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बच्चे संक्रमित मिले हैं छह दिन में

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साल के नीचे की उम्र के हैं सभी बच्चे

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बच्चे औसतन रोज सामने आ रहे हैं संक्रमित

PRAYAGRAJ: संक्रमितों की संख्या बढ़ने के साथ ही खतरा बच्चों पर भी मंडराने लगा है। घर हो या बार बच्चों की सुरक्षा नया चैलेंज बनकर सामने आने लगा है। उन परिवारों के लिए डबल चैलेंज है जो कोरोना संक्रमित होने के बाद होम आइसोलेशन का ऑप्शन चूज कर रहे हैं। दोहरा चैलेंस इस सेंस में है कि बच्चों को लम्बे समय तक मास्क नहीं पहनाया जा सकता है। पांच साल से कम उम्र के बच्चों के लिए यह ज्यादा चैलेंजिंग है। एक तो ऐसे किसी बंधन में बंधना नहीं चाहते। दूसरा वह किसी न किसी के क्लोज कांटैक्ट में आते ही हैं। उनसे सोशल डिस्टेंसिंग फॉलो कराना मुश्किल है। इस स्थिति में उन्हें मास्क पहनाते समय ज्यादा सावधानी बरतनी की जरूरत है।

ऑक्सीजन लेवल मेंटेन करना जरूरी

एएमए से जुड़े पिडियाट्रिशियन डॉ घनश्याम मिश्रा कहते हैं कि वैसे तो बच्चों के लिए कोई प्राब्लम नहीं है। लेकिन, उनका आक्सीजन लेवल मेंटेन होना चाहिए। बच्चा कमरे में है और वहां से उसे पर्याप्त आक्सीजन मिल रहा है तो कोई दिक्कत नहीं है। दिक्कत बाहर निकलने में है। डाक्टर के यहां जाना है। मार्केट में जाना है। किसी काम के लिए घर से निकलना है तो बच्चों को मास्क पहनाना अनिवार्य है। क्योंकि सोशल डिस्टेंस मेंटेन करना उनके लिए संभव नहीं है। कोरोना से बचाव के लिए मास्क जरूरी है तो यह ध्यान रखना ज्यादा जरूरी है कि मास्क पहनने पर वह घुटन जैसा फील न करें। बच्चे अपनी बात बता नहीं सकते, इस स्थिति में उन्हें लगातार मॉनीटर करने की जरूरत होती है।

बच्चों के लिए ऐसा मास्क सेलेक्ट करें जो उन्हें अट्रैक्ट करे

उदाहरण के तौर पर उन्हें कोई कार्टून कैरेक्टर पसंद है तो वे खुद से लगाना पसंद करेंगे

मास्क का कपड़ा साफ्ट होना चाहिए ताकि उन्हें लगातार कुछ घंटे पहनना पड़े तो घुटन जैसा फील न करे

बच्चे तीन साल या उससे कम उम्र के हैं जो आक्सीजन लेवल मेंटेन करने के लिए पैरेंट्स एलर्ट रहें

बच्चा मास्क हटाने की जिद कर रहा है तो उसे सेफ प्लेस पर लेकर जरूर जाएं।

छोटे बच्चों का विहैबियर इवेन टीन एज के बच्चों से अलग होता है। आम तौर पर वे शांत नहीं बैठते। खेलते रहते हैं। इससे उन्हें ज्यादा आक्सीजन की जरूरत होती है। बच्चा घर में है और कोई संक्रमित नहीं है तो कोई दिक्कत नहीं है। बाहर निकलें तो बच्चे की स्पेशल केयर करें।

डॉ। घनश्याम मिश्र

पिडियाट्रिशियन

छोटे बच्चे हमेशा क्लोज कांटैक्ट में रहते हैं। बाहर निकलने पर भी ऐसा ही होता है। मार्केट प्लेस पर उन्हें मास्क पहनाकर रखना जरूरी है। इस स्थिति में किसी ऐसे स्थान पर न जाएं जिससे बच्चे को सफोकेशन हो।

डॉ नवीन कुमार सिंह

एमडी, पिडियाट्रिशियन

Posted By: Inextlive