एक करोड़ 48 लाख रुपये ठगी का मामला सरगना के बेटे समेत चार लोग गिरफ्तारमहिला को डिजिटल अरेस्ट करके की गई थी ठगी

प्रयागराज (ब्‍यूरो)। जार्जटाउन की महिला को डिजिटल अरेस्ट करके एक करोड़ 48 लाख रुपये की ठगी करने वाले मास्टमाइंड का नाम देव रॉय उर्फ राणा है। देव रॉय उर्फ राणा तो नहीं पकड़ा जा सका मगर उसका बेटा और तीन मेंबर पकड़ लिए गए हैं। मामला बहुत ही पेंचीदा था। मगर प्रयागराज साइबर थाने की पुलिस ने इस मामले में शातिरों को पकड़ लिया है। इसके लिए साइबर पुलिस को दिन रात भागदौड़ करनी पड़ी। हालांकि अभी इसमें अभी कई गिरफ्तारियां बाकी हैं। इस पर काम चल रहा है। साथ ही महिला के रुपये भी वापस कराने का प्रयास चल रहा है। फौरी तौर पर साइबर पुलिस को ये पता चला है कि ये इंटरनेशनल नेक्सस है। जिसे खत्म करने के लिए कई गिरफ्तारियां करनी होंगी।

ये है मामला
22 अप्रैल को जार्जटाउन में रहने वाली एक महिला को व्हाट्स एप कॉल आई। कॉलर ने महिला को बताया कि उनके नाम से एक पार्सल ताइवान भेजा गया है। जिसमें अवैध नशीला पदार्थ है। यह सुनकर महिला के होश गुम हो गए। कॉलर ने महिला को कानूनी कार्रवाई की चेतावनी देते हुए डिजिटल अरेस्ट कर लिया। यानि कॉलर ने कहा कि अब आप वीडियो कॉल को डिस्कनेक्ट नहीं करेंगी। महिला को तीन दिन तक डिजिटल अरेस्ट रखा गया। इस दौरान कई बार में करीब एक करोड़ 48 लाख रुपये महिला के एकाउंट से ट्रांसफर करा लिए गए। महिला ने 25 अप्रैल को इसकी जानकरी पुलिस अफसरों को दी। इसके बाद 27 अप्रैल को साइबर थाने में महिला की तहरीर पर केस दर्ज किया गया।

बैंक एकाउंट से पकड़ में आया सूत्र
महिला के एकाउंट से साइबर फ्रॉड करने वालों ने तीन करेंट एकाउंट में रकम ट्रांसफर कराई थी। एक करेंट एकाउंट राजेश कुमार पुत्र विनोद मंडल निवासी सेक्टर 22 नोयडा ने साईं सोलर प्राइवेट लिमिटेड के नाम से खोल रखा है। जिसमें 15 लाख रुपये की रकम ट्रांसफर की गई थी। साइबर पुलिस ने सबसे पहले राजेश कुमार को हिरासत में लिया। इसके बाद सारी गुत्थी खुलती गई। राजेश कुमार ने पुलिस हिरासत में पूछताछ में सारा राज खोला। इसके बाद पुलिस साइबर फ्रॉड के मास्टर माइंड देव रॉय के घर पहुंची। देव रॉय तो नहीं मिला मगर उसका बेटा निशांत रॉय मिल गया। पुलिस ने उसे उठा लिया। निशांत ने बताया कि रामा उर्फ चेतन निवासी विष्णु गार्डेन थाना तिलक नगर नई दिल्ली उसके पापा के लिए काम करता है। पुलिस ने उसे भी उठा लिया। रामा ने बताया कि शाहजहांपुर का नितलेश कुमार एक कंपनी वाले को लेकर आता था। इस पर पुलिस ने नितलेश को उठा लिया।

दस दिन भागती रही टीम
शातिर साइबर ठगों को पकडऩे के लिए साइबर थाने के इंस्पेक्टर राजीव तिवारी, सिपाही लोकेश पटेल, सिपाही अतुल त्रिवेदी, सिपाही प्रदीप यादव, सिपाही अनुराग यादव की टीम दस दिन तक रात दिन दौड़ भाग करती रही। इसके बाद चारों आरोपित पकड़ में आ सके।

