अतीक के पैतृक मकान की बाउंड्री के अंदर अतीक के संरक्षण में रहता था कई परिवार

बारिश में बाहर रखे घर के सामान का हुआ नुकसान, कुछ सामान मदरसे में पहुंचाया गया

PRAYAGRAJ: चकिया की गली भी वही है और लोग भी। बस बदला है तो माफिया अतीक की हवेली का नक्शा। ध्वस्त किए गए करीब 500 वर्ग गज में फैले मकान का मलबा ही शेष है। अब यहां न तो अतीक हैं और न ही उनका खौफ। जिस घर की तरफ लोग नजर नहीं उठाते थे। बुधवार को उसी मकान के मलबे को आंखें फाड़कर घूरते नजर आए। मंगलवार को बेघर हुआ अतीक का परिवार सामान को बारिश से बचाने की जुगत में लगा था। कुछ सामान मदरसे में रखवा दिये गये थे तो कुछ पानी में भींग गए। बचे हुए अतीक के साए में पलने वाले भी बंजारों की शक्ल में ठौर की तलाश में निकल लिए।

अतीक के लिए लकी था घर-दफ्तर

कर्बला वाला कार्यालय और चकिया का आलीशान मकान अतीक को बुलंदी तक ले गया था। जानकार बताते हैं कि इन्हीं दोनों बिल्डिंग की वजह से अतीक चकिया के नाम से ख्याति मिली थी। सियासी गली के लोग हों या अतीक के बाहुबली व माफिया मित्र। सभी उन्हें अतीक चकिया के नाम से ही बुलाते थे। यही दोनों बिल्डिंग ऐसी है जिसकी दीवार के साथ अतीक का कद बढ़ता चला गया। खैर वह वक्त अतीक के सितारों का था। वक्त बदलते देर कहां लगती है। चमकते सितारे करवट लिए तो अतीक ही नहीं पूरी फेमिली जी जीवन में भूचाल आ गया। अतीक अहमद खुद और छोटा भाई अशरफ जेल में है। बड़ा बेटा उमर भी भागा-भागा फिर रहा। यह वक्त की मार ही कि मंगलवार को जिस घर में परिवार था वह भी मलबे में तब्दील कर दिया गया। ढहाई गई अतीक की बिल्डिंग को उधर से गुजरने वाले लोग आंखे फाड़कर देखने से खुद को नहीं रोक पा रहे। जिस बाउंड्री के अंदर झाकने की किसी में हिम्मत नहीं थी।

कर्बला से चकिया तक फोर्स

चकिया स्थित अतीक का मकान ढहाए जाने के दूसरे दिन शुक्रवार को भी प्रशासन अलर्ट रहा। कर्बला से लेकर चकिया तक पुलिस के जवान मुस्तैद रहे। एलआईयू के अलावा सिविल ड्रेस भी फोर्स क्षेत्र में माहौल का पता लगाने में जुटी रही। पहले दफ्तर और फिर अतीक के निवास को पूरी तरह से ढहाए जाने से मुस्लिम आबादी के तमाम लोग गुस्से में हैं। उपद्रव की आशंका को देखते हुए बुधवार को भी कर्बला से चकिया तक फोर्स तैनात रही। माफिया अतीक अहमद के चकिया स्थित पुश्तैनी मकान में पहली दफा कार्रवाई हुई है। प्रयागराज विकास प्राधिकरण (पीडीए) ने पुलिस की मदद से आलीशान मकान को खंडहर में तब्दील कर दिया है। निवास ढहाए जाने पर जहां अतीक की बहनों ने कार्रवाई को गलत बताया था, वहीं सपा और कांग्रेस के कुछ नेताओं ने नाराजगी जताई थी। सोशल मीडिया पर जारी हुए अलग-अलग वीडियो को देखकर तमाम लोग अतीक के पक्ष में सहानुभूति जताते हुए गुस्सा जाहिर कर रहे हैं। ऐसे में पुलिस को आशंका है कि कुछ असामाजिक तत्व शांति-व्यवस्था को बिगाड़ सकते हैं। इसीलिए अधिकारियों के निर्देश पर ड्यूटी पर तैनात किए गए जवान पूरी तरह से चौकन्ना हैं। एक प्लाटून पीएसी, महिला और पुरुष पुलिसकर्मी बुधवार को सुबह से लेकर रात तक अलग-अलग रास्ते पर गश्त करते रहे। इंस्पेक्टर खुल्दाबाद विनीत सिंह भी फोर्स के साथ ढहाए गए मकान के पास रहने वाले लोगों से शांति व्यवस्था बनाए रखने की अपील करते हुए लोगों को हिदायत दी।

बच्चों संग मायके गई अतीक की पत्‍‌नी

घर ढहाने के बाद माफिया अतीक अहमद की पत्‍‌नी शाइस्ता परवीन बच्चों के साथ अपने मायके चली गई हैं। उनका मायका वहीं से करीब पांच सौ मीटर दूर पर ही है। अतीक के साले जकी अहमद ने अपनी बहन व भांजों को घर में रख लिया है। बुधवार को उनसे मिलने वालों का तांता लगा रहा है। कौशांबी, फतेहपुर और गंगापार-यमुनापर समेत दूर-दूर से लोग जकी के घर पहुंचकर शाइस्ता को सांत्वना देते रहे। निवास स्थल से बाहर निकालकर रखा गया सोफा, बेड समेत अन्य घरेलू सामान मुहल्ले के एक मदरसे में रखा दिया गया है। कुछ सामान पड़ोसियों के घर में रखा गया था, लेकिन पर्याप्त स्थान न होने के कारण बाद में उसे मदरसे में भेज दिया गया। खूंखार डॉगी अभी भी अपने बाड़े में मौजूद हैं। अतीक के करीबियों का कहना था कि अभी उन्हें रखने के लिए ठीक जगह नहीं मिली है। दोपहर में केयर टेकर राकेश भी निवास के पास नहीं दिखा। अतीक की बहन किसी रिश्तेदार के घर चली गई हैं।

निकाली जा चुकी अमोनिया गैस

अंदावा मोड़ के पास स्थित किसान कोल्ड स्टोरेज में स्टोर की गयी अमोनिया गैस निकालने का काम बुधवार को पूरा हो गया। दो दिन की कड़ी मशक्कत के बाद इस खतरनाक गैस को टंकी से बाहर निकाला गया। सीएफओ आरएस मिश्र ने कहा कि अमोनिया गैस पानी में घुल जाती है। इसलिए कोल्ड स्टोरेज के पीछे बनी हजारों लीटर पानी टंकी में इस गैस को सावधानी पूर्व निकाल दिया गया। पानी में घुलने के बाद इस गैस का प्रभाव खत्म हो जाता है।

Posted By: Inextlive