हाई कोर्ट ने कहा, 'जांच के बाद यदि आवश्यक हो तो कार्रवाई करें'

PRAYAGRAJ: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश के जंगलों में संरक्षित वन्य जीवों के विलुप्त होने के मामले की जांच का आदेश दिया है। कोर्ट ने मुख्य वन संरक्षक (वन्य जीव) को निर्देश दिया है कि वह मामले की जांच करके यदि आवश्यक हो तो कार्रवाई करे। रेड ल्युनिक्स कंडफेडरेशन की ओर से संगीता डोगरा द्वारा दाखिल जनहित याचिका निस्तारित करते हुए यह आदेश चीफ जस्टिस गोविंद माथुर और जस्टिस एसडी सिंह की बेंच ने दिया है।

संक्रामक बीमारियों के शिकार हो रहे

याचिका में कहा गया कि उत्तर प्रदेश के वनों में संरक्षित प्रजाति के वन्य जीव तेजी से विलुप्त हो रहे हैं। तमाम वन्य जीव संक्रामक बीमारियों का शिकार होकर मर रहे हैं। इस मामले में इंडियन वेटेनरी काउंसिल एक्ट और वन्य जीव संरक्षण अधिनियम की धाराओं में मुकदमा दर्ज करने की मांग की गई। साथ मामले की जांच कर दोषी अधिकारियों पर भी कार्रवाई की मांग की गई। याचिका इससे पूर्व 16 जून को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध हुई थी। लेकिन, याची की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुआ। दूसरी बार भी सुनवाई के समय याची का पक्ष रखने कोई नहीं आया, जबकि याची ने स्वयं उपस्थित होकर बहस की अनुमति मांगी थी। इस पर कोर्ट ने याचिका निस्तारित करते हुए मुख्य वन संरक्षक को मामले की जांच कर उचित कार्रवाई का निर्देश दिया है।

Posted By: Inextlive