-एल वन हॉस्पिटल में मरीजों को हंसने-हंसाने की चल रही क्लास

-मायूस और उदास मरीजों की साइकोलॉजिस्ट कर रहे काउंसिलिंग

PRAYAGRAJ: एल वन कोविड हॉस्पिटल्स में मरीजों को जल्द ठीक करने के लिए लॉफ्टर थेरेपी दी जा रही है। उन्हें रोजाना कुछ देर के लिए हंसने-हंसाने की डोज दी जा रही है। जिससे उनकी रिकवरी जल्द हो सके। कोटवा हॉस्पिटल में लॉफ्टर पीरियड शु़रू हो चुका है और बाकी कोविड हॉस्पिटल्स में इसकी तैयारियां शुरू हो गई हैं। इसके अलावा मरीजों की फोन पर साइकोलाजिस्ट से काउंसिलिंग भी कराई जा रही है।

एक साथ होती हैं कई थेरेपी

लॉफ्टर से बॉडी को एक साथ कई फायदे होते हैं। इससे फेशियल मसाज के साथ फेफड़ों की मांसपेशियों की भी एक्सरसाइज होती है। जिससे बॉडी को भरपूर मात्रा में ऑक्सीजन का संचार होता है। हंसने-हंसाने से दिमाग भी स्वस्थ होता है। इसी को ध्यान में रखकर कोटवा के कोविड हॉस्पिटल में लॉफ्टर थेरेपी की शुरुआत की गई है। इसके तहत मरीजों को हंसाने-हंसानेके लिए प्रेरित किया जाता है। इससे वह मानसिक रूप से स्वस्थ होने के साथ उनका अकेलेपन का अहसास भी कम होता है।

मरीजों का साथ देता है स्टॉफ

लाफ्टर थेरेपी में भर्ती मरीजों का साथ हॉस्पिटल का स्टॉफ भी देता है। यह लोग मरीजों के जोक्स पर हंसते हैं तो उन्हें हंसाने की कोशिश भी करते हैं। कई बार मोबाइल पर ही डॉक्टर्स जोक्स सुनाते हैं। जिसे वार्ड में स्पीकर पर सभी मरीजों को सुनाया जाता है। मरीज भी अपने अनुभवों या जिंदगी में हुई घटनाओं को सुनाकर माहौल को हल्का करने की कोशिश करते हैं। कुल मिलाकर मरीजों को हंसी का फुल डोज देने की कोशिश की जाती है।

दूर हो जाती हैं साइकोलॉजिकल प्रॉब्लम्स

इसके साथ मरीजों की मानसिक उलझनों को दूर करने के लिए उनकी काउंसिलिंग भी की जा रही है। फोन पर उनकी साइकोलॉजिस्ट्स से बात कराई जाती है। ऐसे में मरीजों की कई मानसिक दिक्कतों का निस्तारण कराया जाता है। मरीजों को बताने की कोशिश होती है कि वह जल्द ही ठीक हो जाएंगे। मानसिक रूप से मरीजों को स्वस्थ बनाने से उनकी रिकवरी में काफी फायदा पहुंचता है। मरीजों की काउंसिलिंग के लिए स्वास्थ्य विभाग ने मनोचिकित्सकों को अपॉइंट कर रखा है।

मरीजों के स्वास्थ्य के लिए लगातार नए तरीके अपनाए जा रहे हैं। योग और एंटरटेनमेंट का इंतजाम पहले ही किया गया था। अब लॉफ्टर थेरेपी भी दी जा रही है। इससे उनके फेफड़े मजबूत होते हैं। मानसिक रूप से मजबूत बनाने केलिए फोन पर काउंसिलिंग कराई जा रही है।

-डॉ। उत्सव सिंह, प्रभारी, कोटवा हॉस्पिटल

Posted By: Inextlive