सूबे में सत्ता परिवर्तन के साथ ही संस्कृत बोर्ड के स्कूलों के कायाकल्प होने की उम्मीद भी बढ़ी थी. 2017 में सत्ता में आने के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी संस्कृत बोर्ड के स्कूलों में टीचर्स की नियुक्ति से लेकर अन्य सभी जरूरी चीजों की आपूर्ति की घोषणा भी की थी. लेकिन साढ़़े चार साल खत्म होने के बाद अभी तक संस्कृत बोर्ड के इन स्कूलों में रिक्त टीचर्स के पदों पर नियुक्ति नहीं हो सकी. ऐसे में इन स्कूलों में पढऩे वाले स्टूडेंट्स को अभी बेहतर पढ़ाई के लिए आवश्यक टीचर्स के लिए इंतजार ही करना होगा.

प्रयागराज (ब्‍यूरो)। प्रयागराज जनपद में ही संस्कृत बोर्ड के कुल 18 स्कूल है। जिनमें कुल 54 टीचर्स के पदों पर नियुक्ति होनी है। साढ़े चार साल बीतने के बाद इन पदों पर भर्ती के लिए शासन की ओर से थोड़ी रफ्तार पकड़ गई। इसमें आदेश हुआ कि संविदा पर संस्कृत बोर्ड के स्कूलों में टीचर्स की नियुक्ति की जाए। लेकिन अभी भी इस प्रक्रिया को पूरा होने और संविदा पर टीचर्स की नियुक्ति में समय लगना है। हालांकि पिछले दिनों संविदा पर टीचर्स की नियुक्ति के लिए मांगे गए आवेदन के सापेक्ष इंटरव्यू की प्रक्रिया पूरी की जा चुकी है। लेकिन अभी तक उसका रिजल्ट जारी नहीं हो सका। ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि 18 नवम्बर के बाद ही इन स्कूलों मे टीचर्स की नियुक्ति हो सकेगी।

बोर्ड परीक्षा के लिए भरे जा रहे फार्म
जिले में संस्कृत बोर्ड के कुल 42 एडेड विद्यालय है। जिनमें करीब 4000 स्टूडेंट्स है। इनमें से 18 स्कूलों में एक भी शिक्षक नहीं है। ऐसे में इन स्कूलों में ताला लगने की स्थिति बनी हुई है। जबकि संस्कृत बोर्ड की ओर से आयोजित होने वाली बोर्ड परीक्षा में पूर्व मध्यमा यानी हाईस्कूल व मध्यमा यानी इंटर के लिए फार्म भरने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। लेकिन बोर्ड परीक्षा का फार्म भरने के लिए फावर्ड किससे कराए। ये इन स्कूलों के स्टूडेंट्स को समझ नहीं आ रहा है। जिससे इन स्कूलों के स्टूडेंट्स के सामने बड़ी समस्या है।

शिक्षकविहीन विद्यालयों में अन्य विद्यालयों के टीचर्स को अटैच किया गया है। जिससे सरकारी कार्य कराए जा सके। इन टीचर्स फार्म फारवर्ड करेंगे।
आरएन विश्वकर्मा डीआईओएस

Posted By: Inextlive