विद्युत उत्पादन कम्पनियों के मामले में सुनवाई 9 अगस्त को

अधिवक्ता सिंघवी ने कहा, रिजर्व बैंक के सर्कुलर से पावर कम्पनियों की हालत त्रिशंकु हो जायेगी

इलाहाबाद हाई कोर्ट विद्युत उत्पादन कम्पनियों की खस्ता हालत व रिजर्व बैंक के 12 फरवरी 18 के सर्कुलर से उत्पन्न संकट से निजात पाने को लेकर दाखिल याचिकाओं की सुनवाई कर रहा है। अगली सुनवाई 9 अगस्त को होगी। कोर्ट ने फिलहाल अन्तरिम राहत नहीं दी है। अगली तिथि को इस पर सुनवाई होगी।

बैंक ने नहीं किया कोई प्रयास

विद्युत उत्पादन कम्पनियों के एसोसिएशन सहित 29 कम्पनियों की तरफ से दाखिल याचिका की सुनवाई चीफ जस्टिस डीबी भोसले तथा जस्टिस यशवन्त वर्मा की खण्डपीठ कर रही है। याचिका पर वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी का कहना है कि भारत सरकार ने पॉवर कम्पनियों को बुलाया। पावर पर्चेज एग्रीमेन्ट किया गया। कम्पनियां विद्युत उत्पादन कर रही है किन्तु सरकार उन्हें भुगतान नहीं कर रही। संसदीय कमेटी ने राहत के सुझाव दिये हैं। प्रधानमंत्री कार्यालय ने हाई पावर कमेटी का गठन किया है जो एनपीए से उबारने पर विचार करेगी। रिजर्व बैंक ने सर्कुलर जारी कर बैंको को रिस्ट्रक्चरिंग के लिए केवल 180 दिन का ही समय दिया है। जिसकी अवधि 27 अगस्त को पूरी हो रही है। बैंको ने कोई प्रयास नहीं किये। सर्कुलर में 200 करोड़ से अधिक बकाये वाली कम्पनियों से 20 फीसदी लेकर रिस्ट्रक्चरिंग की बैंको को छूट दी गयी है। पावर अधिकारियों पर 14 हजार करोड़ का बकाया है। कम्पनियां उत्पादन रोक नहीं सकती और उन्हें कोयला पावर पर्चेज करार के तहत दिया जाता है।

60 दिन का समय बढ़ाया जाय

सिंहवी का कहना है कि 27 अगस्त के बाद पावर कम्पनियों पर होने वाली कार्यवाही से उनकी सिविल डेथ हो जायेगी। भारत सरकार के अपर सालीसिटर जनरल शशि प्रकाश सिंह का कहना है कि प्रधानमंत्री द्वारा राहत के लिए गठित हाई पावर कमेटी को अभी दो माह लगेगे। इस पर कोर्ट ने जानना चाहा क्या रिजर्व बैंक गवर्नर वित्त व पावर सचिव बैठकर हल नहीं निकाल सकते। रिजर्व बैंक के अधिवक्ता अनुराग खन्ना ने कहा कि सर्कुलर से बैंकों को छूट दी गयी है। उसके बाद कम्पनियां दिवालिया घोषित करने या कम्पनी लॉ अधिकरण में जा सकती है। कोर्ट ने जानना चाहा कि क्या 60 दिन का समय नहीं बढ़ाया जा सकता। उन्होंने समय मांगा। सिंहवी का कहना है कि पावर कंपनियों ही हालत त्रिशंकु की हो गयी है। 27 अगस्त को लॉक आउट कर देंगे इसलिए रोक लगाई जाए।

Posted By: Inextlive