-प्रतियोगियों ने यूपीपीएससी अध्यक्ष से वेतनमान की जांच करने की मांग उठाई

-अनुभव प्रमाण पत्र में गड़बड़ी कर नौकरी हासिल करने का लगाया आरोप

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PRAYAGRAJ: पीसीएस 2018 भर्ती में गड़बड़ी को लेकर लगातार नए विवाद सामने आ रहे हैं। अभी तक जहां परीक्षा के कापियों के मूल्यांकन को लेकर विवाद शुरू हुआ था। वहीं अब प्रिंसिपल पदों पर नियुक्ति पाने वाले चयनितों द्वारा फर्जी अनुभव प्रमाणपत्र जमा करने का आरोप लगने लगा है। प्रतियोगियों का आरोप है कि निर्धारित योग्यता न रखने वाले कई अभ्यर्थियों का चयन पि्रंसिपल पद पर किया गया है। चयन होने के बाद वे फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र लगा रहे हैं। नियमानुसार अनुभव प्रमाण पत्र लगाने के बाद ही इंटरव्यू होना चाहिए था। इस मामले में प्रतियोगियों ने आयोग को पत्र लिखकर चयनित अभ्यर्थियों के वेतनमान व अनुभव प्रमाण पत्रों की जांच कराने की मांग उठाई है।

83 प्रिंसिपल पद भी थे शामिल

यूपीपीएससी की ओर से आयोजित हुई पीसीएस 2018 भर्ती के अंतर्गत कुल 988 पद शामिल थे। इनमें से 83 पद प्रिंसिपल पदों के लिए थे। प्रिंसिपल पद के अभ्यर्थियों को 27 जून तक संयुक्त निदेशक शिक्षा द्वारा प्रतिहस्ताक्षरित तीन साल का अनुभव प्रमाणपत्र जमा करना था। अनुभव प्रमाण पत्र देने वाले अभ्यर्थियों को ही इंटरव्यू दिलाने का नियम बनाया गया था। आयोग अध्यक्ष को लेटर लिखने वाले प्रतियोगी छात्र अवनीश पांडेय ने बताया कि 11 सितंबर को घोषित पीसीएस-2018 के फाइनल रिजल्ट में प्रिंसिपल पदों पर कुल 33 अभ्यर्थियों को चयन किया गया। उनका चयर औपबंधिक रूप से किया गया है। जबकि ऐसे लोग इंटरव्यू देने के योग्य नहीं थे। ऐसे में चयन होने के बाद कई अभ्यर्थियों ने द्वारा संबंधित अधिकारियों के यहां से सांठगांठ करके फर्जी तरीके से अनुभव प्रमाण पत्र तैयार कराए जा रहे हैं। कुछ अभ्यर्थी संबंधित स्कूलों के जरिए फर्जी तरीके से जेडी द्वारा प्रतिहस्ताक्षरित अनुभव प्रमाणपत्र आयोग में प्रस्तुत कर रहे है। ऐसे में आयोग अध्यक्ष को सभी चयनितों की जांच करानी चाहिए।

Posted By: Inextlive