिशत से ज्यादा हिस्सा एफएमसीजी सेक्टर का होता है, जिसमें इस वर्ष अभी तक 40 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। इस सेक्टर में सबसे ज्यादा रोजगार होता है। कम पढ़ा लिखा व्यक्ति इस क्षेत्र में रोजगार पा सकता है। फिर भी इसका बुरा हाल रहा।
महेंद्र गोयल प्रदेश अध्यक्ष, कैट जीएसटी के बाद उम्मीद थी कि परिस्थितियां सुधरेंगी। पोर्टल न चलने, आए दिन नियमों के बदल जाने से छोटे व्यापारियों को काफी परेशानी हुई। बीते फाइनेंशियल ईयर में एफएमसीजी बिजनेस 30 से 40 परसेंट लॉस में रहा। अजय गुप्ता हमारा पुश्तों का किराने का कारोबार है। नई पीढ़ी इस कारोबार में नहीं आना चाहती। नोटबंदी और जीएसटी का असर अब दिखना शुरू हुआ है। इधर, कुछ दिनों से 2-3 बजे तक बोहनी तक नहीं हो पाती है। मंडियों में भाव हर रोज घट-बढ़ रहे हैं। किराना मार्केट में 30 परसेंट गिरावट आई है। पीयूष अग्रवाल देश का अन्नदाता भूखा है तो व्यापारी कभी तरक्की नहीं कर सकता। किसान को उचित मूल्य नहीं मिल रहा मंडी में। कम बारिश और बढ़ते तापमान ने किसान को तबाह कर दिया है। फर्टिलाइजर मार्केट में भी 20 प्रतिशत की गिरावट इस वर्ष हुई है। अभिषेक अग्रवाल फर्टिलाइजर व्यापारीहमारा भाड़ा ट्रक से बहुत ज्यादा होता है, फिर भी फ्लिपकार्ट और अमेजन जैसी कंपनी हमसे माल मंगाती थीं। अब तो वे स्वयं माल मंगाने लगी हैं। बाजार में मंदी होने का प्रभाव लीज होल्डर पर भी है। रेलवे द्वारा भाड़ा न घटाए जाने से लीज होल्डर घाटे में हैं।
मनीष शुक्ला ट्रेन लीज होल्डर शादी-विवाह और अन्य शगुन के मौकों को छोड़ दें बाकी दिनों में ज्वैलरी मार्केट में सन्नाटा ही रहता है। नोटबंदी और जीएसटी से मां-बाप अपनी बेटी को जरूरत भर का भी गहना नहीं दे पा रहे हैं। सोने के मार्केट में इस वर्ष 30 और चांदी में 50 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। विवेक रस्तोगी सर्राफा व्यापारी जीएसटी में खातों के रख-रखाव आदि के लिए कम्प्यूटर व्यापारी ही नहीं बल्कि प्रोफेशनल के लिए भी जरूरी हो गया है। कम्प्यूटर के साथ-साथ प्रिंटर, स्कैनर, एंटी वायरस आदि सभी वस्ती की बिक्री पिछले साल की तुलना में 60 प्रतिशत बढ़ी है। सरकार अगर कम्प्यूटर पर टैक्स कम कर दे तो आम जन को भी कम्प्यूटर सुलभ हो सकता है। अनिल गोयल कम्प्यूटर व्यापारीफाइनेंशियल ईयर 2017-18 सॉफ्टवेयर मार्केट के लिए काफी बेहतर रहा। जीएसटी के आने से एकाउंट और बिलिंग सॉफ्टवेयर की बिक्री में कई गुना इजाफा हुआ है। हमारी बिक्री 50 गुना से भी ज्यादा बढ़ी है और आने वाला साल भी हमारे लिए अच्छा होने वाला है।
संदीप अग्रवाल सॉफ्टवेयर डीलर 2016-17 में एनुअल बिजनेस एफएमसीजी 1200 करोड़ इलेक्ट्रानिक 750 करोड़ ऑटोमोबाइल 5000 करोड़ मोबाइल 140 करोड़ किराना 8000 करोड़ सर्राफा 3,000 करोड़