-बारिश के साथ ही मच्छरों ने दी दस्तक, डेंगू के सामने आने लगे मामले

-स्वास्थ्य विभाग कर रहा इंकार, हॉस्पिटल्स में चलने लगा इलाज

PRAYAGRAJ: कोरोना की ऐसी दहशत है कि लोगों का ध्यान दूसरी बीमारियों की तरफ जा ही नहीं रहा। इस बीच डेंगू ने अपने पांव पसारने शुरू कर दिए हैं। भले ही स्वास्थ्य विभाग के पास डेंगू का एक भी केस रजिस्टर्ड नहीं हुआ है। लेकिन डेंगू के लक्षण वाले मरीज सामने आने लगे हैं। जांच में पता चल रहा है कि मरीज को कोरोना नहीं बल्कि डेंगू से मिलता-जुलता बुखार हुआ है। ऐसे में मरीज को भर्ती कर उसका डेंगू का इलाज किया जा रहा है।

इनका चल रहा डेंगू का इलाज

चकिया के रहने वाले प्रीतम सिंह को कुछ दिन पहले तेज बुखार आया था। यह देखकर उनके फैमिली मेंबर्स परेशान हो उठे। वह सभी कोरोना को लेकर आशंकित थे। कोरोना की जांच कराने पर रिपोर्ट निगेटिव आई तो सभी ने राहत की सांस ली। इसके बाद डॉक्टरों ने खून की जांच कराई तो प्लेटलेटस कम मिलीं। इसके बाद मरीज को भर्ती कर डेंगू का इलाज किया जाने लगा। अब मरीज की तबियत ठीक है, इसी परिवार के एक अन्य सदस्य में भी डेंगू से मिलते-जुलते लक्षण मिले हैं, उनका भी डेंगू का इलाज किया जा रहा है।

विभाग में नहीं दर्ज है केस

एक ओर डेंगू से मिलते-जुलते मामले सामने आ रहे हैं। वहीं दूसरी ओर स्वास्थ्य विभाग के पास अभी तक इसका एक भी केस दर्ज नहीं है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि अभी हम कोरोना से बचाव और रोकथाम में लगे हैं। डेंगू का मामला सामने आएगा तो इसकी जानकारी दी जाएगी। हालांकि हर साल अगस्त और सितंबर माह में डेंगू के मामले दर्ज होने शुरू हो जाते थे। लेकिन इस बार डेंगू को लेकर चर्चा तक नहीं हो रही है।

साधारण डेंगू के लक्षण

-ठंड लगने के बाद अचानक तेज बुखार चढ़ना।

-सिर, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द होना। गले में हल्का-सा दर्द होना।

-आंखों के पिछले हिस्से में दर्द होना, जो आंखों को दबाने या हिलाने से और बढ़ जाता है।

-बहुत ज्यादा कमजोरी लगना। भूख न लगना, जी मितलाना और मुंह का स्वाद खराब होना।

-शरीर खासकर चेहरे, गर्दन और छाती पर लाल-गुलाबी रंग के रैशेज होना।

-अधिकतर लोगों में क्लासिकल साधारण डेंगू बुखार पाया जाता है। यह करीब 5 से 7 दिन तक रहता है। इसमें मरीज जल्दी से ठीक हो जाता है।

डेंगू हैमरेजिक बुखार

-नाक और मसूढ़ों से खून आना

-शौच या उलटी में खून आना

-स्किन पर गहरे नीले-काले रंग के छोटे या बड़े चिकत्ते पड़ जाना

(अगर क्लासिकल साधारण डेंगू बुखार के लक्षणों के साथ यह लक्षण भी दिखाई दें तो ब्लड टेस्ट से इसका पता लग सकता है.)

डेंगू शॉक सिंड्रोम

इस बुखार के लक्षणों के साथ 'शॉक' की अवस्था के भी कुछ लक्षण दिखाई देते हैं।

मरीज बहुत बेचैन हो जाता है और तेज बुखार के बावजूद स्किन ठंडी महसूस होती है।

-मरीज धीरे-धीरे होश खोने लगता है। नाड़ी कभी तेज तो कभी धीरे चलने लगती है। ब्लड प्रेशर एकदम लो हो जाता है।

कोरोना से अलग है डेंगू

-कोरोना में मरीज को लगातार फीवर बना रहता है।

-इसके अलावा उसे सांस लेने में तकलीफ और खांसी की शिकायत भी हो सकती है।

-जबकि डेंगू में ठंड के साथ तेज फीवर आता है।

-इसमें मरीज को एक साथ आधा दर्जन लक्षण सामने आते हैं, जिसे एक नजर में पहचाना जा सकता है।

-इसलिए फीवर आने पर परेशान होने की जरूरत नहीं है। लक्षण के आधार पर ही फैसला लें।

डेंगू से बचाव

-सुबह और शाम को पूरे बदन के कपडे़ पहनें।

-सोते समय हो सके तो मच्छरदानी का यूज करें।

-घर के आसपास जल-जमाव होने पर उसमें जला हुआ मोबिल डाल दें

-डेंगू एडीज मच्छर के काटने से फैलता है जो काला सफेद चकत्तेदार होता है। इसे टाइगर मास्कीटो भी कहा जाता है।

अभी हमारे पास डेंगू का एक भी केस रजिस्टर्ड नहीं है। अगर कोई मामला आता है तो इसकी जानकारी दी जाएगी,

-डॉ एएन मिश्रा, प्रभारी, जिला संक्रामक रोग इकाई

मौसम शुरू हो चुका है, डेंगू से मिलते-जुलते मामले सामने आ रहे हैं। लोगों को होशियार हो जाना चाहिए, जल जमाव कतई न होने दें।

-डॉ। डीके मिश्रा, फिजीशियन

Posted By: Inextlive