पूरी गैंग है साइबर फ्रॉड की
1-नितलेश कुमार-यह शाहजहांपुर के पोवांया थाना क्षेत्र के गंगसरा दिउरिया गांव का रहने वाला है। इसने अपने परिचित अमरपाल सिंह को साइबर ठगी में शामिल किया। अमरपाल सिंह ने अपनी पत्नी के नाम से संधू इंटरप्राइजेज कंपनी खोली। इसके बाद अमरपाल की पत्नी के एकाउंट में साइबर फ्रॉड का पैसा ट्रांसफर किया जाने लगा। घटना के एक दिन पहले नितलेश अमरपाल सिंह के साथ दिल्ली गया था। दोनों वहां पर एक होटल में ठहरे।
2.रामा उर्फ चेतन कुमार- यह देव रॉय उर्फ राणा के इशारे पर काम करता था। इसका काम फर्जी सिम कार्ड का जुगाड़ करना था। जिसके जरिए व्हाट्स कॉल की गई थी। यह देव रॉय के इशारे पर दिल्ली आने वाले गैंग मेंबर के रहने और खाने पीने की व्यवस्था करता था।
3-राजेश कुमार- राजेश कुमार ने साई सोलर प्राइवेट लिमिटेड कंपनी बनाई थी। यह भी देव रॉय के लिए काम करता है। इसकी कंपनी के एकाउंट में महिला से ठगी गई रकम ट्रांसफर की गई थी।
4- निशांत रॉय-यह देव रॉय का बेटा है। देव रॉय अपने बेटे निशांत रॉय के जरिए साइबर फ्रॉड के जरिए आने वाली रकम को बिट क्वाइन में इनवेस्ट कराता था।

4 आरोपित पकड़े गए इस मामले में
62 लाख रुपये ट्रांसफर किए गए संधू इंटरप्राइजेज कंपनी में
15 लाख रुपये ट्रांसफर किए गए साईं सोलर प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में
71 लाख पचास हजार रुपये ट्रांसफर किए गए वुल्फवल्र्ड टेक्नालॉजी प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में

कोलकाता में है वुल्फवर्ड कंपनी
साइबर ठग देव रॉय ने 71 लाख पचास हजार रुपये वुल्फवल्र्ड टेक्नालॉजी प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में ट्रांसफर कराया था। ये कंपनी कोलकाता की है। अब साइबर पुलिस इस कंपनी के मालिक को तलाश करने में लगी है।

फरार है कंपनी मालिक
संधू इंटरप्राइजेज कंपनी का मालिक अमरपाल सिंह नितलेश की गिरफ्तारी के बाद फरार हो गया। पुलिस उसके घर पहुंची मगर वह नहीं मिला। सर्विलांश से पता चला कि वह उत्तराखंड में है। मगर शातिर अमर पाल ने मोबाइल का इस्तेमाल बंद कर दिया। जिसकी वजह से उसकी लोकेश नहीं मिल सकी।

तीनों कंपनियां फर्जी
साइबर पुलिस के मुताबिक ये तीनों कंपनियां साइबर फ्रॉड के लिए ही खोली गई हैं। इनका कोई ऐसा रिकार्ड नहीं मिल सका है, जिससे पता चल सके कि कंपनियों के जरिए कोई काम भी किया जा रहा है। ऐसे में माना जा रहा है कि कंपनियों को इसलिए बनाया गया ताकि करंट एकाउंट खोला जा सके। भारी लेनदेन होने पर जल्द उन पर कार्रवाई न हो।

महिला के साथ एक करोड़ 48 लाख रुपये के ठगी के मामले में चार आरोपितों को पकड़ा गया है। एक आरोपित साइबर फ्रॉड के मास्टर माइंड देव रॉय का बेटा है। अन्य आरोपितों की गिरफ्तारी का प्रयास किया जा रहा है।
राजीव तिवारी, इंस्पेक्टर साइबर थाना

Posted By: Inextlive