-रेलवे का नहीं होगा निजीकरण, पर विकसित देशों की तर्ज पर आउटसोर्सिग जारी रहेगी

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PRAYAGRAJ: लखनऊ-दिल्ली रूट पर जिस तरह प्राइवेट कंपनी तेजस एक्सप्रेस चला रही है, कई अन्य रूटों पर प्राइवेट कंपनियों द्वारा तेजस एक्सप्रेस चलाने की तैयारी चल रही है, उसको लेकर सवाल उठाया जा रहा है कि रेल मंत्रालय रेलवे का निजीकरण कर रहा है। वहीं जीएम एनसीआर राजीव चौधरी ने गुरुवार को बताया कि रेलवे का निजीकरण तो किसी कीमत पर नहीं होगा, लेकिन अब विकसित देशों की तरह रेलवे बड़े पैमाने पर आउटसोर्सिग जरूर करेगा।

हम भी बढ़ रहे हैं आगे

जीएम एनसीआर ने कहा कि रेलवे का निजीकरण नहीं होगा, लेकिन रेलवे आउटसोर्सिग जरूर करेगा। अभी भी हो रहा है, जिसे आगे और बढ़ाया जाएगा। क्योंकि जितने भी विकसित देश हैं, उनमें रेलवे का काफी कुछ काम प्राइवेट कंपनी करती हैं। वहीं जो विकासशील देश हैं, जहां कंपनी बहुत सक्षम नहीं है, वहां सारा काम सरकार करती है। धीरे-धीरे हम लोग भी विकसित देशों की ओर बढ़ रहे हैं।

15 लाख रुपये पर-डे कमा रही है तेजस

दिल्ली-हावड़ा रूट के साथ ही अन्य रूटों पर डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर यानी डीएफसी का काम तेजी से चल रहा है। डीएफसी बनने के बाद जो भी रास्ते खाली होंगे ट्रेनों के लिए उन रास्तों पर रेलवे 200 ट्रेनें चलाएगा। जिनमें ज्यादातर ट्रेनें तेजस की तरह होंगी, जिन्हें रेलवे द्वारा नहीं बल्कि प्राइवेट कंपनियों द्वारा ही चलाया जाएगा। आज की तारीख में लखनऊ-दिल्ली तेजस एक्सप्रेस जो प्राइवेट कंपनी के जरिये चलाई जा रही हैं, वो पर-डे 15 लाख रुपये अर्निग कर रही है।

Posted By: Inextlive