सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम

02 एडिशनल एसपी

02 एसपी

07 थानों की फोर्स

02 प्लाटून पीएसी

03 इमरजेंसी एंबुलेंस

02 फायर ब्रिगेड

-प्रमुख चौराहों पर सादे वर्दी में तैनात रहेंगे पुलिसकर्मी

-कचहरी गेट पर वाहनों का आवागमन प्रतिबंधित

-कोर्ट के अंदर करवरिया बंधुओं के साथ गिने-चुने लोगों को जाने की परमिशन

-कोर्ट परिसर के अंदर और बाहर एलआईओ की टीम मौजूद

-एसएसपी खुद करेंगे पूरे मामले की मॉनीटरिंग

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-जवाहर पंडित हत्याकांड में करवरिया बंधु और उनके चचेरे भाई पर सिद्ध हो चुका है दोष

PRAYAGRAJ: सपा विधायक जवाहर पंडित हत्याकांड में करवरिया बंधुओं को सोमवार को सजा सुनाई जाएगी। पूर्व सांसद कपिल मुनि करवरिया, पूर्व विधायक उदयभान करवरिया व पूर्व एमएलसी सूरजभान करवरिया और उनके चचेरे भाई कल्लू को कोर्ट 31 अक्टूबर को दोष सिद्ध हो चुका है। सजा के बिन्दु पर सोमवार को कोर्ट में सुनवाई होगी। सजा को लेकर करवरिया बंधुओं और विपक्षी जवाहर पंडित के खेमे में रविवार को पूरे दिन चर्चा होती रही। इस दौरान धाराओं में वर्णित सजा के प्रावधानों को लेकर दोनों पक्ष कयासबाजी करते रहे।

गरम रहा चर्चाओं का बाजार

13 अगस्त 1996 को सिविल लाइंस में तत्कालीन विधायक जवाहर पंडित की दिनहदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। घटना के 23 साल से भी ज्यादा समय के बाद 31 अक्टूबर को कोर्ट में आरोपितों पर दोष सिद्ध किया। अब सोमवार को इस मामले में सजा सुनाई गई। हत्या और विवाद के पीछे बालू खनन को मुख्य कारण बताया गया था। करवरिया बंधु मूल रूप से कौशाम्बी जिले के सदर तहसील स्थित चकनारा गांव के निवासी हैं। बालू कारोबार से उठे करवरिया बंधु का खनन सम्राज्य इलाहाबाद तक फैला हुआ था। जवाहर पंडित की नजर करवरिया बंधु के इलाहाबाद वाले दो घाट पर थी। दोनों खेमों में विवाद की असल जड़ यही दो घाट बताए गए थे।

धारा परिभाषा

147 बलवा करना

148 घातक आयुध से बलवा करना

149 लोग पांच या इससे अधिक हों

302 हत्या

307/149 हत्या का प्रयास व बलवा

7-क्रिमिनल लॉ अमेंडमेंट एक्ट, दहशत फैलाना, अफरा-तफरी, माहौल अशांत होना

किस धारा में है कितनी सजा का प्रावधान

धारा 147 में दो साल कारावास व जुर्माना या दोनों

धारा 148 में तीन साल का कारावास या जुर्माना या दोनों

धारा 149 में तीन साल का कारावास या जुर्माना या दोनों

धारा 302 में आजीवन कारावास या मृत्युदंड और जुर्माना

धारा 307 में आजीवन कारावास या दस साल की सजा और जुर्माना

धारा 7-क्रिमिनल लॉ अमेंडमेंट एक्ट में तीन साल तक की सजा है

मृत्युदंड के लिए निर्धारित हैं कंडीशन

अधिवक्ता बताते हैं कि सजा के बिंदु पर सबसे बड़ी धारा पर ही बहस की जाती है। जवाहर पंडित मर्डर केस में दोष सिद्ध करवरिया बंधुओं के खिलाफ सबसे बड़ी धारा 302 है। इस धारा में आजीवन कारावास या मृत्युदंड और जुर्माने का प्रावधान है। मृत्युदंड का प्रावधान ऐसी स्थिति में है जब हत्या जघन्य हो। जैसे गोली मारने के बाद शव को क्षत-विक्षत कर दिया जाय। या किसी व्यक्ति को कई टुकड़ों में काट डाला जाय आदि। अब यह कोर्ट पर डिपेंड करता है कि वह किस घटना को कैसे जघन्य की श्रेणी में मानता है।

Posted By: Inextlive