सात साल बाद भी पूरी नहीं हो सकी है भर्ती प्रक्रिया

PRAYAGRAJ: सात साल की लंबी अवधि में भर्ती पूरी न होने से एपीओ यानी अपर निजी सचिव-2013 के अभ्यर्थियों का धैर्य जवाब दे गया है। अभ्यर्थियों ने भर्ती पूरी कराने के लिए आर-पार की लड़ाई छेड़ने का निर्णय लिया है। अभ्यर्थी प्रतिदिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग के अध्यक्ष को ई-मेल के जरिए ज्ञापन भेजेंगे। एक जुलाई से अभ्यर्थियों की मुहिम शुरू होगी। इसके साथ आयोग के गेट पर प्रदर्शन करने की रणनीति बनाई जा रही है। अभ्यर्थियों को एकजुट करने के लिए सोशल मीडिया में 'मिशन न्याय' चलाया जा रहा है।

क्या है पूरा मामला

लोकसेवा आयोग ने 2013 में एपीओ के 176 पदों की भर्ती निकाली थी।

परीक्षा में 10 हजार से अधिक अभ्यर्थियों ने आवेदन किया।

लिखित परीक्षा 11 अक्टूबर 2015 व शार्टहैंड ¨हदी की परीक्षा 16 फरवरी 2016 को हुई।

दोनों परीक्षाओं का रिजल्ट पांच सितंबर 2018 को घोषित कर दिया।

आयोग ने कंप्यूटर ज्ञान की परीक्षा के लिए 1047 अभ्यर्थियों को चुना है।

मामला कोर्ट में लंबित होने के कारण आयोग कंप्यूटर ज्ञान की परीक्षा नहीं करवा रहा है।

अभ्यर्थियों का कहना है

1986 की शासन की नियमावली के अनुसार शार्टहैंड में आठ प्रतिशत गलती करने वाले अभ्यर्थी को अयोग्य मानने का निर्देश है।

2001 में नई नियमावली बनी। इसमें पांच प्रतिशत तक गलती करने वाले अभ्यर्थियों को अयोग्य करने का निर्देश है।

एपीओ-2013 भर्ती परीक्षा में आयोग ने 1986 में बने नियम के आधार पर शार्टहैंड का रिजल्ट जारी किया है।

इससे अभ्यर्थियों ने कोर्ट में याचिका दाखिल कर दी। अभ्यर्थियों का दावा है कि कोर्ट ने आयोग को कंप्यूटर ज्ञान की परीक्षा कराने की अनुमति दे दी है।

Posted By: Inextlive