इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. रतन लाल हांगलू का इस्तीफा मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने मंजूर कर लिया है। राष्ट्रपति ने पूर्व कुलपति के खिलाफ वित्तीय और शैक्षणिक अनियमितताओं की जांच के लिए आदेश दे दिया है।


प्रयागराज (ब्यूरो)। छात्रों से लेकर यूनिवर्सिटी के टीचर्स के बीच भी इस्तीफा मंजूर किए जाने को लेकर संशय बना हुआ था। वहीं गुरुवार को वीसी के पक्ष में टीचर्स ने मानव श्रृंखला भी बनाई थी। लेकिन शुुक्रवार को एमएचआरडी की वेबसाइट पर नोटिफिकेशन अपलोड होने के साथ तमाम अटकलों पर विराम लग गया। इस नोटिफिकेशन में स्पष्ट तौर पर लिखा है कि राष्ट्रपति ने प्रो। रतन लाल हांगलू का इस्तीफा मंजूर कर लिया है।वेबसाइट पर किया अपलोड


इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो। रतन लाल हांगलू ने एक जनवरी को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद चीफ प्रॉक्टर रामसेवक दुबे और पीआरओ चितरंजन सिंह ने भी अपने-अपने पदों से इस्तीफा दे दिया था। हालांकि चीफ प्रॉक्टर और पीआरओ का इस्तीफा बाद में एक्टिंग वीसी ने नामंजूर दिया था। लेकिन रतन लाल हांगलू के इस्तीफे को लेकर संशय का दौर जारी था। वहीं संघटक कॉलेजों के टीचर्स ने जब वीसी के पक्ष में मानव श्रृंखला बनाई तो आशंका उठी कि कहीं दबाव में वीसी का इस्तीफा नामंजूर न हो जाए। लेकिन एमएचआरडी की वेबसाइट पर इस्तीफा मंजूर होने की नोटिस अपलोड होते ही तमाम अटकलों पर विराम लग गया।छात्रों में रही मिली-जुली राय

इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो। रतन लाल हांगूल के इस्तीफा मंजूर होने के बाद यूनिवर्सिटी के आम छात्रों के बीच मिली-जुली प्रतिक्रियाएं रही। बिहार के रहने वाले आदित्य कुमार बीएसी सेकेंड इयर के छात्र हैं। उन्होंने वाइस चांसलर के इस्तीफा एक्सेप्ट किए जाने पर खुशी जाहिर की। उन्होंने कहा कि इनसे काफी उम्मीदें थीं, लेकिन वह कभी पूरी नहीं हुईं। वहीं बीएसी थर्ड इयर के स्टूडेंट विश्वास त्रिपाठी ने बताया कि कुछ मामले में पूर्व वीसी ठीक थे। जहां तक छात्र राजनीति में उनके समय में काफी सुधार की उम्मीद थी, लेकिन कई मायने में उनके कार्य से छात्रों का निराशा ही हुई। इसके साथ ही यूनिवर्सिटी के पूर्व वीसी की तरफ से हॉस्टल में चलाए गए वाश आउट के कार्य की कई छात्रों सराहना की।राष्ट्रपति ने दिए जांच के आदेशवहीं राष्ट्रपति ने रतन लाल हांगलू के खिलाफ जांच के आदेश भी दिए हैं। इसके मुताबिक आरएल हांगलू पर लगे फाइनेंशियल, एकेडमिक और एकेडमिक इरेगुलरिटीज के आरोपों की जांच की जाएगी। वहीं नेशनल कमीशन ऑफ वुमन द्वारा लगाए गए मिसबिहैव के आरोपों की भी जांच की बात कही गई है।'कई डिपार्टमेंट में क्लासेस का संचालन ढंग से नहीं होता था, लेकिन पूर्व वीसी द्वारा हॉस्टल वॉशआउट के लिए उठाया गया कदम सराहनीय था।'-विश्वास त्रिपाठी

'यह छात्रों के संगठित होकर किए गए विरोध की जीत है। कई मामलों में पूर्व वीसी फेल रहे। भविष्य में आने वाले नए वीसी से छात्रों को ज्यादा उम्मीदें रहेंगी।'-आदित्य कुमारprayagraj@inext.co.in

Posted By: Inextlive