एसआरएन हॉस्पिटल में एक की मौत, दूसरा लखनऊ रेफर, 6 का इलाज जारी

सीएमपी डिग्री कॉलेज के पास हुआ हादसा, बहराइच से संगम स्नान के लिए आ रहे थे श्रद्धालु

PRAYAGRAJ: टूरिस्ट बस की छत पर बैठकर संगम स्नान के लिए आ रहे श्रद्धालु सिटी स्थित सीएमपी डिग्री कॉलेज चौराहे के पास बैरहना मोड़ पर बने डॉट पुल से टकरा गए। बुधवार दोपहर हुए हादसे की वजह से श्रद्धालुओं में चीख पुकार मच गई। हादसे में कुल आठ श्रद्धालु घायल हो गए। गंभीर रूप से घायल सुशील शुक्ला (35) की इलाज के दौरान मौत हो गई। हालत नाजुक देख रामू शुक्ला (32) को लेकर साथ रहे लोग पीजीआई लखनऊ चले गए। देर रात तक शेष छह घायलों का इलाज एसआरएन हॉस्पिटल में चलता रहा।

फाफामऊ में छत पर बैठे थे सभी

बहराइच जिले के हरदी थाना क्षेत्र स्थित मंगलपुरवा गांव शुक्लान बस्ती के करीब 55 से 60 लोग मौनी अमावस्या पर संगम स्नान के लिए आ रहे थे। मंगलवार सुबह एक टूरिस्ट बस में सवार होकर सभी संगम के लिए निकल लिए। बस बुधवार को फाफामऊ पहुंची और एक ढाबे पर रुकी। यहां सभी फ्रेश हुए और नाश्ता किए। इसके बाद संगम के लिए फिर बस में सवार हो गए। आकाश शुक्ला (25), सुशील शुक्ला (35), गुड्डू शुक्ला (40), रामू शुक्ला (22), जवाहर लाल (58), सूरज शुक्ला (19) व मुकेश अवस्थी बस की छत पर सवार हो गए। सीएमपी डिग्री कॉलेज चौराहे पर बने पुल से आगे दूसरे डॉट पुल के पास से निकल रही बस की छत पर सवार आकाश पुल से टकरा कर गिर पड़ा। यह देखकर बाकी शोर मचाते कि बस आगे बढ़ गई। बस की छत और पुल के बीच गैप कम होने से छत पर बैठे श्रद्धालु हड़बड़ी में लेटने के स्थान पर उठने की कोशिश करने लगे। इस चक्कर में वे पुल से टकराकर नीचे गिरते चले गये। बस में सवार श्रद्धालु व आसपास के लोग शोर मचाने लगे। पुलिस पहुंची तो सभी गंभीर रूप से कराह रहे थे। घायलों को एसआरएन हॉस्पिटल लाया गया। यहां सुशील और रामू शुक्ला की हालत गंभीर बताई गई। उपचार के दौरान सुशील शुक्ला की मौत हो गई। जबकि रामू को लेकर साथ रहे लोग पीजीआई लखनऊ चले गए। मृतक सुशील का चचेरा भाई पूर्व प्रधान तेजनारायण शुक्ल भी साथ में था। वह बाकी लोगों के साथ बस के अंदर बैठा हुआ था।

दावे ध्वस्त: क्यों नहीं रोकी गई बस

श्रद्धालुओं की सुरक्षा और उनकी निगरानी को लेकर अफसरों द्वारा किए गए दावे सीएमपी डिग्री कॉलेज पास हुए हादसे से ध्वस्त हो गए। तेलियरगंज से लेकर मेला क्षेत्र तक हर चौराहे पर मौनी अमावस्या पर्व को देखते हुए फोर्स लगाए जाने का दावा किया गया था। अधिकारियों को यह पता भी था कि बाहर से श्रद्धालु आएंगे और सीएमपी डिग्री कॉलेज के पास पुल की स्थिति क्या है। बावजूद इसके कई चौराहा पार करते हुए फाफामऊ से बस की छत पर बैठे श्रद्धालु सीएमपी चौराहा के पास बैरहना मोड़ डॉट पुल तक पहुंच गए। सवाल यह उठता है कि रास्ते में बस की छत पर बैठे श्रद्धालुओं को पुलिस द्वारा रोका क्यों नहीं गया? पुल न सही शहर में कई जगह बिजली के तार भी रोड के एक से दूरी तरफ खींचे गए हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए भी यदि उन्हें रोक दिया गया होता तो आज पुल से टकराने के कारण बस की छत पर बैठे श्रद्धालु की मौत व इतने लोग घायल न हुए होते।

Posted By: Inextlive